TrendingKBC 16Bigg Boss 18

---Advertisement---

दर्शकों का मनोरंजन करने में फेल हुई सारा अली खान की मर्डर मुबारक, जानें कैसी है पंकज त्रिपाठी की फिल्म

Murder Mubarak Review: एक मर्डर होगा, तो कई शक़ के दायरे में आएंगे और क़ातिल की खोज होगी। इन्वेस्टीगेशन होनी है, तो एक काबिल इन्वेस्टीगेटर होगा, यानि परफेक्ट हु डन इट फॉर्मेट। अनुजा चौहान की किताब क्लब यू टु डेथ को ग़जल और सुप्रोतिम ने लिखा और होमी अदजानिया ने डायरेक्ट किया है। मैडॉक प्रोडक्शन […]

Murder mubaarak Review
Murder Mubarak Review: एक मर्डर होगा, तो कई शक़ के दायरे में आएंगे और क़ातिल की खोज होगी। इन्वेस्टीगेशन होनी है, तो एक काबिल इन्वेस्टीगेटर होगा, यानि परफेक्ट हु डन इट फॉर्मेट। अनुजा चौहान की किताब क्लब यू टु डेथ को ग़जल और सुप्रोतिम ने लिखा और होमी अदजानिया ने डायरेक्ट किया है। मैडॉक प्रोडक्शन के चलते इस फिल्म में इतने एक्टर सस्पेक्ट के तौर पर भर लिए गए हैं कि उनकी बैक स्टोरी को जानने देने भर का टाइम इस 2 घंटे 30 मिनट की फिल्म में नहीं मिलता है। कास्ट एंड क्रू की लिस्ट इतनी लंबी है कि अगले 12 मिनट तक वही चलता रहता है।

क्या है 'मर्डर मुबारक' की कहानी (Murder Mubarak Review)

खैर ये कहानी दिल्ली के सबसे अमीर, जिसे फिल्दी रिच वालों के क्लब – द रॉयल दिल्ली क्लब की है, जहां 1 करोड़ से ज़्यादा मेंबर-शिप फीस देने वाले रईसों के लिए भी वेटिंग लिस्ट है। इस क्लब के मेंबर्स सच में वो हैं, जो अंग्रेज़ चले गए, औलादें छोड़ गए वाली कहावत पर पूरी तरह से फिट बैठते हैं। तो डायरेक्टर होमी अदज़ानिया ने इस क्लब के हर किरदार को पूरा कॉर्टून बनाकर पेश किया है। सारे रईस अपनी पर्सनल ज़िंदगी की प्रॉब्लम्स से भागकर इस क्लब में आते हैं। मगर एक रात इस हाई-फाई क्लब के जुम्बा टीचर लियो का मर्डर हो जाता है और शक़ क्लब में मौजूद हर एक मेंबर पर। वैसे दिलचस्प पहलू ये है कि लियो के मर्डर की वजह हर किसी के पास है, लेकिन इस तरह के केस में जो मर्डरर दिखता है वो होता नहीं।

ड्रामैटिक बनाने के चक्कर में ओवर ड्रामैटिक

इस कहानी को ड्रामैटिक बनाने के चक्कर में इसके किरदार कुछ ज़्यादा ही ओवर ड्रामैटिक हो गए हैं। इन्वेस्टिगेशन कर रहे। एसीपी भवानी सिंह से लेकर मर्डर सस्पेक्ट बॉम्बी टोडी, आकाश डोगरा, शहनाज़ नूरानी, कूकी कटोच, रोशनी बत्रा और उनका ड्रगिस्ट बेटा यश बत्रा और हुकुम रणविजय सिंह। इन्वेस्टिगेशन वाला प्रोसेज़ इंट्रेस्टिंग है, तो कैरेक्टर्स की बैक स्टोरी को जल्दी-जल्दी, लेकिन पूरे ड्रामे से निपटाने के चक्कर में जो बंटाधार हुआ है, उसके बारे में पूछिए नहीं।

बेस्ट दिखाने के चक्कर में ओवरडोज

दरअसल बेस्ट सेलर की नॉवेल को फिल्म की कहानी में ढालने में जो एहतियात बरती जानी चाहिए वो यहां मिसिंग है। कैरेक्टर्स को डेवलप होने का मौका नहीं मिला है, तो एक्टर्स ने जो वक्त मिला है। उसी में खुद को बेस्ट दिखाने के चक्कर में ओवरडोज दे दिया है।

कहानी नहीं कस पा रही है होमी अदजानिया की फिल्म 

इतने किरदार होने के बाद भी होमी अदजानिया इस कहानी को कस नहीं पाए हैं, किरदारों के आभामंडल में खोकर ये कहानी खिंचती हुई लगती है। हां, जहां-जहां इन्वेस्टीगेशन वाला पार्ट आता है। वो दिलचस्पी जगाता है और मर्डरर की पहचान आप नहीं कर पाएंगे, ये तो पक्का है।

कैसी है सारा अलि खान की एक्टिंग

अब परफॉरमेंस पर आइए तो पंकज त्रिपाठी, एसीपी – भवानी सिंह के किरदार में अच्छे तो लगे हैं, लेकिन बहुत हद तक अपने पिछले किरदारों जैसे भी लगे हैं, जो बहुत रिपिटेटिव है। बॉम्बी टोडी बनी सारा का किरदार दिलचस्पी जगाता है, लेकिन उनके चोरी करने वाली बीमारी कैरेक्टर को ओवर-ड्रामैटाइजेशन है। बड़े दिल वाले एडवोकेट आकाश डोगरा बने विजय वर्मा एक बार भी फॉर्म में नहीं आए हैं। यह भी पढ़ें- Yodha Review: एक्शन थ्रिलर से भरी कहानी है योद्धा, वर्दी में कितने हिट रहे Sidharth Malhotra?

करिश्मा कपूर की शानदार एक्टिंग

बी-ग्रेट एक्ट्रेस शहनाज़ नुरानी बनी करिश्मा, मर्डर मुबारक की सबसे बेहतरीन परफॉरमेंस देने में कामयाब हुई हैं। नवाब बने संजय कपूर ने भी अपने कैरेक्टर को लेकर बहुत अच्छा काम किया है। हांलाकि डिंपल कपाड़िया का कैरेक्टर फिल्म में क्यों है, ये तो उनको भी पता नहीं होगा। टिस्का चोपड़ा का ड्रामैटिक कैरेक्टर बहुत इरीटेट करता है। ड्रगिस्ट बने सुहैल नैयर के पास करने के लिए कुछ खास है नहीं।

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 and Download our - News24 Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google News.