RIP Bhupindra Singh: संगीत की दुनिया को एक और दिग्गज ने अलविदा कह दिया। बीती रात मशहूर गायक भूपिंदर सिंह (Bhupindra Singh) का मुंबई में निधन हो गया। गायक के निधन के बाद इंडस्ट्री में शोक की लहर छाई है। आइए जानते हैं गायक भूपेंद्र सिंह से जुड़ी कुछ अनसुनी बातें:
ब्रिटिश राज के दौरान साल 1940 में गायक भूपिंदर सिंह का जन्म पंजाबी परिवार में पटियाला परिवार में हुआ था। दरअसल गायक के पिता खुद एक संगीतकार थे। भूपेंद्र सिंह को बचपन से ही संगीत की तालीम मिली थी। हालांकि ऐसा बताया जाता है कि चूकिं गायक के पिता संगीत को लेकर बेहद सख्त थे तो इसलिए बचपन में भूपेंद्र सिंह को संगीत से नफरत हो गई थी।
जैसे जैसे समय आगे बढ़ता गया वैसे ही उनकी गायकी में रुचि बढ़ने लगी। भूपिंदर सिंह को संगीत की शिक्षा तो घर से ही मिली थी, लेकिन सबसे पहले संगीत में गजल गाने में उनकी रुचि जागी। इसके बाद उन्होंने अपने करियर की शुरुआत आकाशवाणी से की थी। आकाशवाणी में पहला प्रोग्राम करने के बाद उन्हें दूरदर्शन केंद्र में गाने का अवसर मिला। ऑल इंडिया रेडियो से ही उनको गायकी के क्षेत्र में आगे बढ़ने का मौका मिला।
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जानकारी के मुताबिक, गायक भूपिंदर सिंह गाना तो बेहतरीन गाते ही थे इसके अलावा वह गिटार भी बजाया करते थे। उन्होंने दूरदर्शन केंद्र दिल्ली में प्रस्तुति दी थी और इसी दौरान उन्होंने वायलिन और गिटार भी सीखा था। ऑल इंडिया में उनकी आवाज सुनने के बाद संगीतकार मदन मोहन ने उन्हें मुंबई बुला लिया था और उन्हें सबसे पहला मौका फिल्म हकीकत में गाने का मिला। इस फिल्म में उन्होंने ‘होके मुझे मजबूर बुलाया होगा’ गजल को अपनी आवाज दी।
शुरुआत में भूपिंदर सिंह कम बजट की फिल्मों में भी गायकी करते रहे और इसी दौरान उन्होंने खुद की लिखी गजलों में नया एक्सपेरिमेंट कर सबको हैरान कर दिया। उन्होंने गजल को ड्रम और स्पेनिश गिटार की धुन के साथ पेश किया। इस प्रयोग के बाद उन्हें एक खास पहचान हासिल हुई।
भूपेंद्र सिंह ने बॉलीवुड में “मौसम”, “सत्ते पे सत्ता”, “अहिस्ता अहिस्ता”, “दूरियां”, “हकीकत” और कई अन्य फिल्मों के गानों को अपनी बेहतरीन आवाज दी। आज बेशक वो हमारे बीच नहीं हैं लेकिन अपनी गायकी से वो अमर हो गए।
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