Tanaav 2 Review: अश्विनी कुमार: दो साल पहले जब तनाव रिलीज हुई थी, तो ये सोच कर सब हैरान थे, कि इजराइल के बेहद कामयाब शो – फौदा का एडॉप्टेशन, सुधीर मिश्रा और उनकी टीम करेगी कैसे। एप्लॉज एंटरटेनमेंट के समीर नायर फोदा के राइट्स लेकर आएं…तो सुधीर मिश्रा ने इजरायल और फिलिस्तीन की कहानी पर बेस्ड फोदा के पैरेलल – कश्मीर में अलगाववादी, टेरेरिस्ट, कश्मीर की आवाम, इंडियन सिक्योरिटी फोर्सेज और इंटेलिजेंस के किरदारो के साथ 12 एपिसोड का एक ऐसा शो तैयार किया। जिसमें कश्मीर के हालात पर बनी कहानी को, वहां के लोगों ने पहली बार अप्रूव किया।
उन 12 एपिसोड की कहानी में कश्मीर के हालात दो-तरफा दिखाए गए। कश्मीरी आवाम को दिखाया, जो शांति चाहते हैं, कश्मीर लीडर्स को दिखाया, जो अलगाववादियों के पीठ पीछे हाथ मिलाते हैं, और सिक्योरिटी फोर्सेज और इंटेलिजेंस का काम करने का तरीका दिखाया, जो इन हालात में कैसे अपना काम करते हैं।
एक्शन कम, स्ट्रैटेजी ज्यादा थी
पहले सीजन में एक्शन कम, स्ट्रैटेजी ज्यादा थी… जहां पॉलिटिक्स भी समझाई गई थी। सीजन वन वहां खत्म हुआ – अलगाववादी नेता मीर साहब की बम धमाके में मौत होती है, उमर रियाज़ को मार जुनैद हरकत उल मुजाहिदीन की कमान ले लेता है। जुनैद ने डॉक्टर फराह से शादी कर ली है। कबीर फारूकी के अपने अब्बू की एंट्री हो चुकी है, जो खुद एक वक्त में इंडियन इंटेलिजेंस का हिस्सा रहे हैं, वो कबीर के गुस्से को कंट्रोल करने में उसका साथ देते हैं। हरकत की ओर से इदरीस पॉलिटिकल चेहरा है, जो जुनैद के साथ मिलकर वादी में अपना दबदबा बनाए रखना चाहता है।
इंटेलिजेंस की हैं निगाहें
लेकिन इस बीच मीर साहब की मौत का बदला, इंडियन इंटेलिजेंस फोर्स से लेने के लिए फरीद, सीरिया से ट्रेनिंग लेकर कश्मीर लौट आया है और उसने नई पहचान ओढ़ी है – अल दमिश्क की। शुरुआत में जुनैद, फरीद का साथ देता है, लेकिन जब उसे ये समझ आता है कि फरीद पूरी तरह से खून-खराबे और बर्बादी पर उतारू है, तो वो उससे अलग हो जाता है। अल दमिश्क़ उर्फ़ फरीद को रोकने के लिए कश्मीर की फोर्सेज और इंटेलिजेंस पूरी ताकत झोंक देती है, जो इंडियन गवर्नमेंट, पाकिस्तानी गवर्नमेंट और अलगाववादियों के बीच पीस टॉक पर अटैक की प्लानिंग कर रहा है।
इस बीच जुनैद की डॉक्टर फराह के करीब आने की कोशिश, फराह के सहारे कबीर की जुनैद को पकड़ने का काम… कबीर के बीवी और बच्चों पर फरीद की धमकी, फरीद के फैमिली पर इंडियन इंटेलिजेंस की निगाहें… ये उन 6 एपिसोड की कहानी है, जो तनाव के सीजन 2 में सामने आए हैं।
कहानी में है बदला और एक्शन
सोनी लिव ने तनाव के सीज़न 2 को दो हिस्सों में बांट दिया है, यानी आधी कहानी अभी, आधी – ब्रेक के बाद, आपको बीच में लटकाकर। पहले सीजन से उन आधे लोगों की शिकायत थी, जो सीरीज में एक्शन तलाशने आए थे। क्योंकि वहां कहानी स्लो बर्नर थी, आपको हालात और राजनीति दोनो से वाकिफ़ करा रही थी। सीजन टू से उन ऑडियंस की शिकायत दूर हो जाएगी, क्योंकि इस बार एक्शन पहले ही एपिसोड के पहले ही सीन से शुरु हो जाता है, मगर इस बार तनाव की कहानी में बदला और एक्शन ही है। रियलिटी गायब है, पॉलिटिक्स गायब है। तो जो कश्मीर और वहां के तनाव को समझना चाहते हैं, वो इस बार निराश होंगे।
एक्शन का पार्ट रियलिस्टिक है
डायरेक्टर सुधीर मिश्रा ने इस बार तनाव का सीजन टू अपने को-डायरेक्ट – ई निवास के साथ गढ़ा है, और दोनो ने मिलकर सीरीज को कस रखा है। ऑस्ट्रैलिनय सिनेमैटोग्राफर – Quais Wasiq के कैमरे ने कश्मीर को बेहद करीने से अपने कैमरे में कैद किया है, जहां शादियां तो दिखती है, तनाव भी साफ नजर आता है। एक्शन पार्ट बहुत ही रियलिस्टिक है, हेडफोन लगाकर तनाव देखेंगे तो लैंड माइन और गोलियों की आवाजों से कान झन्ना उठेंगे।
तनाव की स्टारकास्ट
एंग्री यंग मैन – कबीर के किरदार में मानव विज इस बार भी शो का चेहरा हैं, और जितना अनप्रेडिक्टेबल ये कैरेक्टर है… लगता है मानव ने किरदार को घोलकर पी लिया है। इंटेलिजेंस चीफ – जगजीत बने रजत कपूर इस शो के दूसरे सबसे स्ट्रांग पिलर हैं। जुनैद के किरदार में शशांक अरोड़ा इस बार बहुत ढीले पड़ गए हैं। फरीद उर्फ़ अल दमिश्क़ बने गौरव अरोड़ा कुछ सीन्स में बहुत बेरहम नज़र आते हैं, तो कहीं-कहीं उनका अंदाज़ बिल्कुल बदल जाता है… अगले 6 एपिसोड उनके और तनाव के सेकंड सीजन के लिए बहुत क्रूशियल हैं। अरबाज़ का रोल बहुत जल्दी खत्म हो गया, लेकिन तोशी के किरदार में साहिबा बाली ने इस बार ज़बरदस्त इंप्रेस किया है। कबीर बेदी और सोनी राज़दान ने अपना काम अच्छे से किया है।
तनाव 2 को 3 स्टार।