All India Rank Movie Review: 23 फरवरी 2024 को सिनेमाघर में एक साथ तीन बॉलीवुड फिल्में रिलीज हुई हैं। पहली यामी गौतम स्टारर ‘आर्टिकल 370’ और विद्युत जामवाल की ‘क्रैक’ और तीसरी फिल्म है राइटर वरुण ग्रोवर की डायरेक्टोरियल डेब्यू फिल्म ‘ऑल इंडिया रैंक’ है। गीतकार और राइटर के तौर पर अपनी अलग पहचान बनाने वाले वरुण ग्रोवर की फिल्म आज थियेटर में रिलीज हो गई है।
मिडिल क्लास फैमिली की सच्चाई
मिडिल क्लास फैमिली के बच्चों पर पैदा होने के बाद से ही बड़े होकर डॉक्टर या इंजीनियर बनने का प्रेशर बना दिया जाता है। मिडिल क्लास परिवार में छोटे से ही बच्चों को मां-बाप अपने सपने बताने लगते है और उनके ड्रीम्स के बारे में पूछते ही नहीं है। इस प्रेशन के चलते ना जाने कितने बच्चे अपने मन की बात कभी किसी से कह ही नहीं पाते हैं। वरुण ग्रोवर की फिल्म की स्टोरी लाइन भी ऐसी है।
‘ऑल इंडिया रैंक’ की कहानी
यह फिल्म 17 साल के एक ऐसे लड़के की है, जो अपने पापा के दबाव में आकर आईआईटी की तैयारी करने लगता है। जहां अपने स्कूल का टॉपर विवेक किसी यूनिवर्सिटी से पढ़ना चाहता है लेकिन अपने पापा की जिद्द की वजह से वो कोटा पहुंच जाता है और यह बात तो सभी जानते है कि कोटा को आईआईटी कोचिंग का महाकुंभ कहा जाता है। जहां उसे दो अपने जैसे सीनियर और एक क्लासमेट सारिका कुमारी मिलती है।
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12वी फेल से तुलना
बीएचयू से आईआईटी करने वाले मूवी के डायरेक्टर वरुण ग्रोवर की यह फिल्म कहीं ना कहीं लोगों से कनेक्ट नहीं कर पाई है। एक तो यह मूवी ऐसे टाइम पर रिलीज हुई है, जब हर कोई इस फिल्म की तुलना विक्रांत मेसी स्टारर ’12वीं फेल’ से कर रहा है। मगर विधु विनोद चोपड़ा के डायरेक्शन में बनी ’12वीं फेल’ और ‘ऑल इंडिया रैंक’ के बीच मध्य वर्गीय परिवार और कॉम्पिटिटिव एग्जाम के अलावा कुछ भी एक जैसा नहीं है। स्टोरी लाइन से लेकर एक्टिंग सब कुछ इन दोनों फिल्मों में बिल्कुल अलग है।
क्या है फिल्म में कमी?
कुल मिलाकर 94 मिनट की इस फिल्म में लोगों कुछ खास देखने को नहीं मिला है, जो आजतक उन्होंने नहीं देखा हो। डायरेक्शन से लेकर एक्टिंग हर जगह पर फिल्म कमजोर साबित हुई है। यूथ और कम्पटीशन को ऐसी फिल्मों में बखूबी दिखाया जाता है, लेकिन यहां भी वरुण की मूवी मात खा गई है।