Ram Setu Film Review: दिवाली पर ‘राम सेतु ‘ का जयघोष… क्या ये फिल्म तोड़ेगी अक्षय के फ्लॉप का सिलसिला? जानें
Ram Setu Film Review: दिवाली पर 'राम सेतु ' का जयघोष... क्या ये फिल्म तोड़ेगी अक्षय के फ्लॉप का सिलसिला? जानें
Ram Setu Film Review: (अश्विनी कुमार ). दिवाली पर अक्षय कुमार राम सेतु (Ram Setu) के संग आए हैं। 2022 में ये अक्षय कुमार (Akshay Kumar) की चौथी थियेट्रिकल रिलीज़ है और पांचवीं फिल्म है। बच्चन पांडे, पृथ्वीराज, रक्षाबंधन को मिले बिलो एवरेज रिस्पॉन्स ने अक्षय के लिए मुश्किल तो खड़ी कर ही दी है। ऐसे में दिवाली पर 'राम सेतु' (Ram Setu Movie Review) के साथ उम्मीदों के साथ, बहुत कुछ और भी दांव पर लगा है।
2 घंटे 24 मिनट की राम सेतु से क्या अक्षय कुमार के फ्लॉप्स का सिलसिला टूटेगा? ये सवाल अक्षय और उनके फैन्स के साथ इंडस्ट्री भी तलाश रही है, तो जवाब है कि राम सेतु इस दिवाली के लिए परफेक्ट रिलीज़ है।
राम सेतु की कहानी
कहानी श्रीराम के राम सेतु को राजनीति और बिजनेस के गठजोड़ के चलते टूटने से बचाने की है। वक्त कम है। सुप्रीम कोर्ट को फैसला सुनाना है। सेतुसमुद्रम योजना के हक़ में माहौल बनाने के लिए ऑर्कियोलॉजिकल सोसायटी ऑफ़ इंडिया के ज्वाइंट डायरेक्टर और नास्तिक डॉक्टर आर्यन को एक ऐसी रिपोर्ट बनाने के लिए कहा जाता है, जिसमें ये कहा जाए कि राम सेतु दरअसल इंसानों द्वारा नहीं, बल्कि प्रकृति द्वारा बना हुआ है। यानि इससे राम सेतु का श्रीराम की कहानी से जुड़ाव ख़त्म हो जाएगा और सरकार इसे आसानी से तोड़कर, शिपिंग के लिए नए रूट्स बना सकेगी, जिससे छोटा समुद्री रास्ता निकले और शिपिंग कंपनीज़ को फायदा पहुंचे। दरअसल ये कहानी 1995 में यूपीए सरकार की सेतुसमुद्रम परियोजना पर बेस्ड है, जो वाकई सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा और कोर्ट ने धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए इस परियोजना पर रोक लगा दी।
यहाँ पढ़िए – Ram Setu: सिनेमाघरों में रिलीज हुई अक्षय कुमार की फिल्म 'Ram Setu', लोगों ने बताया ब्लॉकबस्टर
राम सेतु की सबसे बड़ी खूबी
दरअसल अक्षय कुमार की राम सेतु, थोड़ा हक़ीक़त-थोड़ा फंसाना है, मतलब ये फिल्म आपको रामसेतू के फैक्ट्स तो बताएगी, लेकिन फिक्शन और थ्रिलर की फिल्मी कहानी के साथ।
अपनी रिसर्च के दौरान डॉक्टर आर्यन, डॉक्टर सैंड्रा और श्रीलंकन टापू पर मिले एक मिस्टिरियस मददगार ए.पी के साथ श्री राम के राम सेतू, रावण की लंका और संजीवनी बूटी के सुबूत तलाशते हैं और उसे सुप्रीम कोर्ट में बहुत ही ड्रामैटिक अंदाज़ में पेश करते हैं।
वक्त के खिलाफ़ इस दौड़ में डॉक्टर आर्यन और उनकी टीम को इस खोज के पहले ही मारने की कोशिश होती है और थ्रिल बढ़ता जाता है। लेकिन जैसे-जैसे डॉक्टर आर्यन, ए.पी और डॉक्टर सैंड्रा की मदद से श्री राम से जुड़ी कहानियों के सुबूत तलाशते रहते हैं, वैसे-वैसे एक्साइटमेंट बढ़ता भी चला जाता है।
