सेंसर बोर्ड कैसे करता है काम? ‘A’ सर्टिफिकेट फिल्मों के क्या हैं पैमाने
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A Certificate Movie Meaning: दीपिका पादुकोण (Deepika Padukone) और रितिक रोशन (Hrithik Roshan) की 'फाइटर' (Fighter) को लेकर कहा जा रहा है कि इसके कुछ सींस पर सेंसर बोर्ड (Censor Board) की कैंची चल सकती है। हालांकि इससे पहले भी कई फिल्मों को सेंसर बोर्ड की बेरहमी का दर्द झेलना पड़ा है। आप सोच रहे होंगे की आखिर कैसे सेंसर बोर्ड काम करता है।
अगर आप सिनेप्रेमी हैं तो कई बार देखा होगा कि जैसे ही फिल्म शुरु होती है तो एक सर्टिफिकेट दिखता है। क्या आपने कभी सोचा है कि वो क्या होता है। दरअसल इस पर फिल्म को दिए ग्रेड लिखे होते हैं, ये सर्टिफिकेट सेंसर बोर्ड देता है। अब आपके दिमाग में चल रहा होगा कि सेंसर बोर्ड फिल्मों को ग्रेड क्यों और किस आधार पर देता है। आखिर ऐसा क्या होता है ए सर्टिफिकेट फिल्मों में। तो चलिए हम आपको बताते हैं इसके बारे में सबकुछ।
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क्या लिखा होता है सर्टिफिकेट में? (A Certificate Movie Meaning)
सबसे पहले बता देते हैं कि फिल्म के शुरू होते ही दिखाई देने वाले सर्टिफिकेट में क्या लिखा होता है। इस सर्टिफिकेट को CBFC द्वारा जारी किया जाता है, जिसमें फिल्म से जुड़ी सारी जरूरी चीजें लिखी होती हैं। तो चलिए एक नजर में देखें कि इसमें लिखा क्या होता है।
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सर्टिफिकेट में सबसे पहले मूवी का पूरा नाम लिखा होता है। इसके बाद समय सीमा लिखी होती है, उसके बाद उसमें फिल्म सर्टिफिकेट देने वाले लोगों का नाम लिखा होता है। अब इसमें फिल्म रिलीज होने का प्रिंट माध्यम की जानकारी दी जाती है। इसके बाद सर्टिफिकेट में प्रोड्यूसर का नाम लिखा जाता है। इसके बाद प्रमाण पत्र की संख्या के बारे में जानकारी दी जाती है, और इसी के साथ फिल्म कैटेगरी बताई जाती है।
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किन फिल्मों को दिया जाता है ए सर्टिफिकेट? (A Certificate Movie Meaning)
अधिकतर फिल्मों को ए सर्टिफिकेट दिया जाता है। अब ये भी जान लें कि क्यों दिया जाता है ए सर्टिफिकेट। बता दें कि उन मूवीज को ए सर्टिफिकेट दिया जाता है जिन्हें 18 साल से कम उम्र के लोगों का देखना प्रतिबंधित होता है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने साल 1989 में ये आदेश दिया था कि जिन फिल्मों में ऐसे सीन हों जो कहीं न कहीं जीवन को प्रभावित करते हों। आप सोच रहे होंगे कि वो कौन से सीन हैं तो बता दें कि उसमें ज्यादा खून खराबा न हो, एडल्ट सीन न हों, और गाली न हो।
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