Sunday, 27 October, 2024

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चेतावनी! बांध लें कुर्सी की पेटी; सीट से उठने नहीं देगी प्रभास की ‘कल्कि 2898 AD’ की कहानी

Kalki 2898 AD Movie Review: डायरेक्टर नाग अश्विनी की फिल्म 'कल्कि 2898 AD' 27 जून को सिनेमाघर में रिलीज हो गई है और इस फिल्म में प्रभास, अमिताभ बच्चन, दीपिका पादुकोण, दिशा पाटनी और कमल हासन अहम रोल में हैं। अगर आप भी इस फिल्म को सिनेमाघर में देखने का मन बना रहे हैं, तो एक बार जरूर पढ़ लें 'कल्कि 2898 AD' का रिव्यू।

Kalki
Movie name:Kalki 2898 AD
Director:Nag Ashwin
Movie Casts:Prabhas, Amitabh Bachchan, Kamal Haasan, Deepika Padukone, Disha Patani

Kalki 2898 AD Movie Review/Ashwani Kumar: ‘कल्कि 2898 AD’ देखने का सजेशन देने से पहले चेतावनी जान लीजिए… ये फिल्म आपको एंटरटेन करके लिए नहीं बनाई गई है। हांलाकि प्रभास के कैरेक्टर को फर्स्ट हॉफ में कॉमिक रिलीफ के लिए रखा गया है, लेकिन कल्कि की कहानी – माइथोलॉजी, भविष्यवाणियों, पृथ्वी पर इंसानियत के ख़त्म होने, कलियुग के अंत में मां सुमति के गर्भ से भगवान विष्णु के दसवें अवतार – कल्कि के जन्म लेने और कलियुग पर राज करने वाले बुराई के सबसे बड़े काल- कलि के साथ उसके संघर्ष की कहानी है, जिसमें फ्यूचरिस्टिक – लैब टेस्ट, साइंटिस्ट, और पहेलियां हैं। ऐसी फिल्म की कहानी को समझने के लिए पहले आपको तैयार होना होता है। एक तरह से समझ लीजिए कि ओपेनहाइमर के समझने के लिए आपको बैकग्राउंड पता होना चाहिए, साइंस पता होनी चाहिए, साइंटिस्ट के बारे में पता होना चाहिए… वरना फिल्म देखते वक्त आप स्क्रीन की ओर नहीं, एक दूसरे के चेहरे देखेंगे।

क्या है कल्कि की कहानी?

कल्कि 2898 AD की कहानी को सोचने के लिए नाग अश्विन की तारीफ़ होनी चाहिए, और इसे प्रोड्यूस करने के लिए कदम आगे बढ़ाने के लिए वैजयंती फिल्म्स के लिए तालियां बजनी चाहिए। इतना रिस्की, इतना महंगा, और इतना भव्य सपना कम से कम इंडियन सिनेमा में आज तक तो नहीं देखा गया। कल्कि की कहानी शुरू होती है – महाभारत के युद्धक्षेत्र – कुरुक्षेत्र से, जहां अभिमन्यू की मौत के बाद, और पूरी कौरव सेना के संघार होने के बाद – द्रोण पुत्र अश्वत्थामा ब्रह्मास्त्र चलाता है और उसे उत्तरा के गर्भ पर चला देता है। भगवान कृष्ण अश्वत्थामा को श्रॉप देते हैं, कि वो अमर होगा, कलियुग के अंत तक, जब स्वयं भगवान कल्कि अवतार में जन्म लेने वाले होंगे, तो अश्वत्थामा उनकी रक्षा करेगा।

सुप्रीम यास्किन बने कमल हासन

लीनियर थीम पर नाग अश्विन ने इस मुश्किल कहानी को फास्ट फॉवर्ड करके कलियुग के अंत में ला खड़ा किया है, जहां इस विश्व की सबसे पुरानी नगरी – काशी, अब सबसे अंतिम शहर के तौर पर बची है। लेकिन यहां भी दो दुनिया है, एक दुनिया बेबस और लाचारों की जहां सांस लेने को हवा नहीं, पीने को पानी नहीं, खाने को दाना नहीं, जीने की उम्मीद नहीं… और दूसरी दुनिया – कॉम्प्लेक्स, जहां सब कुछ है, पानी, हवा, महल, ऐश-ओ-आराम भरी ज़िंदगी… जिसका भगवान है – सुप्रीम यास्किन।

कौन देगी कल्की को जन्म?

