Father of Bhojpuri Cinema Nazir Hussain: नजीर हुसैन बॉलीवुड में दादा, चाचा, मामा और पिता जैसी कई सहायक भूमिका निभा चुके हैं। 500 फिल्मों में काम करने वाले नजीर हुसैन को जानें क्यों कहा जाता है भोजपुरी सिनेमा का जनक।
इनके किरदार नहीं भूल पाएं हैं फैंस
नजीर हुसैन जो कि फिल्मों में धर्मेंद्र के ससुर, हेमा मालिनी के पिता का किरदार निभा कर मशहूर हुए थे,वह आज भी दर्शकों के दिलों-दिमाग पर राज करते हैं। बेशक, वह आज हमारे बीच में नहीं हैं, पर उनके किरदार फैंस आज तक भूल नहीं पाए हैं। दिग्गज अभिनेता नजीर हुसैन का 1987 में 65 साल की उम्र में निधन हो गया था।
इन एक्टर्स के साथ किया काम
अपने 30 साल के करियर में नजीर हुसैन ने देवानंद, अशोक कुमार, गुरुदत्त, अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र जैसे कई सुपरस्टार के साथ काम किया। यहां तक की मधुबाला, मीना कुमारी, वहीदा रहमान, आशा पारेक, मुमताज, हेमा मालिनी और रेखा जैसी एक्ट्रेस के साथ भी काम किया जिन्होंने इनकी बेटियों की भूमिका निभाई।
बने पिता और ससुर
1964 में आई फिल्म ‘आप की परछाइयां’ में धर्मेंद्र के ससुर के किरदार से नजीर हुसैन काफी पॉपुलर हुए। उन्होंने 1953 में अशोक कुमार की ‘परिणीता’ में फिर से यही भूमिका निभाई। उन्होंने 1974 में फिल्म ‘प्रेम नगर’ में राजेश खन्ना के ससुर और हेमा मालिनी के पिता की भूमिका भी निभाई।
इन फिल्मों में किया काम
नजीर हुसैन ने 1950 से 1970 के बीच परिणीता, जीवन ज्योति, मुसाफिर, अनुराधा, साहब बीवी और गुलाम, नया दौर और कटी पतंग जैसी कई सुपरहिट फिल्में की। एक होनहार अभिनेता होने के साथ-साथ कश्मीर की कली में वे फिल्म की स्क्रिप्ट राइटिंग और डायलॉग लिखे थे। वह फिल्म के निर्माता और निर्देशक भी थे। 1950 में बिमल रॉय के साथ उन्होंने फिल्म ‘पहला आदमी’ बनाई, जिससे उनका डेब्यू भी हुआ, यह फिल्म सुपरहिट रही।
भोजपुरी के जनक
नजीर हुसैन को भोजपुरी का जनक इसलिए कहा जाता है क्योंकि वह पहले ऐसे इंसान थे जिन्होंने देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद से भोजपुरी सिनेमा की संभावनाओं के बारे में चर्चा की थी। नजीर ने पहली भोजपुरी फिल्म ‘गंगा मईया तोहे पियरी चढ़इबो’ बनाई थी, जो साल 1963 में रिलीज हुई थी। उन्हें आज भी 1970 के दशक की हिट भोजपुरी फिल्म ‘बलम परदेसिया’ के लिए जाना जाता है।
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