Mirzapur 3 Web Series Review: (Ashwani Kumar) नवंबर 2018 में पहला सीजन, अक्टूबर 2020 में दूसरा सीजन और 5 जुलाई 2024 को तीसरे सीजन के साथ –मिर्ज़ापुर (Mirzapur) की गद्दी में बहुत कुछ बदला है। कालीन भइया का दबदबा, गुड्डू पंडित की दहशत, मुन्ना भइया की मौत, शरद शुक्ला का उत्थान, माधवी यादव का राजनीतिक सफर,बीना त्रिपाठी के बार-बार टूटते सपने। वहीं छोटे त्यागी का प्यार में कट जाना, और मिर्जापुर की गद्दी के दावेदार…सब कुछ। वायलेंस, गाली-गलौज, मोहब्बत-बेवफाई,बदला और खून इस सीरीज ने भारत में ओटीटी के मायने बदले हैं। और तीसरे सीजन तक पहुंचते-पहुंचते, जिसे आने में साढ़े तीन साल लग गएं… मिर्ज़ापुर का भौकाल कम नहीं हीं हुआ है। आइए जान लेते हैं सीरीज में क्या कुछ होने को है…
गद्दी किसे मिलेगी बरकरार है सस्पेंस
मिर्जापुर का सीजन टू जब खत्म हुआ था, तो मुन्ना भइया की मौत, और कालीन भइया को लगी गोलियों के बाद –मिर्जापुर की गद्दी पर जो सस्पेंस बना था, तो वो सीजन 3 के पहले 6 एपिसोड तक कायम है। जौनपुर के बाहुबली शरद शुक्ला, जो अपने पापा के सपने को पूरा करने के फेर में और अखंडानंद त्रिपाठी को बचा तो लाते हैं। उनके ठीक होने के लिए – सिवान वाला त्यागियों की मदद भी लेते हैं। उधर गोलु को लेकर सिवान में मचे बवाल के बाद – छोटे त्यागी ने बड़े को मारकर उसकी पहचान तो अपना ली है, लेकिन दिमाग से गोलू को हटा नहीं पा रहे हैं। मिर्जापुर की गद्दी खाली है, जिस पर गुड्डू की दावेदारी सिर्फ इसलिए नहीं हो पा रही है, क्योंकि कालीन भइया की लाश नहीं मिली है।
शरद का मुन्ना की बेवा के लिए धड़का दिल
उधर शरद, कालीन भइया के करीब आकर पूर्वांचल से लेकर पश्चिम तक के बाहुबलियों को अपने मे साईड लाकर गद्दी पर दावा ठोक रहे हैं। लेकिन उनका दिल मुन्ना भइया की बेवा माधुरी के लिए धड़क रहा है। लेकिन माधुरी को किसी भी हाल में मुन्ना की मौत का बदला लेना है, तो सीएम की कुर्सी के खिलाफ दूसरे पके हुए नेताओं के साथ अपने चाचा जे.पी.यादव को भी बिल से बाहर निकालना है।
क्या गोलू को गुड्डू से हो गया है प्यार
सीरीड में एक तरफ गोलु बिजनेस चलाना चाहती है, लेकिन शबनम और गुड्डू की नजदीकी से परेशान है और कन्फ्यूजन भी कि गुड्डू को लेकर उसके इमोशन्स क्या हैं। गुड्डू उनकी तो वायलेंस यूएसपी है, और इसी यूएसपी के चलते… उन्होने जितने दुश्मन बनाए हैं, उसके चलते उनके पापा – रमाकांत पंडित, जेल पहुंच चुके हैं। कुर्सी को लेकर बाहुबलियों की बैठक भी जारी है। लेकिन इन सबके बीच आप सोच रहे होंगे कि कालीन भैया कहां हैं?
