Sushma Seth Birthday: हिन्दी सिनेमा की शुरुआत से ही कुछ ऐसे चेहरे आपने टेलीविजन पर देखें होंगे, जिनके किरदार स्क्रीन पर बड़े ही दिलचस्प होते थे। ऐसा ही एक नाम जो आपको याद होगा, वो है सुषमा सेठ। 80-90 के दशक में बॉलीवुड फिल्मों में कई ऐसी माताएं हुआ करती थीं, जिन्होंने अपने अभिनय से दर्शकों के दिलों को छू लिया। इन्ही नामों में एक नाम सुषमा सेठ का है, जिन्होंने देर से पर्दे पर दस्तक दी, लेकिन जब रोल अदा किए तो सबके रिकॉर्ड तोड़ दिए। सुषमा सेठ (Sushma Seth) ने सीधी-सादी मां की छवि को तोड़ते हुए बड़े पर्दे पर एक तेज-तर्रार, अकड़ू, घमंडी और अमीर मां, दादी और नानी की भूमिका को भी निभाया।
आज यानि 20 जून को सुषमा जी का 86वां जन्मदिन है। सुषमा सेठ का जन्म 20 जून 1936 में दिल्ली में हुआ था। इनकी पढ़ाई-लिखाई भी यहीं से पूरी हुई। इनके परिवार के सभी लोगों को कला में गहरी रुचि थी, इसलिए सुषमा सेठ का रुझान भी इसी ओर रहा। हालांकि, सुषमा सेठ को हमलोग सीरियल तो जल्दी मिल गया था, लेकिन फिल्मी पर्दे तक पहुंचते-पहुंचते उन्हें 42 साल लग गए।
यही वजह थी कि 42 साल की उम्र में सुषमा सेठ को पहली फिल्म जुनून मिली, जो श्याम बेनेगल के निर्देशन में बनी थी। ये फिल्म इनके करियर के लिए एक दमदार ओपनिंग थी। इसके बाद सुषमा सेठ को कभी पीछे मुड़कर नहीं देखना पड़ा। जुनून के अलावा, सिलसिला, प्रेम रोग, तवायफ, नागिन, निगाहें, दीवाना, चांदनी, धड़कन और कल हो न हो जैसी कई फिल्मों में अभिनय कर लोगों के घर में मां और दादी के रूप में जगह बना ली।
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बता दें कि वर्ष 1985 में आई फिल्म 'तवायफ' में सुषमा सेठ को अपनी अदाकारी थोड़े बड़े पैमाने पर दिखाने का मौका मिला। यहां वो एक कोठे की मालकिन अमीना बाई के किरदार में नजर आईं। बीआर चोपड़ा के निर्देशन में बनी इस रोमांटिक ड्रामा फिल्म में शानदार अभिनय के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री के फिल्मफेयर पुरस्कार के लिए नोमिनेट किया गया था।
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आपको जानकर खुशी होगी कि सुषमा सेठ ने 100 से ज्यादा फिल्में और 17 टीवी शोज में काम किया है। सुषमा सेठ को लाइफटाइम अचीवमेंट, राष्ट्रीय प्रियदर्शनी अवार्ड, भारत निर्माण अवार्ड के अलावा फिल्मफेयर अवॉर्ड में भी नॉमिनेशन मिल चुका है। इसके अलावा सुषमा सेठ एक अपर्णा नाम के एनजीओ से जुड़ी हैं, जिसके लिए वो अक्सर प्ले लिखती और डायरेक्ट करती रहती हैं।
बता दें कि पिछले साल, देश के सबसे पहले सीरियल ‘हम लोग’ की पूरी स्टारकास्ट कपिल के शो पर पहुंची थी, लेकिन सुषमा सेठ अपनी उम्र का ध्यान रखते हुए और कोरोना के चलते वीडियो कॉल से शामिल हुई थीं, तब उन्होंने बताया था कि दूरदर्शन पर उनके फैंस के खत आते थे, जिनमें लिखा होता था कि ‘हम लोग’ में दादी के किरदार को न मारें। खत पढ़ने के बाद शो के निर्माता ने दादी के किरदार को काफी समय तक जारी रखा, लेकिन अंत में उन्हें दादी इमरती देवी को कहानी की डिमांड के वजह से कैंसर से मरते दिखाना ही पड़ा था।
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