Animal Movie Review / Ashwani Kumar : ये एडल्ट कभी खुशी, कभी ग़म है’ रणबीर कपूर ने जब ये बात ‘एनिमल’ से जुड़े इकलौते प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही, तब बहुतों को ये मज़ाक लगा होगा, लेकिन इससे बड़ा सच कोई और नहीं। एक परिवार, उसकी विरासत, उसके जायदाद, उलझे रिश्ते, प्यार, बाप-बेटे के बीच बचपन से चली आ रही तल्ख़ी, बचपन के प्यार को एल्फ़ा मेल का कॉन्सेप्ट समझाकर उसकी ही सगाई तुड़वाकर अपनाने का सेक्वेंस और रिश्ते को पूरी शिद्दत से निभाना और इन सबके बीच ऐसे इंटीमेट सीन्स, जो जबरदस्ती ठुंसे नहीं गए, ऐसा ख़ून खराबा, जो भारतीय सिनेमा में आज तक नहीं देखा गया।
यह भी पढ़ें : Dunki Drop 3 के साथ रिलीज हुआ ‘निकले थे कभी हम घर से’ गाना, दिल छू लेंगे बोल
फैमिली लेकर थियेटर जाने का खतरा ना उठाएं (Animal Movie Review)
एनिमल, डायरेक्टर संदीप रेड्डी वेंगा के करियर ये की तीसरी फिल्म है, और अपने तीसरी ही फिल्म में संदीप ने बिना शर्म, बिना लिहाज के एक ऐसी फिल्म परोस दी है, जो कोई और फिल्म-मेकर करने क्या, सोचने से पहले भी हज़ार बार पीछे हटेगा। बार-बार समझ लीजिए कि वाकई ये 18+ की उम्र वाले यानि व्यस्कों की फिल्म है। फैमिली लेकर थियेटर जाने का खतरा ना उठाएं। ना तो कमज़ोर दिल, जल्दी सोशल जस्टिस और जेंडर इक्वैलिटी का झंडा उठाने वालों के लिए एनिमल देखने का खतरा मोल नहीं लेना चाहिए।
अपनी कहानी का पंजा थियेटर में बैठे लोगों पर कसा
3 घंटे 21 मिनट तो आजकल लोग क्रिकेट मैच भी एक जगह, एक बार बैठकर नहीं देख सकतें। ऐसे में डायरेक्टर संदीप रेड्डी वेंगा ने ना सिर्फ़ अपनी कहानी का पंजा थियेटर में बैठे लोगों पर कसा है, बल्कि एक ऐसा ख़ून-ख़राबे वाला संसार रच दिया है, जहां ख़ून पानी की तरह बहता है।
ये है फिल्म की कहानी
एनिमल की कहानी – देश के सबसे बड़े बिजनेसमैन बलबीर सिंह और उनके बेटे रणविजय सिंह बलबीर की है। बाप के पास वक्त नहीं है कि वो बेटे से प्यार जता सके और बेटा, बाप की आंख़ों में ज़रा सा प्यार, ज़रा सी इज्ज़त देखने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है। बहन को कॉलेज की रैंगिंग से बचाने के लिए वो गन लेकर क्लासरूम में फायरिंग कर देता है। इसकी सज़ा के तौर पर उसे घर और रिश्तों से हज़ारों किलोमीटर दूर बोर्डिंग में भेज दिया जाता है। रणविजय, अपने पिता और परिवार के लिए अपनों से उलझता है। अपने बचपन के प्यार गीतांजली को जीतने के लिए रणविजय उसमें आग भरता है। कमाल ये है कि संदीप ने गीतांजली और रणविजय के बीच का जो रिश्ता पिरोया है, उसमें बेइंतहा प्यार है, एक दूसरे की कद्र है लेकिन साथ ही ऐसा विद्रोह है, जो आपको अपनी ओर खींचता चला जाएगा।
रणविजय सिंह का रंग देखकर आप दहल उठेंगे
बलबीर सिंह पर अनजाने हमलावरों के गोली दाग़ने के बाद गीतांजली और बच्चों के साथ 8 साल बाद वापस लौटे रणविजय सिंह का रंग देखकर आप दहल उठेंगे। इस कहानी में बाप-बेटे के रिश्ते के साथ, जायदाद के लिए अपनों के बीच महाभारत का ऐसा रंग रच दिया गया है, जिसमें ख़ून ही ख़ून का दुश्मन होता है और अपने ही ख़ून का बहना, हालात की मज़बूरी बन जाती है। फिल्म के फर्स्ट फ्रेम से लेकर क्रेडिट रोल के बाद तक ये कहानी चलती रहती है और फिर अगली फिल्म ‘एनिमल पार्क’ का ऐलान हो जाता है, जिसमें रणबीर वर्सेज़ रणबीर होने वाले हैं। अब आप इसे स्प्वाइलर कह सकते हैं, लेकिन सच ये है कि संदीप ने कहानी में इतने रंग भर दिए हैं कि इतना मामुली सा स्प्वाइलर कोई मायने नहीं रखता।
रणबीर कपूर की सबसे बेस्ट परफॉरमेंस
सिर्फ़ कहानी के मामले में नहीं, सिनेमैटोग्राफ़ी से लेकर, बैकग्राउंड स्कोर से लेकर, फिल्म के गानों तक… एनिमल एक नज़ीर है और परफॉरमेंस पर आइएगा, तो पाइएगा कि रणबीर कपूर की अब तक की सारी फिल्मों को एक पलड़े पर रख दीजिए और एनिमल को एक पलड़े पर रख दीजिए, तो पलड़ा एनिमल की ओर ही झुकेगा। संदीप रेड्डी ने रणबीर कपूर से उनके करियर की अब तक की सबसे शानदार परफॉरमेंस करवाई है और अगले फिल्म का टीजर दिखाते हुए, उससे भी आगे, उससे भी बेहतर, उससे भी वायलेंट किरदार का वायदा भी कर दिया है। रश्मिका मंदाना ने गीतांजली के किरदार को ऐसे जिया है, कि आपका मुंह खुला का खुला रह जाएगा। अनिल कपूर के चेहरे पर एक्सप्रेशन्स का आना-जाना उनके हुनर का सुबूत है। बॉबी देओल का फिल्म में कैमियो है, जी फिर से सुनिए – कैमियो है, लेकिन ये कैमियो, कई-कई ए क्लास एक्टर्स की बड़ी-बड़ी फिल्म पर भारी है।