कालीन भइया को लेकर मेकर्स भी पड़े सोच में
उधर कालीन भइया को बेड पर लिटाए-लिटाए राइटर्स भी यही सोच रहे थे, कि त्रिपाठियों का वर्चस्व खत्म होते देख रहे वो उन्हे आखिर इस्तेमाल कहां करें। मिर्जापुर-जौनपुर और सिवान के बीच घूमती मिर्जापुर 3 की कहानी में हमने जितना बताया है, वो ट्रेलर भी नहीं है। बहुत कुछ और हो रहा है, उसमें आपको बाहुबलियों की बैठकों का सिलसिला बहुत बोर करता है। शरद की सुस्ती भी खलती है, गुड्डू भैया की बेबसी भी चुभती है। गोलू को बहुत कूदना भी खलता है। लेकिन इन सबके बाद भी मिर्ज़ापुर 3 इस बार ज्यादा रियलिस्टिक है। सीरीज में राजनीति, गुंडई, वायलेंस, एडल्ट सीन्स, और रिश्ते सब सुलझते हैं।
शानदार है सिनेमैटोग्राफी
सिनेमैटोग्राफी, सेट डिजाइन और रियल लोकेशन के साथ मिर्जापुर के प्रोडक्शन वैल्यू में भी जबरदस्त ईजाफा हुआ है। सारे कैरेक्टर, अपने-अपने अंदाज में सेट हो चुके हैं, तो एक दो नए कैरेक्टर्स के साथ – सरप्राइज फैक्टर जोड़ा गया है। शायर रहीम के कैरेक्टर और उनकी कानों से खून बहा देने वाली गालियों से भरी नज़्में, इस सीज़न के वायरल होने का रीजन बनेंगी। डिम्पी और रॉबिन की लव-स्टोरी का ट्रैक और उसका अंजाम, आपके दिमाग को हिला देगा।
कालीन भइया का दिखेगा जलवा
परफॉरमेंस पर आइएगा, तो 9 एपिसोड तक कालीन भैया के छोटे-छोटे कैमियो से उकता जाइएगा, लेकिन फिनाले में पंकज त्रिपाठी ने समझा दिया है, कि मिर्जापुर की गद्दी नहीं, बल्कि इस सीरीज में उनका वर्चस्व सबसे ऊंचा है। गुड्डू भैया – अली फजल ने इस सीजन में भी जबरदस्त वायलेंस किया है, लेकिन कैरेक्टर के इमोशनल वैरिएशन दिखाने का मौका इस बार अली फजल को ज्यादा मिला है, तो उन्हे जो इज्ज़त चाहिए वो दे दीजिए। गोलू के किरदार में श्वेता त्रिपाठी का काम भी बहुत शानदार है। इस सीरीज में हादसों से लड़ती गोलू के किरदार को उन्होंने कमाल का निभाया है।
इन कैरेक्टर्स ने एक्टिंग से जीता दिल
सीएम माधुरी यादव के किरदार में ईशा तलवार को इस सीज़न में बहुत स्पेस मिला है, और ईशा ने तलवार की धार पर चलकर साबित किया है… कि वो कमाल की एक्ट्रेस हैं। बीना त्रिपाठी बनी रसिका दुग्गल के पास इस बार ज्यादा कुछ करने के लिए था नहीं। छोटे त्यागी बने विजय वर्मा का काम बेहतरीन है। शरद शुक्ला बने अंजुम शर्मा ने भी इस मौके का शानदार फायदा उठाया है, और पंकज त्रिपाठी-अली फज़ल जैसे बेहतरीन एक्टर्स के सामने कम नहीं पड़े हैं।
हर्षिता और प्रियांशु पैन्यूली का ट्रैक शुरुआत में कमज़ोर पड़ा, लेकिन क्लाइमेक्स में दोनो ने अपने किरदार से गहरा असर छोड़ा। शायर रहीम की पहचान इस वक्त हर कोई तलाश रहा होगा, तो आपको बता दें कि ये किरदार पल्लव सिंह ने निभाया है। मिर्ज़ापुर 3 के लिए ऑडियंस का दीवानापन ज़ाहिर है। और ये तीसरा सीज़न आपकी उम्मीदों को निराश नहीं करेगा।
मिर्ज़ापुर सीजन 3 को 3.5 स्टार।