Kesari Chapter 2 Review: छा गए आर माधवन, जबरदस्त है अक्षय कुमार की फिल्म का क्लाइमेक्स, पढ़ें रिव्यू
kesari chapter 2
Kesari Chapter 2 Movie Review/Ashwani Kumar: बॉलीवुड में एक सच्ची घटना पर आधारित फिल्म थियेटर में दस्तक दे चुकी है और इस फिल्म का फैंस बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। जलियांवाला बाग में 106 साल पहले जनरल डायर के ऑर्डर पर चली हजारों गोलियां और उसमें ब्रिटिश गर्वनमेंट के रोलेट एक्ट के खिलाफ प्रोटेस्ट करने आए हजारों लोगों की मौत की दास्तां हम-आप अब भी सुनते हैं, ब्रिटिश सरकार के लिए गुस्सा जन्म ले लेता है।
13 अप्रैल, 1919 यानि बैसाखी के दिन हुए जलियांवाला बाग हत्याकांड पर कई फिल्में-सीरियल्स बने हैं, मगर पहली बार उस नायक की कहानी को पर्दे पर उतारा गया है, जिसने इस हत्याकांड के लिए ब्रिटिश सरकार को ही उनके कटघरे में खड़ा कर दिया था। अगर आप भी अक्षय कुमार स्टारर 'कैसरी चैप्टर 2' देखने का प्लान बना रहे हैं, तो उससे पहले e24 बॉलीवुड का ये रिव्यू पढ़ लें।
यह भी पढ़ें: Kesari Chapter 2 X Review: ‘एक खिलाड़ी सब पे भारी…’, अक्षय कुमार की फिल्म देख क्या बोले यूजर्स?
क्या है फिल्म की कहानी
केसरी चैप्टर 2 की कहानी जलियांवाला बाग हत्याकांड पर बनी है, ऐसे में फिल्म के प्रीमियर पर अक्षय कुमार ने खास अपील की है कि मूवी के शुरुआती 10 मिनट सबको जरूर देखने चाहिए। दरअसल, फिल्म की शुरुआत में ही जलियांवाला बाग हत्याकांड के उस दर्दनाक मंजर को दिखाया गया है, जिसे देखकर आज भी आपकी रूह काप जाएगी। जनरल डायर के ऑर्डर पर ही जलियांवाला बाग में ब्रिटिश आर्मी ने आम इंसानों पर गोलियां चलाई थी। इस सीन को देखने के बाद अब इस फिल्म में 134 मिनट, यानि 2 घंटे 14 मिनट में आप इस हत्याकांड पर इंसाफ होते हुए देखना चाहते हैं। राइटर डायरेक्टर करण सिंह त्यागी और अमृतपाल ने पूरी फिल्म में सेंटिमेंट को पूरी तरह से बनाए रखा है।
कैसा है फर्स्ट हाफ
केसरी चैप्टर 2 के पहले हॉफ में आप देखते हैं कि मद्रास के बैरिस्टर सी.शंकरन नायर किस तरह से ब्रिटिश गर्वनमेंट के चहिते बने हैं, कैसे वो ब्रिटिश कोर्ट में ही अंग्रेज सरकार के लिए मुसीबत बनते क्रांतिकारियों को सजा दिलाने के लिए पैतरें अपनाते हैं। मगर जलियांवाला बाग हत्याकांड की जांच करते वक्त शंकरन नायर को होता है कि वो गलत का साथ दे रहे हैं और फिर वो ब्रिटिश सरकार के खिलाफ केस करते हैं। यहां से कहानी में नया मोड़ आता है, हालांकि मूवी का फर्स्ट हाफ थोड़ा स्लो है और इमोशन से भरा है। जब केस कोर्ट पहुंचता है और आर माधवन यानी नेविले मैकिन्ले हॉफ इंडियन-हॉफ ब्रिटिश बैरिस्ट की एंट्री होती है और कहानी में दिलचस्प होती है।
फिल्म की जान है क्लाइमेक्स
केसरी चैप्टर 2 को कोर्ट रूम में दांव-पेंच, सच-झूठ से जूझते हुए दिलचस्प बनाने की कोशिश होती है, हालांकि इस दौरान थोड़ा इंट्रेस्ट लूज होता है। कोर्ट में ये केस हारने के बाद, शंकरन नायर जब दिलप्रीत के साथ मिलकर बाउंसबैक करते हैं, तो फिल्म के क्लाइमेक्स के 15 मिनट जबरदस्त हैं, जिसमें अक्षय कुमार का कमाल का मोनोलॉग भी सुनने को मिलता है।
केसरी चैप्टर 2 का स्क्रीन प्ले
2 साल तक चली इस इंसाफ की जंग की कहानी का सेट अप अच्छा है, सेट डिजाइन से लेकर कोर्ट रूम की डिटेलिंग पर काम किया गया है। स्टोरी और स्क्रीन प्ले के मामले में करण सिंह त्यागी और अमृतपाल कुछ अलग पेश नहीं करते, लेकिन सीन्स अच्छे से लिखे हैं, डायलॉग्स बेहतरीन हैं। ओ शेरा ट्रेक बीच-बीच में आता है और सीन्स को दमदार बनाता है।
एक्टिंग
अक्षय कुमार का एग्रेशन, बॉडी लैग्वेंज और डायलॉग डिलिवरी अपना गहर असर दिखाती है और नेविले मैकीन्ले बने माधवन का काम भी बेहतरीन है, उनके आने के बाद फिल्म में जैसे स्पार्क आ जाता है। जनरल डायर बने सिमोन पैसले ने अपने किरदार को शानदार तरीसे पर्दे पर उतारा है कि उनसे आपको भी नफरत हो जाएगी। अनन्या पांडे ने दिलप्रीत के किरदार को अच्छे से निभाया है और फिल्म में शंकरन नायर की पत्नी के रोल में रेजिना कैसैन्ड्रा है।
केसरी चैप्टर 2 को एक बार जरूर देखना चाहिए, फिल्म इतिहास के एक सच्ची घटना को दिखाती है।
केसरी को 3.5 स्टार
यह भी पढ़ें: अथिया शेट्टी ने बेबी गर्ल का रखा है ये क्यूट नाम, पहली फोटो आई सामने
Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world
on News24. Follow News24 and Download our - News24
Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google
News.