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Auron Mein Kahan Dum Tha Movie Review: अजय देवगन-तबू की जोड़ी जितेगी दिल, या माथा होगा खराब, पढ़ लें रिव्यू

Auron Mein Kahan Dum Tha Movie Review: अजय देवगन और तबू की जोड़ी पहले भी पर्दे पर कमाल दिखा चुकी है, अब एक बार फिर से धमाल मचाने आ गई है। फिल्म देखने से पहले जान लेते हैं कि कहानी में दम है भी या निकली फुसकी...

Auron Mein Kahan Dum Tha
इमेज क्रेडिट: Google
Movie name:Auron Mein Kahan Dum Tha
Director:Neeraj Pandey
Movie Casts:Ajay Devgn, Tabu, jimmy shergill

Auron Mein Kahan Dum Tha Movie Review: (Navin Singh Bhardwaj) जब प्यार, मोहब्बत और इश्क की बातें हों तो हम तो अपनी असल जिंदगी में कहने लगते हैं कि यहां मामला फिल्मी है। एक्शन फिल्म हो या थ्रिलर, ऑडियंस को लव स्टोरी का थोड़ा सा तड़का चाहिए ही होता है। जब फुल फ्लेज लव स्टोरी हो तो क्या ही कहना, लेकिन ये पहली बार है कि जब स्क्रीन की सबसे रोमांटिक पेयर्स में से एक अजय देवगन और तब्बू की फिल्म को लेकर माहौल ठंडा है। आखिर नीरज पांडे की रोमांटिक थ्रिलर – ‘औरों में कहां दम था’ है कैसी? आइये जानते हैं इसका रिव्यू …

‘औरों में कहां दम था’ की कहानी

‘औरों में कहां दम था’ के कहानी की शुरुआत साल 2000 से मुंबई से होती है, जहां मुंबई के बांद्रा-वर्ली सी-लिंक का कंस्ट्रक्शन अपने मुक़ाम पर था। वहीं कृष्णा (शान्तनु माहेश्वरी) और वसुधा (सई मांजरेकर) का प्यार भी परवान चढ़ रहा था। मुंबई के छोटे से चॉल में रहने वाले कृष्णा पेशे से एक इंजीनियर था, वही वसुधा कॉलेज की पढ़ाई पूरी कर रही होती है। एक रात चॉल के कुछ लड़के जिनकी कृष्णा से नहीं बनती, वो वसुधा को किडनैप कर उसके साथ कुछ गलत करना चाहते है। वसुधा की आवाज सुन कर कृष्णा भी वहां पहुंच जाता है, और दो लोगो की हत्या कर देता है। इस वजह से कृष्णा को 22 साल की सजा सुनाई जाती है।

इधर 22 साल बाद मुंबई सेंट्रल जेल में कृष्णा (अजय देवगन) अब बड़ा हो चुका है और उसकी रिहाई होती है। कृष्णा इतने सालों बाद अब वसुधा (तबू) से मिलना नहीं चाहता, इसलिए वो अपने जेल में बने दोस्त के जरिए उसी रात दुबई शिफ्ट हो जाना चाहता है। आख़िरकार कृष्णा और वसुधा का आमना-सामना हो ही जाता हैं। और बीच में आता हैं वसुधा का पति अभिजीत (जीमी शेरगिल)। अब कहानी में अभिजीत के आने से क्या ट्विस्ट आए हैं। ये जानने के लिए आपको अपने नज़दीकी थियेटर काई रुख़ करना पड़ेगा।

डायरेक्शन, राइटिंग & म्यूजिक

‘ए वेडनसडे’, ‘एम॰एस॰ धोनी’, ‘बेबी’, ‘स्पेशल कॉप्स’, ‘खाकी-द बिहार चैप्टर’ जैसी फिल्में और वेब सीरीज लिखने और डायरेक्ट करने वाले डायरेक्टर नीरज पांडेय ने इस फिल्म को लिखा, बल्कि डायरेक्ट और प्रोड्यूस भी किया है। सलीके से कहा जाये तो फिल्म के 4 मुख्य ऐक्टर्स के अलावा यें फिल्म नीरज पांडे अपने कंधे पर भी उठा रखे हैं। फिल्म का ट्रेलर देख कर ही – ‘औरों में कहां दम था’, की कहानी समझ में आने लगी थी। शायद यही वजह भी है कि इतने बड़े प्रोजैक्ट्स करने के बाद भी फिल्म के निर्माता को उतना कॉन्फिडेंस नहीं था।

इसी के चलते वो रिलीज डेट को लेकर बदलाव करते रहे। साफ प्लेन लव स्टोरी को नीरज ने खूब तोड़ मरोड़ कर दिखने की कोशिश की, मगर अपनी स्पाई थ्रिलर स्टोरीज में जमकर ट्विट्स लाने वाले नीरज, लव स्टोरी के ट्विस्ट में फेल में हो गए। हांलाकि उन्होने कोशिश बहुत की, कि अजय और जीमी के फेस-ऑफ सीन में ट्विस्ट जैसा कुछ लाने की, लेकिन एक लड़की से प्यार करने वाले दो आशिक का वर्बल कन्वर्सेशन तक ही ये पूरा मामला सिमट कर रह गया, और फिल्म खत्म हो गई।

हां, फ़िल्म में शान्तनु और सई की केमिस्ट्री कमाल की रहीं। जबकि नीरज पांडे, अजय देवगन और तब्बू की आइकॉनिक पेयरिंग के बावजूद कोई स्पॉर्क क्रिएट नहीं कर पाएं। साफ़ कहें, तो मज़ा ही नहीं आया। फ़िल्म का 1st हाफ जहां स्लो है, वही 2nd हाफ में फ़िल्म कि कहानी ने थोड़ा पेस पकड़ा है। मगर क्लाइमेक्स तक कहानी पहुंचते-पहुंचते हांफने लगती है।

एक्टिंग में किसने जीता दिल

फिल्म में 4 मुख्य कलाकार और एक स्पेशल अपीयरेंस है। शान्तनु माहेश्वरी और सई मांजरेकर ने यंगर वर्शन वाले कृष्णा और वसुधा को बखूबी से निभाया है। उनकी मासूमियत और उनकी केमिस्ट्री कमाल की है। वही ओल्डर वर्शन वाले कृष्णा और वसुधा यानि की अजय और तबू इतने साल बाद मिलते वक़्त ऑक्वर्ड फील कर और करवा रहे थे। जिमी शेरगिल इंटरवल के बाद आए और मैदान मार कर चले गएं।

फाइनल वर्डिक्ट

बड़े मौके को कैसे मिस करते है, ये औरों में कहां दम था को देखकर आप जान सकते हैं।
फिल्म को 2.5 स्टार

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First published on: Aug 02, 2024 12:24 PM

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