Ghoomer Audience Review (सिद्धार्थ शर्मा): जिंदगी के खेल में कई बार लॉजिक नहीं मैजिक की जरूरत होती है। आर बाल्कि द्वारा निर्देशित फिल्म ‘घूमर’ इसी बात के इर्द गिर्द घूमती है। एक प्रसिद्ध राजस्थानी नृत्य के नाम पर बनीं मूवी क्रिकेट के माध्यम से लोगों को प्रोत्साहित करने वाली फिल्म है।
चीनी कम, की एंड का और पैड मैन जैसी फिल्मों के लिए पहचाने जाने वाले आर बाल्कि द्वारा निर्मित फिल्म शबाना आजमी, अभिषेक बच्चन, सैयामी खेर और अंगद बेदी मुख्य भूमिका में हैं। फिल्म 18 अगस्त को सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है।
महिला क्रिकेटर के संघर्ष पर बनीं फिल्म
फिल्म की कहानी के मुताबिक अनीना (सैयामी खेर) का क्रिकेट में शानदार करियर है और उसे अपनी दादी (शबाना आजमी), पिता (शिवेंद्र सिंह डूंगरपुर) और प्रेमी (अंगद बेदी) का पूरा समर्थन प्राप्त है। चीजें योजना के अनुसार चल रही थीं, तभी एथलीट एक दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना का शिकार हो गई और उसने अपना दाहिना हाथ खो दिया।
इस घटना के बाद वह सारी उम्मीदें खो देती है, लेकिन पूर्व क्रिकेटर पैडी (अभिषेक बच्चन) युवा क्रिकेटर को गेंदबाजी करने के लिए प्रेरित करने और भारतीय राष्ट्रीय महिला क्रिकेट टीम का हिस्सा बनने के उसके सपनों को पुनर्जीवित करने के लिए आगे आता है। क्या अनीना उसकी सलाह स्वीकार करती है और पैडी किस कारण से उसकी मदद करने का फैसला करता है, यह आपको घूमर में देखने को मिलेगा।
दर्शकों को जोड़े रखती है फिल्म
आर बाल्कि ने फिल्म में इंसान की भावनाओं का शानदार उपयोग किया है। अनीना की यात्रा आपको भावुक कर देती है, मानवीय स्तर पर आपसे जुड़ जाती है, आपको उसके प्रति समर्पित होने के लिए प्रेरित करती है और यही घूमर की सबसे बड़ी ताकत बन जाती है। वहीं साथ में अमित त्रिवेदी का शानदार संगीत भी दर्शकों को बांधे रखता है। अनीना की कहानी के अलावा पूर्व क्रिकेटर पदम सिंह बेदी के किरदार का जिस तरह से विकास किया गया है वह लाजवाब है।
कमियों के बावजूद दमदार है ‘घूमर’
संघर्ष और उम्मीद से जुड़ी इस खूबसूरत फिल्म में कुछ कमियां भी है। जैसे कि फिल्म में अंत में अनीना को ज्यादा प्रभावशाली दिखाने के लिए टीम के अन्य खिलाड़ियों को कमजोर दिखाया गया जिसे “क्रिकेट एक मज़ेदार खेल है” पंक्ति से उचित नहीं ठहराया जा सकता। हालांकि इसके बावजूद ये फिल्म अपने संदेश और कभी ना हार मानने की सोच के लिए हर किसी को देखनी चाहिए।