Singer lucky Ali Controversy: फिल्म इंडस्ट्री को एक से बढ़कर एक सुपरहिट गाने देने वाले फेमस सिंगर लकी अली सुर्खियों में बने हुए हैं। ओ सनम, एक पल का जीना, गोरी तेरी आंखें, हैरत, ना तुम जानों ना हम जैसे दिल को छू लेने वाले गानों के गायक लकी अली अक्सर ही किसी ना किसी विवादित बयान के चलते चर्चा में आ जाते हैं। इस बार सिंगर एक IAS अधिकारी के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है, जिसकी वजह से वो सुर्खियों में आ गए हैं। इसके अलावा हम इस स्टोरी में आपको लकी अली के कंट्रोवर्शियल बयानों के बारे में भी बताएंगे।
क्यों सिंगर ने दर्ज करवाई शिकायत
दरअसल, सिंगर लकी अली ने IAS अधिकारी रोहिणी सिंधुरी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने और उनके परिवारवालों और कुछ अधिकारियों के साथ मिलकर बेंगलुरु के बाहरी इलाके में उनकी खेती की जमीन को अवैध तरीके से कब्जा लिया है। बताते चले कि लकी अली और रोहिणी सिंधुरी के बीच ट्रस् के स्वामित्व वाली खेती वाली जमीन पर विवाद पिछले काफी समय से चल रहा है और इस मामले में साल दिसंबर 2022 में भी सिंगर ने ट्वीट कर जानकारी दी थी। अब 20 जून को सिंगर ने अपने ऑफिशियल एक्स अकाउंट पर आरोपियों के नाम और जानकारी वाली एक लिस्ट शेयर की है।
— Lucky Ali (@luckyali) June 20, 2024
‘ब्राह्मण’ वाले पोस्ट पर छिड़ा था विवाद
सिंगर लकी अली ने फेसबुक पर ‘ब्राह्मण’ को लेकर एक पोस्ट शेयर किया था, जिस पर जमकर विवाद हुआ था। अपनी एक पोस्ट पर लोगों के गुस्से को देखकर सिंगर को माफी तक मांगनी पड़ी थी। सिंगर ने फेसबुक पोस्ट में लिखा था, ‘ब्राह्मण नाम ब्रह्मा से आया है, जिसकी उत्पत्ति अब्राम शब्द से हुई है। अब्राम शब्द अब्राहम या इब्राहिम से आता है। ब्राह्मण इब्राहिम के वंशज हैं, लैहिस्सलाम(आदम) सभी देशों के पिता हैं। तो हर कोई क्यों आपस में तर्क किए बिना बहस करता और लड़ता है।’
‘हलाल मीट’ वाला ट्वीट हुआ था वायरल
मुस्लिम सिंगर लकी अली फेसबुक पर एक्टिव रहते हैं और अक्सर ही उनके पोस्ट सोशल मीडिया पर तहलका मचाते रहते हैं। सिंगर का ‘हलाल मीट’ पोस्ट ने भी खूब तहलका मचाया था, जिसमें उन्होंने लिखा था, हमारे प्यारे भारतीय भाइयों और बहनों, उम्मीद करते हैं कि आप सब ठीक होंगे… मैं आपको कुछ समझाना चाहता हूं। हलाल निश्चित तौर पर इस्लाम के बाहर किसी के लिए नहीं है। यह सिर्फ इतना है कि कोई भी मुसलमान हर किसी तरह के उत्पाद अपने यहूदी रिश्तेदारों की तरह नहीं खरीदेगा, जो कि हलाल के कोषेर के समान समझते हैं और तब कोई उत्पाद नहीं खरीदेगा। जब तक यह प्रामाणित नहीं हो जाता है कि किसी उत्पाद के अंदर वो सामग्री है, जिसका इस्तेमाल करना उनकी सीमाओं में अंदर आता है। अगर कोई ब्रांड अपने उत्पाद लेबल से हलाल शब्द हटाना चुनते हैं, तो इस स्टेप से बिक्री में बाधा आना तय है।
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