मशहूर प्लेबैक सिंगर के अचानक निधन से सदमे में फिल्म इंडस्ट्री, मौत की वजह नहीं आई सामने
Uma Ramanan Death: अपनी सुरीली आवाज से लोगों को अपना दीवाना बनाने वाली मशहूर पार्श्व गायिका उमा रामनन का का बुधवार 1 मई को निधन हो गया। सिंगर ने 72 साल की उम्र में अपनी अंतिम सांस ली। रामनन अपने पीछे पति ए.वी. रामनन और बेटे विग्नेश रामनन को छोड़ गई हैं। बता दें कि उनके पति भी फेमस सिंगर हैं। अभी तक सिंगर के अंतिम संस्कार की कोई खबर नहीं आई है कि वो कब और कहां होगा।
ऐसा था 35 सालों का सफर
उमा की आवाज इतनी सुरीली थी मानो गले में स्वयं मां सरस्वती का वास हो। ऐसी आवाज की मल्लिका की मौत ने इंडस्ट्री को तगड़ा झटका दिया है। उमा को बचपन से ही संगीत का शौक था, जिसके चलते उन्होंने शास्त्रीय संगीत की शिक्षा भी ली थी। उन्होंने अपने 35 साल के करियर में 6 हजार से अधिक संगीत कार्यक्रमों में भाग लिया। उमा के पति भी सिंगर हैं, हालांकि वो अपनी पत्नी जितने फेमस नहीं है, लेकिन गायिका ने उनके लिए भी कई सारे गाने गाए हैं।
इन गानों से हुईं फेमस
हालांकि उमा रामानन ने अपने करियर में कई सारे गाने गाए। लेकिन असली पहचान उन्हें इलैयाराजा के लिए गाए कुछ प्रसिद्ध गीतों जैसे- 'थूरल निन्नु पोच्चू' से 'भूपालम इसाइक्कम', 'पन्नेर पुष्पंगल' से 'आनंधा रागम', 'थेंद्रेल एन्नाई थोडु' से 'कनमनी नी वारा', 'ओरु कैधियिन डेयरी' से 'पोन्न माने' शामिल हैं। , 'अरंगेट्रा वेलाई' से 'आगया वेन्निलावे' और 'महानदी' से 'श्री रंगा रंगनाथनिन', आदी से मिली।
ऐसे की शुरुआत
उमा ने साल 1977 में अपने करियर की शुरुआत की। उन्होंने सबसे पहले 'श्री कृष्ण लीला' के एक गाने से अपने करियर की शुरुआत की। इसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और सफलता की सीढ़ी चढ़ती चली गईं। रामानन का आखिरी गाना 'थिरुपाची' के लिए 'कन्नुम कन्नुम्थान कलंदाचू' था। मणि शर्मा द्वारा रचित इस गीत को उन्होंने हरीश राघवेंद्र और प्रेमजी अमरेन के साथ गाया था।
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