Vikram Bhatt: ‘यशोदा’ फिल्म से सुर्खियों में आईं साउथ एक्ट्रेस सामंथा रुथ प्रभु (Samantha Ruth Prabhu) ने बीते महीने जानकारी दी थी कि वह ‘मायोसिस्ट’ नाम की बीमारी से जूझ रही हैं। एक्ट्रेस ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए इस बात की जानकारी थी। पोस्ट में उन्होंने ये भी बताया था कि ये बीमारी जानलेवा तो नहीं है, लेकिन इससे मसल्स में बहुत ही दर्द होता है। समंथा के बाद अब मशहूर फिल्म डायरेक्टर विक्रम भट्ट ने भी एक ऐसी जानकारी दी है, जिसे सुनकर फैंस हैरान हो गए हैं।
सामंथा रुथ प्रभु से मिली विक्रम भट्ट को हिम्मत
राज जैसी फिल्मों का निर्देशन करने वाले विक्रम भट्ट (Vikram Bhatt) ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया है कि वह पिछले 18 सालों से एक ऐसी बीमारी से जुझ रहे हैं, जिससे न सिर्फ मसल्स पर, बल्कि नींद और याददाश्त पर भी असर पड़ता है। इसके साथ ही उन्होंने इंटरव्यू के दौरान साउथ सामंथा रुथ प्रभु (Samantha Ruth Prabhu) के लिए खास मैसेज दिया है। बिक्रम ने कहा कि एक्ट्रेस की हिम्मत देखने के बाद ही आज वह अपनी बीमारी के बारे में बात कर पा रहे हैं।
इस बीमारी से जुझ रहे हैं विक्रम भट्ट
इंटरव्यू के दौरान विक्रम भट्ट ने बताया कि वह लंबे समय से फाइब्रोमायल्गिया नामक बीमारी से जूझ रहे हैं। डायरेक्टर ने इस खास बातचीत में कहा, ‘मैं इससे पिछले 18 सालों से जूझ रहा हूं। सामंथा के केस में ‘मायोसिस्ट’ बीमारी से मसल्स में वीकनेस आती है और मेरी फाइब्रोमाइल्गिया बीमारी में मसल्स में बहुत ज्यादा दर्द होता है, जोकि अन्य दर्द से बिलकुल अलग होता है। जो एक आम इंसान के लिए दर्द भरा नहीं होता, मेरे लिए वह भी बहुत ज्यादा दर्दनाक होता है। इस डिसऑर्डर का कोई तोड़ नहीं है, क्योंकि इसमें आपकी बॉडी आप पर हावी होती है। इस बीमारी में सिर्फ मेडिटेशन और एक अच्छी नींद ही काम आ सकती है। मैं लकी हूं कि मेरे पास एक अच्छा सपोर्ट सिस्टम है, लेकिन ये बहुत कठिन भी है।
सामंथा रुथ प्रभु से विक्रम भट्ट ने कही ये बात
विक्रम भट्ट ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, ‘ये बहुत ज्यादा कठिन सफर रहा है, जिसने मुझसे मेरा बहुत कुछ लिया है, लेकिन मुझे मजबूत भी बनाया है। मैं सामंथा तक पहुंचना चाहता हूं और उन्हें ये बात कहना चाहता हूं, जब मैं ये कर सकता हूं, तो आप भी कर सकती हैं। मैं इस बात के लिए बहुत ही ज्यादा खुश हूं कि उन्होंने अपनी बीमारी पर खुलकर बात की। अपनी बीमारी को छुपाना उतना ही मुश्किल है, जितना उस दर्द से लड़ना’।
अपनी बीमारी के बारे में बात करते हुए विक्रम भट्ट ने ये भी बताया कि जब उन्हें इसका पता चला था तो उन्हें ये भी अंदाजा नहीं था कि क्या हो रहा है। उन्होंने कहा, ‘शुरुआती चार साल तो मुझे ये ही नहीं पता चला था कि क्या हो रहा है। मुझे डिप्रेशन होने लगा था, सिर दर्द होता होता है। बहुत बार हम सोचते हैं कि ये अलग बीमारी है और हम इसका अलग ही इलाज करते हैं। मेरे एक फिजियोथेरेपी दोस्त ने मुझे फाइब्रोमायल्गिया जैसी बीमारी को समझाने में मदद की’।
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हरिवंश राय बच्चन की कविता बना सहारा
इसी तरह अपनी बीमारी के लक्षणों के बारे में बात करते हुए विक्रम भट्ट ने बताया कि फाइब्रोमायल्गिया का कोई इलाज नहीं है, लेकिन वह खुद को और अपनी हेल्थ को कैसे बेहतर रखते हैं। उन्होंने कहा, ‘दो कविताएं ऐसी थीं जिन्होंने मुझे इस बीमारी से लड़ने की हिम्मत दी। इसमें पहली हरिवंश राय बच्चन की अग्निपथ और दूसरी इनविक्टस कविताएं शामिल हैं। ये वो कविताएं हैं जिन्होंने नेल्सन मंडेला को जेल में एक उम्मीद की किरण दी थी’। विक्रम भट्ट ने इस बात की जानकारी अमिताभ बच्चन से भी शेयर की है।
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