अलग-अलग जगह पर इन नामों से मनाया जाता है रक्षाबंधन

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भाई- बहन का त्योहार

'रक्षाबंधन' का त्योहार भाई- बहन के प्यार का त्योहार होता है जिसका हर बहन साल भर बड़ी बेसब्री से इंतजार करती है और फिर अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है। 

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अलग-अलग नामों से मनाया जाता है त्योहार

'रक्षाबंधन' के त्योहार को देश भर में मनाया जाता है, लेकिन हर जगह इस फेस्टिवल को अलग-अलग नामों से मनाया जाता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि कहां कौन से नाम से इसे मनाया जाता है।

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पश्चिम भारत

पश्चिम भारत में रक्षाबंधन को 'नारियल पूर्णिमा' के नाम से जाना और मनाया जाताहै। इस पर्व वाले दिन मछुआरे वरुण देव और इंद्र देव की पूजा कर समुद्र में नारियल फेंकते हैं।

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उत्तर भारत

उत्तर भारत में रक्षाबंधन को 'कजरी पूर्णिमा' कहा जाता है। दरअसल इस दिन वहां के किसान अपने खेतों में फसल उगाते हैं और देवी दुर्गा की पूजा कर अच्छी फसल के लिए पूजा करते हैं। 

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दक्षिण भारत

दक्षिण भारत में रक्षाबंधन को 'अवित्तम' के नाम से मनाया जाता है। इस त्योहार के दिन लोग पुराने जनेऊ को धारण करते हैं। माना जाता है कि रक्षाबंधन के दिन ऐसा करने से पूर्वजों का आशीर्वाद बना रहता है।

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पश्चिम बंगाल

राखी के त्योहार को हर जगह मनाया जाता है। हां वो बात अलग है कि इस दिन को हर जगह अलग-अलग नामों से जाना जाता है। पश्चिम बंगाल में इस त्योहार को राखी बंधन, 'राखी','झूलन पूर्णिमा' कहा जाता है।

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गुजरात

बात गुजरात की करें तो राखी के त्योहार को वहां पर 'पवित्र पन्ना' के नाम से मनाया जाता है। इस दिन भगवान भोलेनाथ की पिंडी को रुई में लपेटकर पंचगव्य से बांधा जाता है। माना जाता है कि ऐसा करने से भाई-बहन का प्यार बना रहता है।

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पंजाब, हरियाणा

भाई बहन का रिश्ता अटूट रिश्ता होता है जो जन्म जन्म तक रहता है। इसी प्यार के लिए हर साल रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है। पता हो कि पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में इसे 'राखी', 'रक्षा बंधन' और 'राखरी पूर्णिमा' के नाम से मनाया जाता है। 

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ओडिशा, केरल और अन्य जगह

ओडिशा में 'गम्हा पूर्णिमा' के नाम से, केरल में 'सुता पूर्णिमा', तमिल में 'राखी विझा' के नाम से मनाया जाना वाला ये त्योहार चाहे किसी भी नाम से मनाया जाए लेकिन भाई-बहन के प्यार का प्रतीक होता है। 

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