Thank God Film Review: सात कर्मों की कसौटी पर कितनी खरी उतरी थैंक्स गॉड? देखने से पहले इसे जरूर पढ़ें
thanks god Film Review
Thank God Film Review, Navin Singh Bhardwaj : सदियों से वेदों और पुराणों के अनुसार आस्था है, विश्वास है कि मृत्यु के बाद इंसान या तो स्वर्ग जाता है या फिर नर्क। लेकिन, इनमें से किधर जाने को मिलेगा, ये उनके पाप और पुण्य से निर्धारित होता है। और इसका लेखा-जोखा देवताओं के लेखपाल चित्रगुप्त करते हैं । ऐसे ही पाप पुण्य कर्म और विश्वास की कहानी है Thank God!
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एक कम्पलीट क्लीन फैंटेसी फ़ैमिली एंटरटेनमेंट होने के बाद भी थैंक गॉड आपको अपने ज़रिए बहुत कुछ सीखा जाने वाला है. यें फ़िल्म कब आपको हंसाते-हंसाते दिल छू जाने वाले संदेश दे जाएगा, कि आपको अहसास ही नहीं होगा।
वैसे हर धर्म में अच्छे कर्म करने की सलाह दी जाती है, हमे ऐसा कहा जाता है कि अच्छे कर्म करने से आपको स्वर्ग की प्राप्ति होगी, और बुरे कर्म करने से नर्क मिलेगा, जहाँ यमराज आपका इंतज़ार कर रहे हैं। पर क्या हो अगर स्वर्ग और नर्क के बीच ही यमदूत और चित्रगुप्त आपका लेखा जोखा पकड़ कर आपका इंतज़ार कर रहे हो ?
ये फ़िल्म देखने के बाद शायद आपको भी अब यही लगने वाला है कि स्वर्ग का रास्ता इतना आसान नहीं है. इंद्र कुमार की यें फ़िल्म थैंक गॉड दर्शकों के लिए कैसी है, जानने के लिए पढ़ें E24 का रिव्यू...
Thank God की कहानी
कहानी मुंबई के अयान कपूर ( सिद्धार्थ मल्होत्रा ) की है जो बचपन से पुलिस ऑफिसर बनना चाहते थे पर बन गए रियल इस्टेट एजेंट। अयान की बीवी रूही कपूर ( रकुलप्रित सिंह ) एक सक्सेसफुल पुलिस ऑफिसर हैं और दोनों की एक छोटी बेटी होती है। अयान की ज़िंदगी अच्छे से चल रही थी पर अचानक डिमोनेटिज़ेशन वजह से अयान की ज़िंदगी बदल जाती है और पैसों की चाह में अयान को लोन लेना पड़ जाता है । अयान को अपना घर बेचने तक की नौबत आ जाती है। रूही फिर भी अपने पति का साथ देती है और बच्ची को भी सम्हालती है। घर बेचने के चक्कर में अयान अपने ही घरवालों को भूल जाता है, ऐसे में परेशान अयान की अचानक से कार एक्सीडेंट हो जाता हैं। जिसके बाद वोट स्वर्ग पहुँचते है जहाँ उनकी मुलाक़ात सी.जी. यानि की चित्रगुप्त ( अजय देवगन ) से होती है।
चित्रगुप्त, अयान के अच्छे और बुरे कर्मों की परीक्षा लेते हैं। ये है ये पूरे सात कर्मों-
- ग़ुस्सा
- लोभ-लालच
- ईर्ष्या
- भ्रम
- रिश्तों की क़दर
- काम वासना और
- झूठ की कसौटी पर अयान किसी ना किसी तरह खरे उतरते हैं और उन्हें मृत्युलोक वापस भेज दिया जाता है।
Thank God... टोटल फ़ैमिली एंटरटेनमेंट
दिल इश्क़ मन धमाल और ग्रैंडमस्ती जैसी फ़िल्में बनाने के बाद इंद्र कुमार अपने दर्शकों के लिए दिवाली के मौक़े पर टोटल फ़ैमिली एंटरटेनमेंट के रूप में थैंक गॉड ले कर आए हैं। फ़िल्म नॉर्वे की फ़िल्म सोर्टे कूगलर ( Sorte Kugler - 2009) का रीमेक है, जिसका स्क्रीनप्ले आकाश कौशिक और मधुर शर्मा ने लिखा है। फिल्म को लिखा ऐसे गया है कि कॉमेडी और इमोशन का राइट बैलेंस हो, और फिर कुछ सीखने को भी मिले। फर्स्ट हॉफ़ में कॉमेडी पंचेज़ है और सेकेंड हॉफ़ में इमोशन.... वहां आपको कॉमेडी की कमी खलेगी।
रिश्तों की कद्र
दिवाली सेलिब्रेशन और छुट्टियों का फायदा, थैंक गॉड को ज़रूर मिलेगा। फ़िल्म का प्लस पॉइंट है कि सिद्धार्थ के किरदार और उसकी जद्दोज़हद वाली ज़िंदगी से आप ख़ुद को कनेक्ट कर पायेंगे। मसलन हमारी ज़िंदगी में कई बार ऐसे मौक़े आते हैं, जब हमे झूठ बोलना पड़ जाता है और साथ ही साथ कई बार हम उलझन में भी पड़ जाते हैं। ऐसे ही कई बार हम रिश्तों की कद्र करना भी भूल जाते हैं और जब तक ये बात समझ आती है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।
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Thank God...लीक से हटकर
वैसे तो देवताओं पर नये रूप में कई फ़िल्में आई जैसे गॉड तुस्सी ग्रेट हो और ओह माय गॉड, लेकिन यहां इन्द्र ने फैंटेसी और कॉमेडी ड्रामा का फ्लेवर डालकर थैंक गॉड को बाकी फिल्मों की लीग से अलग कर दिया है। ये फ़िल्म देखने के बाद आप ज़रूर अपने अच्छे और बुरे कर्मों की काउंटिंग करने बैठेंगे, ये थैंक गॉड की ख़ासियत है। असीम बजाज की सिनेमेटोग्राफ़ी अच्छी है.. खास तौर पर सी.जी. यानि चित्रगुप्त बने अजय देवगन के हर मैसेज वाले शॉट को बहुत खूबसूरती से दिखाया गया है।
अभिनय कौशल
फ़िल्म की कास्टिंग बढ़िया रही है। अपने बिज़ी ज़िंदगी और लोन से परेशान सिद्धार्थ का इमोशन अच्छे से दर्शाया गया है। चित्रगुप्त के किरदार में अजय देवगन को देखना अलग ही ट्रीट है। रकुल का पुलिस -बीवी और माँ के किरदार में संतुलन बनाये रखना आपको पसंद आने वाला है। वही सीमा पाहवा जितने वक्त के लिए स्क्रीन पर आती है, आपको गुदगुदा कर चली जाती है। नोरा के आइटम नंबर से आप नज़र नहीं हटा सकते. बाक़ी छोटी छोटी भूमिका में कीकू शारदा, कंवलजीत सिंह, सानंद वर्मा को आप बिलकुल मिस नहीं कर पायेंगे ।
थैंक गॉड: 3 स्टार।
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