'डबल मीनिंग' है इन 7 फिल्मों के नाम, सुनते ही हो जाएंगे पानी-पानी'डबल मीनिंग' है इन 7 फिल्मों के नाम, सुनते ही हो जाएंगे पानी-पानीPriyankaविवेक ओबेरॉय की फिल्म किस्मत लव पैसा ने 'केएलपीडी' नाम खूब सुर्खियां बटोरी थी। 'केएलपीडी'पुलकित सम्राट की फिल्म 'सबकी लेगा बिट्टू बॉस' पर जमकर विवाद हुआ था। उसे बाद में बिट्टू बॉस कर दिया गया था।'सबकी लेगा बिट्टू बॉस'रितेश-तुषार की फिल्म मस्ती का नाम और मूवी दोनों ही फुल डबल मीनिंग है।मस्तीदादा कोंडके की फिल्म 'अंधेरी रात में दिया तेरे हाथ में' साल 1986 में रिलीज हुई थी।'अंधेरी रात में दिया तेरे हाथ में'एकता कपूर की फिल्म रागिनी एमएमएस 2 (दो में ज्यादा मजा) का भी दो-मतलब है। 'रागिनी एमएमएस 2 (दो में ज्यादा मजा)'चार महिलाओं की कहानी लिपस्टिक अंडर माई बुर्का का नाम पर भी विवाद हुआ था। 'लिपस्टिक अंडर माय बुरका'साल 1985 में आई फिल्म 'खोल दे मेरी जुबान' को दादा कोंडके ने बनाया था।'खोल दे मेरी जुबान'