सुभाष के॰ झा
तमिल ब्लॉकबस्टर का हिंदी रीमेक रन एक छोटे शहर के लड़के और गैंगस्टर की बहन के बीच की अनोखी प्रेम कहानी के बारे में है। इस फिल्म को डायरेक्टर जीवा ने बड़े ही साधारण तरीके से तेज-तर्रार कहानी को रोमांस, एक्शन और कॉमेडी के मिक्स को पर्दे पर पेश किया गया है। अभिषेक बच्चन ने इस फिल्म से पहली बार एक सोलो हीरो के रूप में खुद को साबित किया। इस फिल्म में उनकी परफॉर्मेंस ने लोगों को काफी प्रभावित किया। इसके साथ में सुभाष के॰ झा से बात करते हुए अपने किरदार के बारे में अभिषेक ने क्या कहा, आइए जानते हैं।
जिद्दी लड़के की कहानी
फिल्म रन की कहानी में इलाहाबाद के एक जिद्दी लड़के सिद्धार्थ जिसके रोल को अभिषेक बच्चन ने निभाया है उसी की कहानी है। जो दिल्ली में एक दबंग गैंगस्टर की बहन जाह्नवी से प्यार कर बैठता है। फिल्म की शुरुआत एक ऐसे डायलॉग से होती है जो इसकी असंवेदनशीलता को दर्शाता है जैसे कि जब एक पिता कहते हैं कि उसकी बेटी को छेड़ने वाले लड़के के अंग काट देना सही था। फिल्म में एक तरफ सिद्धार्थ और जाह्नवी की लव स्टोरी है, तो दूसरी ओर हिंसा और परंपराओं से टकराव। जाह्नवी का भाई गणपति जिसे महेश मांजरेकर ने रोल निभाया है। वह हर उस शख्स को खत्म करने पर आमादा हैं जो उसकी बहन के करीब आता है। अभिषेक का किरदार बार-बार हिंसा और साहस के बीच झूलता रहता है। वहीं, कॉमेडियन विजय राज का ट्रैक मेन कहानी से भटकाव पैदा करता है।
फीकी रोशनी में दिखाई गई प्यार की झलक
निर्देशक और सिनेमैटोग्राफर जीवा ने फिल्म को गहरे और फीके रंगों में शूट किया है। रोमांस को मखमली अंदाज में दिखाने की जगह इसे एक रफ टोन में पर्दे पर पेश किया गया है। सिद्धार्थ और जाह्नवी की पहली मुलाकात वाला बस वाले सीन फिल्म की खूबसूरती को दर्शाता है। हालांकि यह सवाल भी उठता है कि एक गैंगस्टर की बहन आम बस में क्यों सफर कर रही है?
अभिषेक की परफॉर्मेंस बनी चर्चा
फिल्म पूरी तरह अभिषेक बच्चन के कंधों पर टिकी हुई दिखाई गई है। वह इलाहाबाद के सीधे-सादे लड़के के किरदार में पूरे कॉन्फिडेंस के साथ नजर आते हैं। उन्होंने एक्शन सीन्स में पिता अमिताभ बच्चन जैसी सादगी और दमदारी को बैलेंस करके दिखाया है। उन्होंने माना कि रन एक साधारण लेकिन व्यावसायिक फिल्म है जिसे झूठे वादों से नहीं, बल्कि साफ-सुथरे मनोरंजन से बेचा जाना चाहिए।
फिल्म की स्टॉन्ग स्टोरी ने जीता दर्शकों का दिल
जहां एक ओर फिल्म में शानदार एक्शन और दमदार एक्शन दिखाया गया है। वहीं प्रेम कहानी में गहराई और जुनून की कमी साफ महसूस होती है। जाह्नवी और सिद्धार्थ के बीच का रिश्ता कभी-कभी अधूरा और जल्दबाजी वाला देखने को मिलता है। फिर भी, अभिषेक की दमदार परफॉर्मेंस और फिल्म की मजबूत कहानी इसे दोबारा देखने को मजबूर करती है।
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सुभाष के झा के साथ इंटरव्यू में क्या बोले अभिषेक बच्चन
अभिषेक बच्चन ने सुभाष के॰ झा से बातचीत में फिल्म रन को अपनी पहली सोलो-हीरो फिल्म बताते हुए कहा कि इस तरह की फिल्मों में जिम्मेदारी कहीं ज्यादा होती है। उन्होंने इसे सिर्फ एक एक्शन फिल्म नहीं, बल्कि रोमांटिक-एक्शन बताया और कहा कि दर्शकों को सिर्फ एक्शन नहीं, अच्छी कहानी और अभिनय भी चाहिए होता है। अभिषेक ने बताया कि वह खुद को टाइपकास्ट नहीं करना चाहते और बहुमुखी भूमिकाएं निभाना पसंद करते हैं। रन को उन्होंने तीन घंटे का साधारण लेकिन मनोरंजक सिनेमा बताया जो दर्शकों का भरपूर मनोरंजन करता है।
फिल्म की कहानी के बारे में बात करते हुए अभिषेक ने बताया कि उनका किरदार सिद्धार्थ एक छोटे शहर का लड़का है जो दिल्ली आकर एक लड़की से प्यार करता है और उसके भाई से टकराव लेता है। उन्होंने महेश मांजरेकर द्वारा निभाए गए किरदार के साथ टकराव को फिल्म की खास बात बताया। इलाहाबाद में शूटिंग के अनुभव को उन्होंने व्यक्तिगत रूप से खास बताया क्योंकि यह उनके पिता अमिताभ बच्चन का गृहनगर है। अभिषेक ने क्षेत्रीय पात्रों को कैरिकेचर की तरह पेश करने की प्रवृत्ति की आलोचना भी की और कहा कि उन्हें इलाहाबाद का एक आम आदमी बनकर खुशी मिली।
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