Asrani in Sholay: बॉलीवुड के मशहूर एक्टर असरानी ने कल यानी 20 अक्टूबर को दुनिया को अलविदा कहा. उनके निधन की खबर से फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई. कई सेलिब्रिटीज ने सोशल मीडिया के जरिए उन्हें श्रद्धांजलि दी है. उनके फैंस उनके आइकॉनिक किरदारों को याद करते हुए उनके जाने का दुख जता रहे हैं. असरानी ने अपने करियर में कई यादगार और बेहतरीन किरदार निभाए, जिनमें से फिल्म ‘शोले’ में उनका जेलर का रोल सबसे यादगार रहा.
‘अंग्रेजों के जेलर’ का किरदार
असरानी ने साल 1975 में आई रमेश सिप्पी की ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘शोले’ में ‘अंग्रेजों के जेलर’ का आइकॉनिक किरदार निभाया था. 10 मिनट से भी कम के स्क्रीन टाइम में असरानी ने इस किरदार से दर्शकों का दिल जीत लिया. उनका फेमस डायलॉग ‘जब हम नहीं सुधर सकते तो तुम क्या सुधरोगे’, आज भी दर्शकों को याद है. आइए जानते हैं कि उन्हें ये रोल निभाने का मौका कैसे मिला?
कैसे मिला ‘जेलर’ का किरदार निभाने का मौका
न्यूज एजेंसी पीटीआई से बातचीत करते हुए फिल्म डायरेक्टर रमेश सिप्पी ने असरानी के निधन पर दुख जताया. उन्होंने कहा कि फिल्म ‘शोले’ में जेलर का किरदार उनसे बेहतर कोई नहीं निभा सकता था. रमेश ने बताया कि फिल्म में उनका रोल साल 1940 में आई स्पूफ ‘द ग्रेट डिक्टेटर’ के ‘चार्ली चैपलिन’ के किरदार पर बेस्ड था. उन्होंने बताया कि वो असरानी के साथ पहले फिल्म ‘सीता और गीता’ में काम कर चुके थे और उन्हें उनकी एक्टिंग बहुत पसंद आई थी. आगे वो बताते हैं कि फिल्म ‘शोले’ का ये हिस्सा सलीम खान और जावेद अख्तर ने लिखा था. जब उन्होंने डायरेक्टर से इस पर चर्चा की, तो सभी को इस किरदार के लिए असरानी सबसे सही लगे.
फिल्ममेकर्स ने भी उनकी खूब तारीफ की क्योंकि उन्होंने बहुत ही नेचुरल तरीके से इस किरदार को पर्दे पर निभाया था. डायरेक्टर ने कहा कि अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र जैसे एक्टर्स के साथ मिलकर असरानी के इस किरदार ने पूरे सीन को यादगार बना दिया. फिल्म में उनका किरदार और कॉमेडी दोनों ही शानदार थे.