मुंबई। बॉलीवुड अभिनेत्री निम्रत कौर (Nimrat Kaur) ने दसवीं में निभाए गए किरदार के लिए किए गए अपने शरीर में परिवर्तन को लेकर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा किया। वे दसवी में बिमला देवी बिम्मो चौधरी की भूमिका में नजर आएंगी। इंस्टाग्राम पर उन्होंने तस्वीरों का एक कोलाज पोस्ट किया, जिसमें उन्हें एथलेटिक कपड़े पहने हुए देखा जा सकता है। साथ ही उन्होंने एक पोस्ट भी साझा किया।
निम्रत (Nimrat Kaur) ने लंबा चौड़ा पोस्ट लिखा है. ‘इस उम्मीदों से भरी दुनिया में जहां जेंडर, एज और प्रोफेशन की कोई सीमा नहीं, मैं अपनी जिंदगी का एक छोटा सा किस्सा शेयर कर रही हूं, जिसने मुझे जिंदगी भर की सीख दी है. इसे मेरे साथ झेलिए क्योंकि बदकिस्मती से, इस 10 महीने के लंबे सफर का कोई छोटा वर्जन नहीं है.’ ‘दसवीं के लिए मुझे साइज बढ़ाने की जरूरत पड़ी।
बिना पहचान की और फिजिकली निम्रत (Nimrat Kaur) से अलग। दिमाग में कोई टारगेट नंबर नहीं था पर विजुअल इंपैक्ट को प्रभावित करे उसकी कोशिश जारी थी। मैं अपने नॉर्मल बॉडी वेट से 15 किलो से ज्यादा नंबर छू चुकी थी। शुरुआत में, मैं एक अनदेखे हकीकत को अपनाने और इंब्रेस करने में डरी हुई थी. लेकिन धीरे-धीरे अपने आसपास चाहने वालों और सही कन्वर्सेशन के बाद मैं ‘बिमला’ बनने की प्रक्रिया का आनंद लेने लगी.’
‘इस जर्नी के दौरान मैंने क्या देखा ये पोस्ट उसकी है. मुझे हाई कैलरी मील्स खाते देखकर, मेरे आस पास के कुछ लोगों को लगा कि मैं क्या गलत कर रही हूं उस पर कमेंट करने का उनका पूरा अधिकार है. भद्दा कमेंट, जोक या कोई बेहूदा सी नसीहत होती थी। मुझपर कमेंट करने या ताने देने का लोगों को मिले इस लाइसेंस और इजाजत को मैंने अपने सामने देखा. मैं जान बूझकर मेरे खाने की वजह नहीं बताती थी. पर देखती थी कि लोग कितनी आसानी से मुझे नॉर्मल बॉडी से ज्यादा होने का आभास दिलाते थे।
मैं बीमारी हो सकती थी, मेडिकेशन में हो सकती थी, हारमोन की परेशानी हो सकती थी या खुशी से खा सकती थी और मैं चाहे किसी भी साइज की होती.’ ‘इस पूरे एक्सरसाइज ने लड़की और एक्टर होने के नाते मुझे ये बात सिखाई, कि हम सभी के लिए अपने काम से मतलब रखने की आदत रखना कितना मुश्किल है। अब जब मैं दोबारा अपने पुराने फिटनेस में लौट चुकी हूं तो मैंने सीखा कि बाहरी लोगों के नजरिए को कभी खुद के साथ रिलेशनशिप में दखल देने मत दो।
‘मैं इसे इसलिए शेयर कर रही हूं ताकि ये बता सकूं कि हम सचेतन, संवेदनशीलता और हमदर्दी जता सकते हैं। खासकर उन लोगों के साथ जो नॉर्मल की लिस्ट में फिट नहीं होते चाहे वो ज्यादा डार्क हो, ज्यादा पतले हो, ज्यादा छोटे हो, ज्यादा मोटे हो या कुछ अन्य. इस बात का एहसास करें कि वो जो भी कह रहे हैं यह उनकी मानसिकता का प्रतिबिंब है, ना कि वो जिसे वे देख रहे हैं.’ ‘दया रखें, संवेदनशील हो, ग्रेसफुल रहें. किसी का दिन बुरा मत बनाओ अगर उसे अच्छा नहीं बना सकते. जिम्मेदार बनो. अपनी सोच और शरीर ठीक करो, दूसरों की नहीं।