हांलाकि सुप्रीम यास्किन से मिलने का सौभाग्य – कॉम्प्लेक्स के कमांडर को भी सालों में कुछ पलों को मिलता है। ये सुप्रीम यास्किन, यूं तो एक संत के भेष में है, दुनिया की तबाही के लिए इंसानों को जिम्मेदार मानता है और खुद सब पर राज करता है। उसे तलाश है, उस औरत की जो कल्कि को जन्म देने वाली है। इसके लिए वो हर पॉजिटिव औरत यानि इस दुनिया में, जब औरत की कोख सूख गई हो… यास्किन के सैनिक हर उस लड़की या औरत, जो पॉजिटिव निकलती है, उसके उपर लैब टेस्ट करते हैं… ताकि कोख से निकले सीरम को – बेहद सूख चुके यास्किन तक पहुंचाया जा सके।

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भैरवा और SUM-80 का रोल

इस कहानी में भैरवा है, जो कॉम्पेल्क्स में आराम की जिंदगी के सपने देखता है। और बाउंटी हंटर बनकर 1 मिलियन यूनिट्स इकट्ठा करना चाहता है, जो कॉम्प्लेक्स में किसी भी तरह उसे एंट्री दिला दे। दूसरी ओर SUM-80 है, जो बचपन से ही कॉम्पेल्क्स में प्रेग्नेंट औरतों का ख़्याल रखती है और बार-बार टेस्ट में निगेटिव होती है। लेकिन अचानक पता चलता है कि 5 महीने से उसने अपनी प्रेग्नेंसी छिपाई हुई है।

क्लाइमेक्स में छुपा है ट्विस्ट

बस खेल शुरू हो जाता है, काल का खेल… जहां महाभारत के दौर का अर्जुन का गांडीव धनुष, धरती का सीना चीर कर बाहर आता है। ये धनुष है, जिसे स्वयं ब्रह्मा ने बनाया है… अश्वत्थामा की मणि चमकने लगती है, जो ईशारा करती है कि कल्कि के जन्म लेने का समय आ चुका है। SUM-80, कॉम्प्लेक्स से, रिबेल्स की मदद से बाहर निकलती है और उसके पकड़ने के लिए कॉम्पेल्क्स 5 मिलियन की बाउंटी रखता है। इस बाउंटी के लिए भैरवा अपनी जान लगा देता है, और SUM-80 से सुमति बने उसके टारगेट के बीच, अश्वत्थामा एक दीवार बनकर खड़ा होता है। मगर क्लाइमेक्स का ट्विस्ट.. आपका दिमाग़ झकझोरने के लिए काफ़ी है।

नहीं देखा होगा ऐसा VFX

कमाल है – कल्कि की कहानी… जो 3 घंटे से भी ज़्यादा लंबी है, लेकिन एक बार आप कहानी में शामिल हो गएं, तो स्क्रीन से नज़रें हटा नहीं पाते। नाग अश्विन ने कल्कि 2898 AD के लिए ऐसी दुनिया गढ़ी है, ऐसे कमाल की गाड़ियां, रोबोट्स, हवाई जहाज, खतनाक हथियार बनाएं हैं कि आप देखते ही रह जाएंगे। वीएफ़एक्स के मामले में ये इंडियन सिनेमा का सबसे बेहतरीन काम है। हिंदी वर्ज़न में फिल्म के गानों को लेकर काम करने की जरूरत थी, इसके अलावा संभाला में कॉम्प्लेक्स और रिबेल्स की लड़ाई वाले पार्ट में बेहतरी की गुंजाइश थी, लेकिन इसके बाद कल्कि में कोई कमी निकालना मुमकिन नहीं है।

