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Bollywood Vs Tollywood: ‘हिंदी विवाद’ पर अब तक इन हस्तियों ने दिए हैं बयान, अजय देवगन और किच्चा सुदीप की बढ़ेंगी मुश्किलें?

मुंबई। सोशल मीडिया पर 27 अप्रेल से ही हिंदी भाषा को लेकर काफी विवाद चल रहा है। इस बहस की शुरुआत किच्चा सुदीप की एक कॉन्ट्रोवर्शिल बात से शुरू हुई थी। जिसमें उन्होंने कहा था हिंदी अब राष्ट्रीय भाषा नहीं है और बॉलीवुड तमिल और तेलुगू में जगह बनाने के लिए स्ट्रगल कर रहा है। […]

मुंबई। सोशल मीडिया पर 27 अप्रेल से ही हिंदी भाषा को लेकर काफी विवाद चल रहा है। इस बहस की शुरुआत किच्चा सुदीप की एक कॉन्ट्रोवर्शिल बात से शुरू हुई थी। जिसमें उन्होंने कहा था हिंदी अब राष्ट्रीय भाषा नहीं है और बॉलीवुड तमिल और तेलुगू में जगह बनाने के लिए स्ट्रगल कर रहा है। इसके जवाब में बॉलीवुड स्टार अजय देवगन ने एक ट्वीट किया था। जिसके बाद से ये बहस इस कदर सोशल मीडिया पर बढ़ गई कि अब लगातार इसकी ही चर्चाएं हो रही हैं। हालंकि इस बहस में अब तक कई नाम जुड़ गए हैं, जो कि इस मुद्दे को नेशनल लेवल पर ले जाते दिखाई दे रहे हैं।

पहले जो दो नाम सामने आए थे वो थे राम गोपाल वर्मा और सोनू सूद के। राम गोपाल वर्मा अक्सर देश में हो रहे विवादित मुद्दों पर अपनी राय रखते हुए दिखाई देते रहते हैं। कभी उनकी फिल्म किसी विवाद के कारण चर्चा में आ जाती है, तो कभी इनका कोई बयान बहस का विषय बन जाता है। इस बीच हिंदी भाषा को लेकर चल रही बहस में राम गोपाल वर्मा ने एक ट्विट कर लिखा था कि, किच्चा सुदीप सर की इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि नॉर्थ के स्टार्स साउथ के स्टार्स से असुरक्षित महसूस करते हैं और जलते भी हैं। क्योंकि एक कन्नड़ डबिंग फिल्म केजीएफ 2 ने ओपनिंग डे पर 50 करोड़ की कमाई कर ली और हम सभी आगे हिंदी फिल्मों के ओपनिंग डेज देखेंगे।

इसके बाद एक और ट्वीट में रामगोपाल वर्मा ने अजय पर निशाना साधते हुए लिखा था, सच्चाई सबके सामने आने ही वाली है, रनवे 34 का कलेक्शन साबित करेगा कि कौन किताना पानी में है। लेकिन इसी बीच सोनू सूद ने भी एक इंटरव्यू के दौरान इस मुद्दे पर बयान देते हुए कह डाला कि, ‘मुझे नहीं लगता हिंदी को बस राष्ट्रीय भाषा कहा जा सकता है। भारत की एक भाषा है, जो है एंटरटेनमेंट। इससे फर्क नहीं पड़ता कि आप कौन सी इंडस्ट्री से आते हैं। अगर आप लोगों को एंटरटेन करते हैं तो वे आपसे प्यार करेंगे। आपका सम्मान करेंगे और आपको स्वीकार करेंगे।’

हालांकि ये मामला राजनिती तक भी गया और कर्नाटक के एक्स सीएम सिद्धारमैय्या ने अजय देवगन के बयान की निंदा करते हुए ट्विटर पर लिखा कि, ‘हिंदी कभी भी न राष्ट्रभाषा थी और न रहेगी। ये हर भारतीय का कर्तव्य है कि वो हमारे देश की विविधता में एकता का सम्मान करे। हर भाषा अपने लोगों के लिए एक वृहद इतिहास समेटे हुए है जिस पर उन्हें गर्व होना चाहिए। मैं एक कनाडिगा होने पर गर्वित हूं।’

