Javed Akhtar: भारतीय पटकथा लेखक और गीतकार जावेद अख्तर ने माधुरी दीक्षित (Madhuri Dixit) और दिवंगत अभिनेत्री श्रीदेवी (Sridevi) पर बड़ा बयान दिया है। अख्तर ने दोनों ही अभिनेत्रियों को सुपरस्टार नूतन और नरगिस की तरह ही प्रतिभाशाली हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि हालांकि बॉलीवुड में माधुरी और श्रीदेवी को कोई दमदार किरदार करने का मौका नहीं मिला है। जावेद अख्तर ने बॉलीवुड पर भी तंज कसा है।
हीरो की कहानी से बॉलीवुड प्रभावित
दरअसल गीतकार जावेद अख्तर ने एक इंटरव्यू में कहा कि एक हीरो की कहानी ने बड़े पर्दे पर बॉलीवुड को प्रभावित किया है। हिंदी सिनेमा में सदियों से हीरो पर आधारित फिल्में ही बनाई जा रही हैं, जिससे भारतीय सिनेमा की छवि खराब हो रही है। उन्होंने आगे कहा कि माधुरी और श्रीदेवी जैसी शानदार अभिनेत्रियों को नूतन, मीना कुमारी और नरगिस जैसी शक्तिशाली भूमिकाएं अदा करने का मौका नहीं मिला है।
एंग्री यंग मैन का प्रचार कर रहे जावेद अख्तर
इन दिनों जावेद अख्तर अपनी अपकमिंग सीरिज ‘एंग्री यंग मैन’ के प्रचार में व्यस्त हैं। इस दौरान उन्होंने माधुरी और श्रीदेवी का ज्रिक किया। उन्होंने कहा कि ये अभिनेत्रियों किसी से कम नहीं हैं बल्कि ये उन महिलाओं में शामिल हैं जो कुछ भी कर सकती हैं, लेकिन दुर्भाग्यवश उन्हें पूरे करियर में किसी भी तरह का स्ट्रांग किरदार नहीं मिल पाया। इसका ये मतलब नहीं की वह काबिल नहीं हैं।
मदर इंडिया जैसे रोल यादगार
अख्तर ने कहा कि लार्जर दैन लाइफ मीना कुमारी के पास साहिब बीबी और गुलाम (1962) और पाकीजा (1972) थीं। नरगिस के पास मदर इंडिया (1957) और नूतन के पास बंदिनी (1963) और सुजाता (1959) थीं। बॉलीवुड पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि हिंदी सिनेमा मर्दों को बड़ी फिल्में ऑफर करता है और यही कारण रहा कि श्रीदेवी और माधूरी के जमाने में उनको कोई यादगार रोल नहीं दिए गए जो दुखद है।
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माधुरी और श्रीदेवी की फिल्में
माधुरी दीक्षित ने 1984 से अबोध फिल्म से अपने करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद तेजाब, राम लखन, त्रिदेव, किशन कन्हैया और यश चोपड़ा की रोमांटिक फिल्म दिल तो पागल है जैसी कई दूसरी फिल्मों में काम किया। वहीं दिवंगत श्रीदेवी को मिस्टर इंडिया, चांदनी, सदमा और नगीना जैसी अन्य फिल्मों के लिए जाना गया।