Sikandar Review: सलमान खान की नई फिल्म सिकंदर 30 मार्च 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। पूरे 2 साल के बाद ईद के मौके पर भाईजान की फिल्म ने थियेटर पर दस्तक दी है और इस फिल्म को लेकर सलमान खान के फैंस काफी एक्साइटेड थे। इस फिल्म को साजिद नाडियाडवाला ने बनाया है और डायरेक्शन की कमान साउथ की जाने-माने निर्देशक एआर मुरुगादॉस के हाथों में थी। सलमान खान के फैंस उनकी फिल्म का लंबे समय से इंतजार कर रहे थे, लेकिन फैंस के लिए सिकंदर उनकी वो ईदी नहीं है, जिसकी उन्हें उम्मीद थी। आइए जानते हैं कि सलमान खान की फिल्म सिकंदर की वो 5 खामियां, जो बनती हैं, ब्लॉकबस्टर बनने की बीच में रोड़ा।
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रश्मिका मंदाना ने किया निराश
सलमान खान और रश्मिका की उम्र में 31 साल का फर्क है और मूवी में दोनों पति-पत्नी के रोल में नजर आ रहे हैं। सलमान संजय राजकोट और रश्मिका मंदाना उनकी पत्नी साईश्री राजकोट का रोल निभा रही हैं, लेकिन इनकी जोड़ी काफी बेमेल लगती है और रश्मिका के चेहरे पर सलमान के सामने नर्वसनेस भी दिखाई दे रही है। रश्मिका मंदाना की हिंदी की कमी भी उनकी एक्टिंग को कमजोर बनाती है, क्योंकि गुजराती की बजाय वो साउथ इंडियन टोन में ही हिंदी बोलती नजर आई हैं। वैसे रश्मिका की फिल्म छावा और गुडबॉय में भी यही कमी दर्शक पहले भी देख चुके हैं।
पुरानी फिल्मों का मेल
सलमान खान का एक्शन हर मूवी में ही बेहतरीन होता है, लेकिन हर बार एक्शन पूरी मूवी को नहीं संभाल सकता है। सिकंदर की कहानी इसकी सबसे बड़ी कमी है, क्योंकि सिकंदर को कुछ देर देखने के बाद आपको ऐसा फील होने लगेगा कि आप सलमान खान की पुरानी कोई फिल्म देख रहे हैं, सिकंदर पूरी तरह से भाईजान की पुरानी फिल्मों का एक मिश्रण लगती है और कुछ जगहों पर आपको लगेगा कि आप पहले भी यह सब देख चुके हैं। हालांकि सलमान खान को लोग ऐसे ही किरदारों में देखना पसंद करते हैं और अब देखना यह है कि सिकंदर बन भाईजान लोगों को कितना इंप्रेस कर पाते हैं।
फिल्म में नहीं कुछ भी नया
सुपरस्टार सलमान खान को आप ‘किक’ और ‘जय हो’ जैसी मूवीज में उनके रोल्स को पसंद कर चुके हैं और इन दोनों ही मूवीज में फैंस को एक सोशल मैसेज भी मिला है। सलमान खान की फिल्म ‘किक’ और ‘जय हो’ जैसी फिल्में तो आप देख चुके हैं और सिकंदर भी आप इसी लिस्ट में शुमार कर लीजिए। दरअसल, ‘किक’ और ‘जय हो’ की तरह ही ‘सिकंदर’ में भाईजान आपको लोगों की जान बचाते दिखाई देने वाले हैं। ऐसे में सिकंदर की कहानी में भी कुछ नया आपको देखने को नहीं मिलने वाला है। हालांकि मेकर्स ने रश्मिका की मौत को भले ही मूवी में दिखाई है, लेकिन उसके बाद तो कहानी पूरी जय हो और किक वाली फील देती है, सलमान खान हीरो बन जाते हैं और सबकी जान बचाते हैं और गुंडों को मारते हैं। जो आप अक्सर ही उनकी फिल्मों में देखते हैं।
फर्स्ट हाफ के बाद बोरिंग ट्रैक
सिकंदर की शुरुआत तो काफी अच्छी है और रश्मिका की मौत होती है, तब तक लगता है कि कहानी शायद इस बार अलग है और कुछ नया दर्शकों को देखने को मिलेगा। मगर फर्स्ट हाफ के बाद तो कहानी में कुछ बचता ही नहीं है, आप मूवी देखकर पहले ही पता लगा लेंगे कि क्या होने वाला है, सिकंदर में कोई सस्पेंस फैक्टर नहीं है, जो दर्शकों की दिलचस्पी को बढ़ाए। मूवी में अलग-अलग ट्रैक एक-दूसरे समान चलते हैं और यह जानना मुश्किल है कि एक सीन कहां खत्म हुआ है और दूसरा कब शुरू हुआ। सलमान की फिल्मों में डायलॉग तो जबरदस्त होते हैं, लेकिन सिकंदर में डायलॉग की भरमार है, हालांकि कुछ जगह ये जबरन लगते हैं।
When the lead star can’t even dub his own dialogues, why should the audience waste their time? 🤡
Zero effort, zero impact—#Sikandar is already a certified disaster. Salman, retire before the box office does it for you! 💀🔥 #SikandarReview #SikandarFlop
pic.twitter.com/oBwptsbSB3— Unfiltered Affairs (@Indiancircuss) March 30, 2025
#Sikandar is a dull action drama with a lifeless story that fails to engage. The background music is very bad, and except for a few decent action scenes, there’s nothing to enjoy. Biggest disaster for Salman and AR Murugadoss combo.
— LetsCinema (@letscinema) March 29, 2025
#Sikandar is an action drama that bores from start to finish due to its outdated and bland screenplay.
The storyline idea may have been emotional on paper. However, it feels lifeless and somewhat silly when translated on screen.
The whole movie feels like a mix of many movies…
— Venky Reviews (@venkyreviews) March 29, 2025
विलेन का रोल भी कमजोर
सलमान खान की हर फिल्म की तरह सिकंदर की कहानी भी उनके ही इर्द गिर्द घूमती रहती है और विलेन के रोल में सत्यराज का किरदार कुछ खास दिखाया नहीं गया है, विलेन पॉवरफुल आदमी जरूर दिखाया गया है, लेकिन एक विलेन के तौर पर उनका रोल काफी फीका है, जिसे इंटरेस्टिंग बनाया जा सकता था। पूरी फिल्म बस सलमान खान के चारों तरफ घूमती है, उनके साथ परछाई की तरह रहने वाले एक्टर शरमन जोशी को भी बहुत ही कम डायलॉग दिए गए हैं। ऐसे में पूरी मूवी का फोकस सिर्फ सलमान खान पर ही किया गया है।
हालांकि भाईजान के फैंस जरूर उनका एक्शन और अंदाज देखकर खुश हो जाएंगे, लेकिन फिल्म में आपको कुछ नया या वाओ फैक्टर नहीं मिलने वाला है, कहानी पूरी तरह सपाट है।
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