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श्रीमद भगवत गीता ने बदली इस मुस्लिम डायरेक्टर की जिंदगी? बचपन में ही कर दिया था ये काम

Imtiaz ali on Bhagvad Gita: लव आज कल, तमाशा, हाईवे, लव आजकल 2, जब हैरी मेट सेजल और जब वी मेट जैसी फिल्मों का डायरेक्शन करने वाले इम्तियाज अली की जिंदगी में भगवत गीता का अहम रोल है। मुस्लिम होने के बाद भी इम्तियाज ने पहली बार गीता कब और क्यों पढ़ी थी। इसके बाद उनकी लाइफ में क्या बदलाव आया है, उसके बारे में हाल ही में दिए इंटरव्यू में डायरेक्टर ने खुलकर बात की।

Imtiaz ali on Bhagvad Gita
Imtiaz ali on Bhagvad Gita

Imtiaz ali on Bhagvad Gita: दिलजीत दोसांझ और परिणीति चोपड़ा स्टारर ‘अमर सिंह चमकीला’ के डायरेक्टर इम्तियाज अली (Imtiaz ali) अपनी फिल्मों के लिए जाने जाते हैं। लव आज कल, तमाशा, हाईवे, लव आजकल 2, जब हैरी मेट सेजल और जब वी मेट जैसी फिल्मों का निर्देशन करने वाले इम्तियाज अली का फिल्में बनाने का तरीका काफी ज्यादा अलग है और इस वजह से हर कोई उनकी फिल्मों से कनेक्ट नहीं कर पाता है। मगर जो लोग उनकी फिल्मों को समझ लेते हैं, वो फिर रिपीट में उन्हें देखते हैं। इम्तियाज उन निर्देशकों में से एक हैं, जो ज्यादा लाइमलाइट में नहीं रहते हैं, जब उनकी फिल्म आती है, वो तभी चर्चा में आते हैं। ऐसे में आज हम आपको उनकी लाइफ से जुड़ी एक अहम और अनोखी बात बताने जा रहे हैं।

गीता ने बदली इम्तियाज की सोच

मु्स्लिम परिवार में जन्में इम्तियाज अली के बारे में यह बात बहुत कम ही लोग जानते है कि हिन्दुओं के पवित्रतम ग्रन्थों में से एक श्रीमद भगवत गीता ने इम्तियाज की सोच में काफी बड़ा बदलाव लाया है। जी हां, एक इंटरव्यू के दौरान डायरेक्टर इम्तियाज अली ने खुद खुलासा किया है कि उन्होंने बचपन में ही भगवत गीता पढ़ ली थी। इसे पढ़ने के बाद उनके थॉट प्रॉसेस में किस तरह बदलाव आया था। इतना ही इंटरव्यू के दौरान उन्होंने अपने श्रीमद भगवत गीता पढ़ने के पीछे का किस्सा भी बताया।

ट्रेन में पढ़ी गीता – इम्तियाज

इंटरव्यू में इम्तियाज अली ने बताया कि उन्होंने गीता को छटी क्लास में पढ़ लिया था। दरअसल, उस समय वो ट्रेन में सफर कर रहे थे, लेकिन उस समय उनकी जेब में ज्यादा पैसे नहीं थे। रेलवे स्टेशन पर के बुक स्टॉल पर सिर्फ गीता ही उतने पैसे में आ सकती थी, जितने उनके पास थे। इसी इत्तेफाक के चलते इम्तियाज ने वो गीता खरीदी और पढ़ी थी। हालांकि पहले उन्हें अजीब महसूस भी हो रहा था कि उनके आस-पास के लोग क्या सोचेंगे कि मैं गीता क्यों पढ़ रहा हूं। इम्तियाज का कहना है कि वो खुद को लकी मानते हैं कि उन्होंने छोटी उम्र में ही गीता पढ़ ली थी।

गीता से मिली मदद

इम्तियाज अली ने यह भी बताया कि पहले तो उन्हें किताब में कुछ चीजें समझ नहीं आ रही थी, मगर बार-बार पढ़ने के बाद उनको सब समझ आने लगा था। गीता मेरी जिंदगी पर काफी गहरा असर पड़ा है और आज भी मेरे टेबल पर आपको कई हिंदू मैथोलॉजिकल बुक्स मिल जाएंगी। श्रीमद भगवत गीता को पढ़ने के बाद मेरी सोच में चेंज आया। उसके साथ ही लोगों को समझने में भी मदद मिली। गीता के अलावा भी मैंने कई सारी धार्मिक किताबें पढ़ी हैं और उनका अगर असल जिंदगी से उसका कोई लिंक मिल जाता है, तो मेरा पूरा दिन ही बन जाता है।

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First published on: Jun 02, 2024 01:29 PM

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