मुस्लिम संग की शादी, बंदूक की नोक पर सुनाई गजल, पहले गाने के लिए मिले 51 रुपये, दिलचस्प हैं Pankaj Udhas के किस्से
Pankaj Udhas Birth Anniversary: चिट्ठी आई है... आई है... आई है... से लेकर चांदी जैसा रंग है तेरा... सोने जैसे बाल... तक में अपनी गायिकी का हुनर दिखाने वाले पंकज उधास (Pankaj Udhas) का आज बर्थडे है। उनकी गजल में इतना दर्द था कि सुनने वाले रो पड़ते थे। ऐसे महान गजल गायक ने इसी साल यानी 26 फरवरी 2024 को दुनिया को अलविदा कह दिया। उनके जाने से संगीत जगत को तगड़ा झटका लगा। अगर ये कहा जाए कि गजल गायिकी को एक अलग मुकाम तक पहुंचने वालों में पंकज का भी नाम शामिल है तो इसमें कोई दो राय नहीं है। आज एक बार फिर से ऐसे महान गायक को याद कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और उनके बारे में कुछ खास बातें जानते हैं।
ऐसे की करियर की शुरुआत
फेमस गजल गायक पंकज उधास का जन्म 17 मई 1951 को गुजरात के जैतपुर में हुआ था। पंकज के दादा जमींदार थे, वहीं पंकज का बचपन से ही संगीत के प्रति लगाव था। उन्होंने कादिर खान साहब से हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत सीखा।
इसके बाद उन्होंने ग्वालियर घराने के गायक नवरंग नागपुरकर से आगे की ट्रेनिंग ली और काम की तलाश में मुंबई निकल गए। उन्होंने साल 1972 में आई फिल्म 'कामना' से अपने करियर की शुरुआत की। पंकज की गजल में दिलचस्पी थी जिसके कारण उन्होंने उर्दू सीखी। न सिर्फ देश में बल्कि विदेश में भी उन्होंने अपने हुनर का परचम लहराया।
पहले गाने के लिए मिले 51 रुपये
पंकज के गायिकी के हुनर का स्कूल के प्रिंसिपल को चला तो उन्होंने स्कुल के एक कल्चरल प्रोग्राम में पंकज को गाने के लिए कहा। पंकज ने भी इस मौके का फायदा उठाया और अपनी सुरीली आवाज में 'ऐ मेरे वतन के लोगों' गाना गाया। उनकी आवाज में जो मर्म था उसने वहां बैठे लोगों का दिल जीत लिया। सभी की आंखें नम हो गईं, तभी एक आदमी ने पंकज को इनाम के तौर पर उनके गाने के लिए 51 रुपये दिए। ये उनकी पहली कमाई थी।
मुस्लिम लड़की पर आया दिल
पंकज को कॉलेज के समय में फरीदा नाम की लड़की से प्यार हो गया। हालांकि शुरुआत दोस्ती से हुई और फिर वो प्यार में तब्दील हो गई। दरअसल पंकज पढ़ाई कर रहे थे तो फरीदा एयरहोस्टेस थीं। धर्म अलग होने की वजह से पहले लगा कि परिवार वाले नहीं मानेंगे। लेकिन जब उन्होंने अपने घर में बात की तो किसी ने भी कोई एतराज किए बिना हामी भर दी। वहीं फरीदा के परिवार वालों ने भी इस रिश्ते को दिल से स्वीकारा और दोनों परिवारों की रजामंदी से उनकी शादी हो गई।
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बंदूक की नोक पर गाई गजल
एक किस्सा पंकज उधास का बहुत फेमस है। दरअसल एक बार पंकज के एक फैन ने उनसे गजल गाने की फरमाइश की। लेकिन उन्होंने मना कर दिया, ऐसे में उसे गुस्सा आ गया और उसने उधास पर बंदूक तान दी। फिर क्या था, सामने मौत को देख पंकज ने गाना गाया।
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