Satish Babu Payyanur passed away: मशहूर मलयालम लेखक सतीश बाबू पैय्यानूर का 24 नवंबर को निधन हो गया। सतीश बाबू 59 वर्ष के थे। गुरुवार को वह तिरुवनंतपुरम के अपने फ्लैट में संदिग्ध हालात में मृत पाए गए। 24 नवंबर को उनकी पत्नी मायके गई थीं, जिसके बाद वो इस घर में अकेले थे। वहीं जब उन्होंने कोई फोन नहीं रिसीव किया तो दरवाजा तोड़ा गया और अंदर का सीन देखकर हर कोई परेशान हो गया। घर के अंदर सतीश बाबू पैय्यानूर मृत (Satheesh Babu Payyanur Death) पड़े थे। हालांकि उनकी मौत का कारण अभी पता नहीं चला है और जांच की जा रही है।
पुलिस ने क्या कहा?
वहीं मौके पर पहुंची वंचियूर पुलिस का कहना है कि मौत के सही कारणों का पता पोस्टमॉर्टम के बाद ही चल पाएगा। मौत में किसी तरह की गड़बड़ी का संदेह नहीं है, हालांकि अननेचुरल डेथ का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने बताया कि सतीश बाबू पैय्यानूर (Satheesh Babu Payyanur) की बॉडी को सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल, तिरुवनंतपुरम की मोर्चरी में रखा है। पुलिस ने बताया कि पोस्टमार्टम शुक्रवार, 25 नवंबर को किया जाएगा।
Malayalam Writer Satheesh Babu, aged 59, was found dead at his apartment y'day evening in Vanchiyoor, Thiruvananthapuram.
(Writer's Facebook account) pic.twitter.com/QMUFQIfEzg
— ANI (@ANI) November 25, 2022
कौन थे सतीश बाबू पैय्यानूर?
सतीश बाबू (Satheesh Babu Payyanur) का जन्म पलक्कड़ के पथिरिपाला में हुआ था। उन्होंने अपनी हायर एजुकेशन कान्हा गढ़ और पयन्नूर से पूरी की। वे अपनी स्टूडेंट लाइफ से ही साहित्यिक एक्टिविटी में शामिल हो गए थे। एक फेमस शॉर्ट स्टोरी राइटर और नॉवेलिस्ट सतीश बाबू को साल 2012 में केरल साहित्य अकादमी पुरस्कार से नवाजा गया था।
इसके अलावा उन्होंने (Satheesh Babu Payyanur) भारत भवन-केरल के संस्कृति विभाग के तहत एक संस्था के सदस्य सचिव के रूप में भी कार्य किया है। वह कई उपन्यासों के लेखक भी रह चुके हैं। इन उपन्यासों में मन्नू, देवपुरा, मंजा सूर्यन्ते नालुकल और कुदामानिकल किलुंगिया राविल शामिल हैं। उन्होंने मलयाट्टूर पुरस्कार और थोप्पिल रवि पुरस्कार सहित कई पुरस्कार अपने नाम किया है।