Wednesday, 18 September, 2024

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Sector 36 Movie Review: इंसानियत को शर्मसार करती मूवी को देखने से पहले पढ़ें रिव्यू

Sector 36 Review: विक्रांत मैसी की क्राइम थ्रिलर फिल्म सेक्टर 36 को देखने से पहले आप अपना दिल मजबूत कर लें, ये एक ऐसी सीरीज है जिसे देख आपका दिमाग सुन्न हो जाएगा। देखने से पहले एक बार रिव्यू जरूर पढ़ लें वरना फिर मत कहना की बताया नहीं...

Sector 36

Sector 36 Review: (Ashwani Kumar) नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई ‘सेक्टर 36’ (Sector 36) देखने की तैयारी कर रहे हैं, तो अपने दिल, दिमाग की मजबूती चेक कर लीजिए। क्योंकि ओटीटी पर स्ट्रीम हो रही 2 घंटे 4 मिनट की ये फिल्म देखकर आपको घिन आएगी। आपका दिमाग सुन्न हो जाएगा, दिल मसोसकर आप देखेंगे कि इंसानियत को भी शर्मसार कर देने वाले मुजरिमों को, करप्ट सिस्टम और पॉलिटिक्स कैसे आसानी से बरी कर देता है। और सबसे बड़ी बात ये कि इस फिल्म की कहानी का एक हिस्सा भी झूठा नहीं है, बल्कि 100 फीसदी सच्चा है। बस जगह और किरदारों के नाम बदल दिए गए हैं। मैडॉक फिल्म्स और जियो स्टूडियोज के बैनर तले दिनेश विजन और ज्योति देशपांडे द्वारा निर्मित , सेक्टर 36 क्राइम थ्रिलर नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हो रही है।

निठारी कांड दिखा

18 साल पहले नोएडा के बड़े-बड़े अपार्टमेंट और कोठियों से सजे सेक्टर के बीच, बसे एक छोटे से गांव – निठारी से बच्चों की मौत की ऐसी खौफनाक दास्तान सामने आई कि उसने पूरे देश को हिला दिया। छोटे बच्चों के साथ वहशियत की ऐसी कहानी सुनकर – देश भर में गुस्सा था। गांव से सटे सेक्टर में एक बड़ी कोठी के मालिक और उसके नौकर को गिरफ्तार किया गया। 17 बच्चों के मौत की इस कहानी में उनके ऑर्गन ट्रेडिंग की भी बातें चलीं। लेकिन पुलिस इन्वेस्टिगेशन में जबरदस्त लापरवाही के चलते, 17 साल बाद इस केस के दोनो आरोपियों को बरी कर दिया गया।

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दहल जाएगा दिल

दिलचस्प बात ये है कि सेक्टर 36 के डायरेक्टर वो – आदित्य निंबालकर हैं, जो नोएडा के ही आरुषि मर्डर केस पर बनी फिल्म – ‘तलवार’ के को-राइटर रहे हैं। उन्होने विशाल भारद्वाज को ‘हैदर’ और ‘कमीने’ जैसी फिल्मों में असिस्ट भी किया है और ‘सेक्टर 36’ आदित्य की पहली डायरेक्टोरियल फिल्म है। बोधयन रॉय चौधरी की लिखी इस कहानी की इस सबसे बड़ी खूबी है ये इस फिल्म को ड्रामाटाइज नहीं किया गया है। पहले सीन से ही ये आपको दहलाना शुरु कर देता है, और आपके कानों में उन बच्चों की चीखें सुनाई देती रहती हैं… जिन्हे आपने इस फिल्म में सिर्फ़ पुलिस स्टेशन में लगे – गुमशुदा पोस्टर में ही देखा है।

सच्ची कहानी है

सेक्टर 36 को देखकर आप चौंकते हैं, दहलते हैं… लिगैलिटी से बचने के लिए जियो स्टूडियो और मैडॉक फिल्म्स ने इस फिल्म की कहानी को सत्य घटनाओं पर आधारित बताया है, लेकिन इसके किरदारों के नाम बदल दिए हैं। लेकिन आप जानकर हैरान हो जाएंगे कि इस फिल्म की डिटेलिंग इतनी सच्ची है, कि निठारी गांव के मुंहाने और उस हाउस ऑफ़ हारर वाली कोठी के पीछे की पानी की टंकी और उसके पास से बहता हुआ सीवर भी बिल्कुल वैसी ही है, जैसा कि 2006 के उस केस के दौरान था।

विक्रांत की एक्टिंग कमाल

ये जानकर आपके पैरों से ज़मीन निकल जाने वाली है कि सेक्टर 36 में दिखाया गया कन्फेशन, पागलपन, जुर्म और उस पर की गई लीपा-पोती सब का सब सच है। विक्रांत मैसी को विक्षिप्त नौकर – प्रेम के किरदार में देखने के बाद, आपको जितनी नफ़रत इस किरदार से होती है… मान लीजिए – कि विक्रांत उतने ही कमाल के एक्टर हैं। 12th Fail के बाद विक्रांत का ये किरदार साबित करता है… कि एक्टिंग उनके रगों में बसती है।

इंस्पेक्टर राम चरण दुबे के किरदार में दीपक डोबरियाल के चेहरे पर आने एक्सप्रेशन्स, गुस्से में उनके अंदर उबलता हुआ लावा, जिसे चेहरे पर आने की रोकने की कोशिश करता हुआ किरदार… देखकर आप सहम जाते हैं, क्योंकि बिल्कुल ऐसे ही अहसास आपके अंदर होते हैं। कमाल, कमाल, कमाल का काम है दीपक डोबरियाल का। कोठी के मालिक बस्सी के किरदार में आकाश खुराना और सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस के किरदार में – दर्शन जरीवाला की सधी हुई अदाकारी ने इस सीरीज को और जान दी है।

सेक्टर 36 को 3.5 स्टार।

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First published on: Sep 13, 2024 03:02 PM

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