Diwali 2025: दिवाली का त्योहार बुराई पर अच्छाई का प्रतीक है. इस दिन भगवान राम और मां सीता 14 साल लम्बा वनवास काटकर अयोध्या अपने घर लौटे थे. उनके घर लौटने की जो खुशी थी, वही खुशी बॉलीवुड की कुछ फिल्मों में भी महसूस की जा सकती है. इन 5 फिल्मों में किरदारों को किसी ना किसी कारण अपने घर या देश से दूर रहना पड़ा, लेकिन उन्होंने भी कड़ी मुश्किलों का सामना करके अपना वनवास पूरा कर ही लिया. यहां ऐसी ही 5 फिल्में मौजूद हैं. इस लिस्ट में आलिया भट्ट से लेकर बॉलीवुड के किंग शाहरुख खान की फिल्में भी शामिल हैं.
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खुदा हाफिज
विद्युत जामवाल और शिवालिका ओबेरॉय की फिल्म ‘खुदा हाफिज’ में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला था. फिल्म में समीर चौधरी को नरगिस से प्यार होता है और दोनों शादी कर लेते हैं. दोनों बेरोजगार हो जाते हैं. फिर नोमान में नरगिस को नौकरी मिल जाती है और वो वहां चली जाती हैं. वहां उसका अपहरण होता है और वो मानव तस्करी का शिकार हो जाती है. समीर अपनी जान पर खेलकर अपनी बीवी को ढूंढता है और फिर उसे बचाकर अपने देश वापस लेकर आता है.
लव सोनिया
मृणाल ठाकुर की इस फिल्म में दो बहनों की कहानी दिखाई गई है, जो एक-दूसरे से बेहद प्यार करती हैं. कर्ज में डूबा पिता एक बेटी को बेच देता है और दूसरी बहन को बचाने के लिए खुद ही गलत लोगों के पास पहुंच जाती है. दोनों बहनें देह व्यापार में फंस जाती हैं. मुंबई के रेड-लाइट इलाकों की असलियत इस फिल्म में दिखाई गई है. एक बहन तो जैसे तैसे खुद को बचाकर वहां से भाग निकलती है और संघर्षों के बाद अपने परिवार से मिल जाती है, लेकिन दूसरी को ड्रग्स की ऐसी लत लगी कि उसका वनवास खत्म ही नहीं हो पाया.
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डंकी
शाहरुख खान की फिल्म ‘डंकी’ में दिखाया गया है कि गांव के कुछ लोगों का अमेरिका जाने का सपना होता है, लेकिन वो सपना पूरा नहीं होता. कुछ बुरे लोग उन्हें अमेरिका भेजने का लालच देकर ठग भी लेते हैं. इसके बाद वो लोग गैरकानूनी तरीकों से अमेरिका पहुंच ही जाते हैं. हालांकि, वहां जाकर उन्हें अहसास होता है कि उनसे बड़ी गलती हो गई है. फिर भारत वापस लौटने की जंग शुरू होती है और अपने घर लौटने में इन लोगों का बुढ़ापा आ जाता है.
जिगरा
आलिया भट्ट और वेदांग रैना की ये फिल्म बेहद ही इमोशनल है. इसमें दो भाई-बहनों की कहानी दिखाई गई है, जो एक-दूसरे के लिए सब कुछ हैं. भाई बिजनेस ट्रिप के लिए कजन के साथ विदेश जाता है और कजन ड्रग्स में इन्वॉल्व होता है. जब पुलिस आती है, तो वो उसे ही फंसा देता है. फिर बहन को जब ये बात पता चलती है, तो वो फौरन विदेश पहुंचती है और बेकसूर भाई को जेल तोड़कर बाहर निकालती है, बिलकुल वैसे जैसे राम जी सीता मां को लंका से वापस लेकर आए थे. आखिर में दोनों अपने देश अपने घर पहुचंते हैं.
वीर जारा
शाहरुख और प्रीति जिंटा की ‘वीर जारा’ में एक भारतीय वायु सेना अधिकारी वीर प्रताप सिंह और पाकिस्तानी राजनेता की बेटी जारा हयात खान की लव स्टोरी है. वीर को फिल्म में झूठे आरोपों में पाकिस्तान की जेल में डाल दिया जाता है और 22 साल बाद पाकिस्तानी वकील सामिया सिद्दीकी (रानी मुखर्जी) उसका केस लड़ती है. 22 साल तक ना तो वीर प्रताप सिंह को अपना प्यार मिलता है और ना ही अपना देश अपना घर. वहीं, आखिर में उनका भी वनवास खत्म होता है.