इसके बाद जनता दल के एचडी कुमारस्वामी ने भी सुपरस्टार अजय देवगन के बयान पर रिएक्ट करते हुए ट्वीट किया है। उन्होंने अपने इस ट्वीट में लिखा, ‘अजय देवगन का बयान बीजेपी के एक राष्ट्र, एक कर, एक भाषा और एक सरकार के हिंदी राष्ट्रवाद के मुखपत्र का बखान करते हुए दिख रहा है।’ इतना ही नहीं एचडी कुमारस्वामी ने कई ट्विट्स के जरिए अजय देवगन पर निशाना साधते हुए कई बातें कही हैं और साथ ही किच्चा सुदीप का समर्थन भी किया है। अपने दूसरे ट्विट में एचडी कुमारस्वामी ने लिखा कि, ‘अजय देवगन को ये नहीं भूलना चाहिए कि कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री हिंदी सिनेमा को बढ़ाने में मदद कर रही है। कन्नड़ सिनेमा के समर्थन की वजह से ही हिंदी सिनेमा बड़ा हुआ है। देवगन को भूलना नहीं चाहिए कि उनकी डेब्यू फिल्म बैंग्लुरू में एक साल तक चली थी।’

वहीं आज लेटेस्ट बयान कंगना रनौत का सामने आया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि ‘हमारा सिस्टम और सोसायटी बहुत सारी विविधताओं, भाषाओं और संस्कृतियों का देश हैं। और अपनी-अपनी संस्कृति और भाषा पर गर्व महसूस करना हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है। मैं एक पहाड़ी हूं। हालांकि, जब हम अपने राष्ट्र पर विचार करते हैं, तो इसे एक इकाई बनाने के लिए, हमें हम सभी को एक साथ जोड़ने के लिए एक धागे की आवश्यकता होती है। जब संविधान बनाया गया था, हिंदी एक राष्ट्रभाषा बन गई थी।’

आगे बात करते हुए कंगना ने कहा कि, ‘और अब जब आप कह रहे हैं कि तमिल हिंदी से पुरानी है, तो यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि ‘संस्कृत’ उससे भी पुरानी है। मेरी राय में, संस्कृत हमारी राष्ट्रभाषा होनी चाहिए, क्योंकि कन्नड़, तमिल, गुजराती, हिंदी, इन सभी भाषाओं की उत्पत्ति संस्कृत से हुई है। मेरे पास इसका जवाब नहीं है अगर आप मुझसे पूछें कि अगर ऐसा है तो संस्कृत को हिंदी के बजाय हमारी राष्ट्रीय भाषा क्यों नहीं बनाया गया। वे निर्णय एक निश्चित समय के दौरान किए गए होंगे।’

 

 

हालंकि एक्ट्रेस का गुस्सा यही पर शांत नहीं हुआ, बल्कि औगे बात करते हुए कंगना ने अपनी बात में कहा, ‘जब आप विदेश जाते हैं, तो जर्मन, स्पेनिश, फ्रेंच – उन्हें अपनी भाषा पर बहुत गर्व होता है। लेकिन औपनिवेशिक इतिहास कितना भी काला क्यों न हो, सौभाग्य से, या दुर्भाग्य से, अंग्रेजी वह कड़ी बन गई है जो दुनिया के सभी हिस्सों के लोगों को जोड़ती है।’ कंगना ने विवाद में किच्चा सुदीप का साथ देते हुए कहा,’अजय देवगन जी ने कहा, हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, तो वह गलत नहीं हैं। लेकिन मैं सुदीप की भावना को समझती हूं और वह गलत भी नहीं हैं।’

अब ऐसे में देखने वाली बात तो ये होगी कि आने वाले दिनों में ये मामला थमेगा या फिर से एक बार देश का नया मुद्दा बनकर सामने आएगा।

First published on: Apr 30, 2022 01:31 PM