राम सेतु की सबसे बड़ी खूबी ये है कि ये फिल्म कहीं कमज़ोर नहीं पड़ती, इंट्रेस्ट बनाए रखती है। देश के मूड के हिसाब से ये फिल्म राम का जयघोष भी करती है, तो ज़ाहिर है वर्ड ऑफ़ माउथ छुट्टियों और त्यौहारों के सीज़न में राम सेतू को ज़बरदस्त फायदा देने जा रहा है।
लिजेंड्स ऑफ़ रामयाणा विद अमीष
अभिषेक शर्मा और डॉक्टर चंद्र प्रकाश द्विवेदी की लिखी हुई कहानी, स्क्रीनप्ले अच्छा है। फिल्म में सस्पेंस कायम है, थ्रिल ज़ोरदार है। लेकिन सेकेंड हॉफ़ में फिल्म लड़खड़ाती है, इसकी वजह है कि कुछ ही महीनों पहले डिस्कवरी प्लस की एक सीरीज़ में सेलिब्रेटेड राइटर अमीष त्रिपाठी ने ‘लिजेंड्स ऑफ़ रामयाणा विद अमीष'’ में जिस तरह से राम सेतू और लंका में रावण और श्री राम के निशानी दिखाते हैं, ये फिल्म उससे रीयल लोकेशन्स के मामले में पिछड़ जाती है।
शानदार सिनेमैटोग्राफ़ी
हांलाकि असीम मिश्रा की सिनेमैटोग्राफ़ी शानदार है, लेकिन श्रीलंका में श्रीराम के निशान विज़ुअल इफेक्ट्स के साथ देखना उतना गहरा असर नहीं बना पाते, जितना होना चाहिए था। क्लाइमेक्स से ऐन पहले सुप्रीम कोर्ट में लास्ट मोमेंट पर डॉक्टर आर्यन का पहुंचाना, ज़रूरत से ज़्यादा ड्रामैटिक है। हालांकि कोर्ट के सामने की डिबेट बेहतरीन है। मगर राइटर्स ने 80’s वाला वो ड्रामा चुन लिया, जो सुप्रीम कोर्ट में कभी हो ही नहीं सकता। अगर इस सीन को किसी कमेटी के सामने रखा जाता, तो ज़्यादा रियलिस्टिक होता।
सेंसर बोर्ड ने भी राम सेतु के साथ ज़ुल्म कर दिया है। फिल्म के चेज़ सेक्वेंस के बैकग्राउंड स्कोर से जयश्री राम ट्रैक हटाने से उसका असर कम हो गया है। सेंसर बोर्ड के श्रीराम और भगवान बुद्ध वाले चेंजेज़ को भी फाइन ट्यून करने का टाइम नहीं मिल पाया है।
हालांकि क्लाइमेक्स में आर्यन के मिस्टियस साथी ए.पी. के ट्विस्ट ने कमाल कर दिया है, वो क्या है... उसे जानने के लिए फिल्म देखिए... निराश नहीं होंगे।
अब आते हैं परफॉरमेंस पर, तो अक्षय कुमार, डॉक्टर आर्यन के कैरेक्टर में खूब जंचे हैं। एक्शन, कन्फ्यूज़न और इमोशन का जो खेल उन्होंने एक्सप्रेशन्स से रचा है, वो राम सेतू के लिए संजीवनी है। एक्टर सत्यदेव ने ए.पी. बनकर पूरे सेकेंड हॉफ़ का ज़िंदा कर दिया है। शिपिंग कंपनी के मालिक और बिजनेस टाइकून बने नासर की स्क्रीन अपीयरेंस कमाल की है।
यहाँ पढ़िए – Diwali 2022: कैटरीना कैफ से लेकर आलिया भट्ट और अक्षय कुमार तक ने कुछ इस तरह मनाई दिवाली, देखें तस्वीरें-वीडियो
जैकलीन फर्नाडीज़ को राम सेतू में अच्छा खासा स्क्रीन टाइम मिला है, और उन्होने मेहनत भी की है। हैरानी है नुसरत भरूचा, इस बार इंप्रेस नहीं कर पाईं। बाली के किरदार में प्रवेश राणा भी कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाए।
राम सेतु, दिवाली रिलीज़ के हिसाब से एक बेहतरीन फिल्म है। कार्तिकेय के बाद, मान्यताओं, इतिहास, धर्म, विज्ञान के साथ थ्रिल का ये कॉम्बीनेशन राम सेतु में देखने में मज़ा आएगा।
राम सेतु: 3.5 स्टार।
यहाँ पढ़िए – बॉलीवुड से जुड़ी ख़बरें
Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world
on News24. Follow News24 and Download our - News24
Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google
News.