फिल्म में लगा कैमियो का मेला

वैजयंती फिल्म्स और नाग अश्विन ने कल्कि को एक पैन इंडिया नहीं, बल्कि एक इंडियन फिल्म की तरह प्रेजेंट किया है, जिसे नॉर्थ से दीपिका पादुकोण और अमिताभ बच्चन हैं, पंजाब से दिलजीत दोसांझ का ट्रैक है, जो फिल्म के फर्स्ट हॉफ में एक्शन के दौरान आता है। कैमियोज़ का एक ऐसा गुलदस्ता, जो इससे पहले आपने शाहरुख़ ख़ान की फिल्म – ओम शांति ओम में देखा था, मगर ये किसी आईटम नंबर में खर्च नहीं किया गया है। मृणाल ठाकुर फिल्म की शुरुआत में एक ऐसी मां के किरदार में नजर आती हैं, जिसे सिर्फ़ शक के तौर पर कॉम्प्लेक्स का कमांडर ख़त्म कर देता है। साउथ कॉमिक स्टार ब्रह्मानंदम, भैरवा के लैंड लॉर्ड बने नज़र आते हैं। डायरेक्टर राम गोपाल वर्मा, कॉम्पेल्क्स की चीज़ों की स्मगलिंग करते हैं… जैसे कि अंडे। डायरेक्टर एस.एस. राजामौली एक बाउंटी हंटर बने, प्रभास से टकराते हैं और बाहुबली का रिफरेंस आता है। दुलकर सलमान, भैरवा के कैप्टन बने कैमियो में दिखते हैं। विजय देवरेरकोंडा महाभारत के दौर में अर्जुन बने दिखते हैं। ऐसा लगता है कि पूरे का पूरा साउथ इस आइकॉनिक फिल्म का हिस्सा बन गया है।

कैसी लगी स्टार्स की परफॉरमेंस

परफॉरमेंस के तौर पर – प्रभास जो भैरवा बने हैं, ये उनके बेहतरीन किरदारों में से एक है, जो योद्धा है, बाउंटी हंटर है, ग्रे शेड लिए हुए है, वो भी कॉमिक टच के साथ। फिर नाग अश्विन ने क्लाइमेक्स में भैरवा को, महाभारत के सबसे बड़े योद्धा के तौर पर जोड़ा है, वो आपके दिमाग़ को हिला देगा। सुमति बनी दीपिका पादुकोण ने अपने किरदार को कुछ ऐसे जिया है, जैसे लगता है कि वो सच में ईश्वर को अपनी कोख में रखें हुए हैं, ये बेहतरीन है। अमिताभ बच्चन को अश्वत्थामा के किरदार में जैसे नाग अश्विन ने प्रेजेंट किया है, वैसा ना किसी ने इससे पहले सोचा था, और ना शायद कोई आगे सोच पाएगा। अमिताभ को देखकर आप अपने घुटनों पर आ जाएंगे। सुप्रीम यास्किन और फिर कलि तक के ट्रांसफॉर्मेशन में कमल हासन ने भी ऐसा कमाल दिखाया है, जो उनकी फिल्मोग्राफी में सबसे ऊंचे नम्बर पर आएगा। हांलाकि बॉलीवुड एक्ट्रेस दिशा पाटनी का कैमियो मूवी के हिसाब से  बहुत ढीला है।

कल्कि देखिए जरूर, क्योंकि इंडियन सिनेमा में ये फिल्म एक बेंचमार्क है, लेकिन उससे पहले महाभारत की कहानी को करीब से समझ कर जाइए।

कल्कि को 4.5 स्टार।

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First published on: Jun 27, 2024 04:16 PM

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