Navratri Vastu Tips: 22 मार्च यानी आज से चैत्र नवरात्रि शुरू हो रहे हैं। सनातन हिंदू धर्म में नवरात्रि पर्व का बहुत अधिक महत्व होता है। इसके अलावा वास्तु शास्त्र में भी नवरात्रि का बहुत ज्यादा महत्व माना जाता है। नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। 22 मार्च से शुरू होने वाले नवरात्रि का समापन 30 मार्च को होगा।
वास्तु शास्त्र में नवरात्रि के कुछ खास नियम बताए गए हैं। जो आपकी पूजा का शुभ और अशुभ फल देते हैं। अगर उन नियमों का पालन किया जाए मां दुर्तोगा प्रसन्न हो अपने भक्तों पर कृपा बनाएं रखती हैं। आज के आर्टिकल में हम आपको ऐसे ही कुछ खास नियमों के बारे में बताने जा रहे हैं। जो आपकी पूजा को सफल बनाने में मदद करेंगे।
नवरात्रि में क्या करें
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें, और साफ वस्त्र धारण करें।
मंदिर को गंगा जल से शुद्ध करें, और मूर्ति को भी शुद्ध करें।
विधि- विधान से कलश स्थापना करें।
अखंड जोत जलाएं, और जौ की खेत्री बोएं।
विधि – विधान से पूजा- अर्चना करें, हो सके तो पहले दिन पंडित जी से ही कलश स्थापना करवाएं।
नवरात्रि के नौ दिनों तक दुर्गा चालीसा, दुर्गासप्तशती और देवीभागवत पुराण का पाठ करें।
उपवास रखने वाले जातक फलाहार भोजन का सेवन करें।
नवरात्रि में क्या न करें
पूजा करते वक्त काले सामान का भूलकर भी इस्तेमाल न करें।
लहसुन-प्याज और तामसी भोजन का सेवन न करें।
जो जातक उपवास रखते हैं, वो जमीन पर ही सोएं तो अच्छा रहता है।
नवरात्रि के दौरान नाखून और बाल न काटें।
नवरात्रि के दौरान चमड़े से बनी चीजों जैसे बेल्ट और पर्स का इस्तेमाल न करें।
अखंडित दीपक और मूर्ति को मंदिर से बाहर कर प्रवाहित कर दें।
लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि मूर्ति प्रवाहित करने के लिए नदियों को प्रदूषित न करें।
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