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सड़क किनारे सोए, पहली दो फिल्में हुई थीं बैन; आखिर क्यों अपने धर्म की नगरी छोड़ गए अनुराग!

Anurag Kashyap: बॉलीवुड फिल्ममेकर अनुराग कश्यप ने अपनी कर्मभूमि मुंबई को बाय बोल दिया है। इसका कारण उन्होंने बॉलीवुड का टॉक्सिक महौल बताया है। उन्होंने कहा कि इंडस्ट्री में अब आर्ट की कोई जगह नहीं बची है, फिल्में अब सिर्फ मुनाफा कमाने के लिए बनाई जा रही हैं।

Anurag Kashyap leaves Mumbai, calling Bollywood toxic and obsessed with ₹800 crore films.
अनुराग कश्यप

Anurag Kashyap: हकीकत को बड़े पर्दे पर उतारने वाले अनुराग कश्यप ने मुंबई को अलविदा कह दिया है। उन्होंने एक इंटरव्यू में खुद को नास्तिक बताया था, उन्होंने कहा था कि मेरा धर्म सिनेमा है। ऐसे में उन्होंने अपने धर्म की नगरी को अलविदा कह दिया है। फिल्म डायरेक्टर अनुराग ने मुंबई छोड़ने की वजह बॉलीवुड के बदलते कल्चर और वातावरण को बताया है। उनका कहना है कि इंडस्ट्री सिर्फ मुनाफा कमाने का सोचती है, सिनेमा में क्रिएटिविटी और आर्ट की जगह नहीं रह गई है।

The Hindu से बातचीत में अनुराग ने कहा कि वे मुंबई छोड़ चुके हैं और फिल्मी लोगों से दूर रहना चाहते हैं। इंडस्ट्री अब काफी टॉक्सिक हो चुकी है और हर कोई अपनी फिल्म से 500 से 800 करोड़ रुपये कमाने की कोशिश में है। इंडस्ट्री में जो पहले क्रिएटिव हुआ करता था, अब वो देखने को नहीं मिल रहा है। अनुराग ने बताया कि वे अपने नए घर का किराया पहले ही भर चुके हैं पर वे किस शहर में शिफ्ट हुए हैं। ये उन्होंने अभी बताया नहीं है।

इस शहर में रहेंगे अनुराग!

सूत्रों की मानें तो पिछले कई दशकों से मुंबई में रहते आ रहे अनुराग ने बेंगलुरु में अपना ठिकाना खोजा है। अनुराग ने मुंबई छोड़ने के अपने फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि कई बड़े फिल्ममेकर्स मुझसे पहले से ही इस शहर को छोड़कर जा चुके हैं। कई लोग दुबई जाकर सेट हो गए हैं। वहीं, कई लंदन, पुर्तगाल, यूएस और जर्मनी में भी अपना आशियाना बना चुके हैं। कई मेनस्ट्रीम फिल्ममेकर्स ने ऐसा किया है।

मिली है मेंटल पीस

अनुराग ने कहा कि शहर बदलने से मैं काफी मेंटल पीस महसूस कर रहा हूं। अब मैं फोकस के साथ अपने प्रोजेक्ट पर काम कर सकता हूं। फिजिकल और मेंटल वेलबींग भी बेहतर है। मैंने शराब पीना भी छोड़ दिया है और मैं मलयालम और हिंदी फिल्म डॉयरेक्ट करने का सोच रहा हूं। इसके बाद तमिल फिल्ममेकिंग के बारे में भी सोचूंगा।

गोरखपुर में हुआ था जन्म

अनुराग का जन्म 10 सितंहर 1972 में उत्तरप्रदेश के गोरखपुर में हुआ था। उन्होंने बॉलीवुड में लीक से हटकर फिल्में बनाई हैं। उनकी शुरुआती पढ़ाई देहरादून के ग्रीन स्कूल और ग्वालियर के सिंधिया स्कूल से हुई थी। पिता की नौकरी के कारण अनुराग का बचपन कई शहरों में बीता है।

1993 में मुंबई जाने का लिया फैसला

साल 1993 में ग्रेजुएशन की पढ़ाी खत्म करने के बाद अनुराग ने मुंबई जाने का फैसला किया था, लेकिन उनका ये सफर काफी संघर्षो से भरा रहा। अनुराग महज पांच हजार रुपये लेकर मुंबई आए थे। जब उनके पैसे खत्म हो गए तो उन्होंने कई रातें सड़क किनारे सोकर भी गुजारी हैं।

साल 1998 में फिल्म सत्या के लिए सौरभ शुक्ला के साथ उनको कहानी लिखने का मौका मिला। बॉलीवुड एक्टर मनोज बाजपेयी ने अपने समय के मशहूर फिल्म मेकर राम गोपाल वर्मा को बतौर लेखक उनकी फिल्म के लिए अनुराग का नाम बताया था। राम गोपाल वर्मा को अनुराग का काम काफी पसंद आया था।

विवादों की भेंट चढ़ गईं फिल्में

साल 2005 में अनुराग ने अपनी पहली फिल्म ‘पांच’ बनाई थी। इस फिल्म में काफी वॉयलेंस था, इस कारण यह विवादों की भेंट चढ़ गई। इसके कारण सेंसर बोर्ड ने इसे बैन कर दिया था। इसके बाद उन्होंने मुंबई बम धमाकों पर आधारित फिल्म ब्लैक फ्राइडे बनाई पर सेंसर बोर्ड ने इसे भी बैन कर दिया। अनुराग ने देव डी, गैंग्स ऑफ वासेपुर, बॉम्बे टॉकीज, अगली, रमन राघव 2.0 व मनमर्जियां जैसी कई शानदार फिल्में बनाई हैं।

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First published on: Mar 06, 2025 06:01 PM

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