मुंबई (2 जून): बॉलीवुड अभिनेता नसीरउद्दीन शाह ने देश में ध्रुवीकरण को अपनी बेबाक राय रखी है। उन्होंने कहा है कि देश में मुसलमानों को अपनी सोच बदलने की जरूरत है कि वो पीड़ित हैं या उन्हें देश में सताया जा रहा है। दरअसल नसीरउद्दीन शाह ने एक लेख में लिखा है कि भारत में रह रहे मुसलमानों को अपने आप को पीड़ित मानने की सोच बदलनी होगी जैसा की वो इस समय मानते हैं। नसीरउद्दीन ने मुसलमानों को हिदायत दी कि उन्हें सताया हुआ महसूस करना बंद करना चाहिए और मामलों को अपने हाथों में लेना चाहिए। शाह ने दावा किया कि यह देश में पहली बार है, जब शांति के लिए अनुरोध और चिंता का तर्कसंगत बयान में केवल मुसलमानों को राजद्रोह के रूप में नहीं समझा गया है। हाल ही में नसीरउद्दीन शाह ने एक अखबार के लेख में ये भी लिखा है कि आज जहां एक ओर भगवा स्कार्फ और तिलक बढ़ते जा रहे हैं, वहीं दाढ़ी, हिजाब और टोपियों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। गौरतलब है कि आज से करीब दस साल पहले हिंदु और मुसलमानो में अंतर देखने का मामला सामने नहीं आता था।