‘बजरंगी भाईजान’ की शूटिंग के दौरान कैसे ‘ट्यूबलाइट’ बनाने का ख्याल आया ? जानिए
Amar Singh Chamkila : अमर सिंह चमकीला की बॉयोपिक के बाद उनकी लाइफ खबरों में बनी रहती है। आज हम उनके लाइफ के बारे में बताएंगे।
दिल्ली ( 23 जून ) सलमान खान की फिल्म ट्यूबलाइट आज रिलीज हो गई है। फिल्म को अच्छी एडवांस बुकिंग मिली है। आपको बता दे कि ट्यूबलाइट की कहानी की बुनियाद बजरंगी भाईजान के साथ ही हो गई थी। अपनी दबंग इमेज के ठीक उलट - सलमान को सीधा-साधा बजरंगी भाईजान बनाकर कबीर ख़ान पेश करने जा रहे थे । बजरंगी की शूटिंग ख़त्म हो गई थी पोस्ट प्रोडक्शन यानि डबिंग और एडिटिंग चल रही थी । इसी दौरान अप्रैल 2015 में कबीर ख़ान ने - सोशल मीडिया पर - जर्मन फ़िल्म ट्यूबलाइट का ट्रेलर देखा। कबीर का फ़िल्म की मासूमियत और यकीन है वाला कॉन्सेप्ट इतना पसंद आया कि उन्होने ये ट्रेलर - सलमान ख़ान को दिखा दिया। सलमान को भी ट्रेलर पसंद आया दोनो ने फ़िल्म को लेकर बात भी की लेकिन तब बजरंगी भाईजान के प्रमोशन के चक्कर में ये आईडिया पीछे छूट गया। उधर लिटिल ब्वॉय रिलीज़ हुई तो सही... लेकिन बॉक्स ऑफ़िस पर लुढ़क गई... रिव्यूज़ में भी पिछड़ गई। यहां सलमान की बजरंगी भाईजान सुपरहिट हो गई थी...। कबीर और सलमान अब अगली फ़िल्म को लेकर बात करने लगे थे..। लिटिल ब्वॉय के फ्लॉप हो जाने के बावजूद कबीर को भरोसा था कि इस कहानी में दम है....अब उसमें सलमान को कैसे फिट किया जाए ये सोचना था। सलमान ने कबीर खान को एक ऐड दिखाया.. जिसमें दो भाईयों के कनेक्शन को दिखाया गया...। कबीर ने सलमान के आईडिया और लिटिल ब्वॉय के कॉन्सेप्ट को जोड़ा... और बाप-बेटे की कहानी की जगह इसे भाई-भाई की कहानी में ढाल दिया। फाइनली ट्यूबलाइट की कहानी तैयार हुई...तो उसे सलीम ख़ान को दिखाया गया... सलीम ख़ान ने फिल्म पर मुहर लगा दी...। और सलमान की अम्मी सलमा ख़ान को ये कहानी इतनी पसंद आई कि वो ट्यूबलाइट की प्रोड्यूसर भी बन गईं। सलमान के कहने पर सोहैल इस फ़िल्म में भरत के कैरेक्टर के लिए ऑन बोर्ड हो गए.... लेकिन अभी भी फ़िल्म के लिए दो ऐसे कैरेक्टर चाहिए थे... कहानी के हिसाब से जिनका लुक चीनी हो...। और इसके लिए कबीर ख़ान ने सहारा लिया - मुकेश छाबड़ा का... । दगंल की कास्टिंग करके सुर्ख़ियों में आए मुकेश छाबड़ा ने 10 से ज़्यादा चाइनीज़ एक्ट्रेसेज़ ने नाम - कबीर और सलमान को सुझाएं... बाकायदा ऑडिशन किए गए...। लेकिन बात आकर रुकी - ज़ू-ज़ू पर... । ज़ू-ज़ू का अमेरिकन एक्सेंट - ट्यूबलाइट के लिए फिट हो रहा था...। हांलाकि इस कैरेक्टर के लिए सलमान ने कैटरीना का नाम भी कबीर को सुझाया... लेकिन ज़ू-ज़ू - कबीर के दिमाग़ में बैठ गई...। पूरे 1 महीने तक ज़ू-ज़ू की ट्रेनिंग करवाई गई। लेकिन सबसे ज़्यादा मुश्किल आई सलमान के ट्यूबलाइट का दोस्त चुनने में...। इस कैरेक्टर के लिए 8 साल एक ऐसे लड़के की ज़रूरत थी, जो दिखे चाइनीज़ और बोले हिंदी...और साथ ही उसकी एनर्जी, सलमान के कैरेक्टर के जस्ट अपोज़िट हो..। मुकेश छाबड़ा की कास्टिंग एजेंसी इसके लिए अरुणांचल प्रदेश पहुंच गई... स्कूलों में ऑडिशन किए जाने लगे...। हज़ार बच्चों में 10 को चुना गया...और फ़िर उन्हे मुंबई बुलाकर 1 महीने की वर्कशाप कराई गई...। इस वर्कशाप में ट्यूबलाइट को उसका दोस्त - ईटानगर का माटिन रे मिला। अब सबसे बड़ा चैलेंज था - सलमान के कैरेक्टर का प्रीपरेशन..। बजरंगी भाईजान तो साफ़ दिल का कैरेक्टर था.. लेकिन ट्यूलबाइट का लक्ष्मण एक ऐसा किरदार था, जिसके लिए सलमान को ऐसे ही किसी कैरेक्टर का रिफरेंस प्वाइंट चाहिए था...। बच्चों सा ये किरदार करने के लिए सलमान को अपने दोस्त महेश मांजरेकर की मदद लेनी पड़ी...। महेश मांजरेकर के बेटे सत्या को बुलाकर - सलमान ने उससे ट्यूबलाइट की स्क्रिप्ट अपने सामने पढ़वाई...ताकि वो सत्या को देखकर - लक्ष्मण के किरदार को डेवलप कर सकें..। अपने बॉडी डबल परवेज़ से भी सलमान ने लक्ष्मण के इस कैरेक्टर का रिफरेंस लिया।
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