Hai Junoon Review/Navin Singh Bhardwaj: डांस और गाने फिल्म इंडस्ट्री के विभिन्न अंग रहे हैं, नार्थ हो या या साउथ गाने और डांस के बिना फिल्म इंडस्ट्री बिल्कुल अधूरा है। और क्या हो जब यही डांस और गाने कहानी का ही अभिन्न हिस्सा बन जाएं। रेमो डिसूजा का ABCD हो या प्राइम वीडियोज का ‘बंदिश बैंडिट्स’ दर्शक हमेशा से ही कुछ अलग देखने की चाह रखती है और चाव से देखती भी है। मगर क्या हो जब यही डांस और गाने एक ही प्रोजेक्ट में आपस में मंच पर टकराए। जियो हॉटस्टार लेकर आया है, ‘है जुनून : ड्रीम, डेयर, डोमिनेट’ जिसमे गाने भी हैं और डांस भी पर आखिर कैसी है, ये 20 एपिसोड की सीरीज उसके लिए पढ़िए E24 का रिव्यू।
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कैसी है कहानी?
कहानी की शुरुआत मुंबई के सेंट एंडरसन कॉलेज से होती है गगन आहुजा (नील नितिन मुकेश) एंडरसन कॉलेज के एक्स स्टूडेंट है, सालों लॉस एंजेलेस में बिताने के बाद गगन मुंबई लौटता है और कॉलेज के 50वें फाउंडर्स डे को अटेंड कराता हैं। कहानी एक ट्विस्ट के चलते गगन अपना म्यूजिक करियर रोक कर यहीं रुकने का फैसला करता है और कॉलेज के सुपरसॉनिक्स नाम के एक फेमस ग्रुप को मेंटर करना शुरू करता है। इधर दूसरी ओर, कॉलेज का ही एक स्टूडेंट सेबी (सुमेध मुदगलकर ) जल्द ही मिसफिट्स नाम की एक डांसर्स की टीम बनाता है, जो सुपरसॉनिक्स को टक्कर देने के लिए तैयार है। इस टीम की मेंटर हैं, पैशनेट पर्ल सलदाना (जैकलिन फर्नांडीस), जो अपने जुनून और जज्बे के लिए जानी जाती है। एक ही कॉलेज में हो रहे दो कम्पटीशन के आखिरी डेट क्रिसमस प्राइड पर आखिर किसकी जीत होगी? सुपर सोनिक या मिसफिट्स की ये जानने के लिए आपको जिओ हॉटस्टार का रुख करना होगा।
डायरेक्शन, म्यूजिक और कोरियोग्राफी
डायरेक्टर अभिषेक शर्मा ने पूरी कोशिश की है कि है जुनून पूरी तरह से एंटरटेनमेंट सीरीज के रूप में सामने आए। अभिषेक ने टैलेंट कॉम्पिटिशन की एनर्जी को एक गहरे सोशल मेसेज के साथ जोड़ने की कोशिश की है। हालांकि, कई किरदारों और उनकी-अपनी कहानियों के चलते सीरीज की कहानी कई बार खुद ही अपने जाल में उलझती नजर आई है। कई जगहों पर कहानी इतनी उलझ गई है कि कन्फ्यूजन पैदा करने लगी है। अभिषेक ने एंटरटेनमेंट के साथ-साथ एक मैसेज देने की कोशिश की है, लेकिन एक्जीक्यूशन के मामले में सीरीज थोड़ी कमजोर साबित हुई है, जिसकी सबसे बड़ी वजह है… सीरीज में भर भर के एक्टर्स को रखना जिससे कहानी का फोकस बिखर गया है और नैरेटिव कुछ ज्यादा ही भीड़भाड़ वाला फील करता है। सीरीज में म्यूजिक की कमान शंकर महादेवन ने पकड़ी है जिन्होंने ने सीरीज की थोड़ी लाज रखी है। म्यूजिक और बैकग्राउंड स्कोर अच्छा है। वही, कोरियोग्राफर रुएल दौसान वरिंदनी ने की है और रुएल ने कमाल का काम किया है।
स्टार्स की एंक्टिग
शंकर महादेवन की म्यूजिक और रुएल की कोरियोग्राफी के अलावा सुमेध मुदगलकर, सिद्धार्थ निगम और नील नितिन मुकेश की एक्टिंग इस म्यूजिकल ड्रामा है जुनून की सबसे बड़ी ताकत हो सकती है। सुमेध, सेबी के किरदार में पूरी तरह से ढाल गए है, सुमेध के एक्टिंग की ईमानदारी और इमोशंस खूब दिखे हैं। राधाकृष्ण के बाद सुमेध को एक अलग अंदाज में देखना एक अलग ट्रीट है, नील नितिन मुकेश सीरीज के सेंट्रल करैक्टर हैं जो सबको जोड़े रखें हैं। वहीं, सिद्धार्थ निगम की एनर्जी लेवल सीरीज के इमोशनल लेवल को पूरी तरह पकड़ के रखा है। हां, जैकुलिन फर्नांडिस सीरीज में कब आ रही हैं और कब गायब हो जा रही हैं ये बहुत कन्फ्यूजिंग था। ओवर ऑल, भले ही कहानी कुछ जगह लड़खड़ाती नजर आई है, पर ये तीनों एक्टर्स, म्यूजिक और कोरियोग्राफी ही हैं जो दर्शकों को इमोशनली जोड़े रखेगा।
फाइनल वर्डिक्ट
है जुनून एक अच्छा कॉन्सेप्ट है जो अपने एक्सपेक्टेशन के बोझ तले दबता नजर आया है, सीरीज को इस बात का श्रेय जरूर दिया जाना चाहिए कि यह समाज से जुड़े अहम मुद्दों को छूने की कोशिश की है। लेकिन जहां तक एक्सक्यूशन की बात है, वहां काफी कमजोर साबित हुई है। यह एक ऐसा शो है जिसमें इरादा तो अच्छा है, लेकिन उसे पूरी तरह दिखाने में फेल हुए।
है जुनून को मिलते हैं 2.5 स्टार
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