Sanjay Dutt Negative Roles: साउथ के सुपरस्टार थलापति विजय (Thalapathy Vijay) की फिल्म ‘लियो’ (Leo) से संजय दत्त (Sanjay Dutt) ने साउथ फिल्मों में डेब्यू किया है। इस फिल्म में संजय ने नेगेटिव रोल निभाया है जो इतना धांसू है कि लोगों की आंखें फटी रह गईं। हालांकि ऐसा नहीं है कि ये पहली बार है जिसमें एक्टर ने नेगेटिव किरदार निभाया हो। इससे पहले भी कई फिल्मों में संजू बाबा अपने नकारात्मक भाईगिरी वाले प्ले से फिल्म के हीरो को मात दे चुके हैं। एक फिल्म में तो एक्टर का रोल इतना खतरनाक था कि लोगों की नींद ही उड़ गई थी। बच्चे तो इस रूप में संजय को देखकर डर ही गए थे। आइए जानते हैं कि वो कौन सी फिल्में हैं जिनमें संजय दत्त ने नेगेटिव रोल प्ले कर वाहवाही लूटी थी।
‘खलनायक’ (Sanjay Dutt Negative Roles)
साल 1993 में आई फिल्म ‘खलनायक’ (Khalnayak) से संजय दत्त ने नेगेटिव किरदार करने की शुरुआत की थी। इस रोल में संजय ने तहलका मचा दिया था, हर किसी को उनके ये करेक्टर इतना पसंद आया की फिल्म ब्लॉकबस्टर हिट साबित हुई। इस फिल्म में संजय दत्त ने बलराम राकेश प्रसाद उर्फ बल्लू का किरदार निभाया था।
आज भी लोग फिल्म को देखना बेहद पसंद करते हैं।
‘वास्तव’
संजय दत्त ने फिल्म वास्तव (Vaastav) में भी अंडरवर्ल्ड डॉन का किरदार निभाया था।
उनके इस रोल को खूब पसंद किया गया और ये बॉक्स ऑफिस पर हिट भी साबित हुई।
‘मुसाफिर’
संजू बाबा ने अपने एक्टिंग करियर में कई दमदार रोल निभाए हैं। फिल्म मुसाफिर (Musafir) में संजय ने विलेन का रोल निभाया था जिसे लोगों ने बहुत प्यार दिया।
फिल्म का गाना ‘साकी साकी’ आज भी लोगों की जुबान पर चढ़ा हुआ है जो काफी हिट हुआ था।
‘अग्निपथ’
अगर सुनील दत्त के लाडले के उस किरदार की बात करें जिसने लोगों को डरा कर रख दिया था। वो फिल्म है अग्निपथ (Agnipath) । जिसमें संजय दत्त ने कांचा नाम का किरदार निभाया था।
इस रोल में वो इतने भयानक लग रहे थे कि बच्चे भी डर गए। दरअसल वो लग ही इतने खतरनाक रहे थे।
‘पानीपत’ (Sanjay Dutt Negative Roles)
कृति सेनन और अर्जुन कपूर मल्टीस्टारर फिल्म पानीपत (Panipat) में संजय दत्त ने अहमद शाह अब्दाली का किरदार निभाया था।
इस किरदार में वो इतने फिट बैठे थे कि सभी ने उनकी खूब तारीफ की, उनके आगे अर्जुन कपूर की एक्टिंग धरी की धरी रह गई।
‘KGF 2’ (Sanjay Dutt Negative Roles)
‘केजीएफ चैप्टर 2’ (KGF 2) में भी संजय दत्त के नेगेटिव रोल ने फिल्म को यादगार बना दिया।
बतौर विलेन संजय ने फिल्म की कहानी में ऐसा समां बांधा कि देखने वाले फिल्म छोड़कर उठ नहीं पाए।