Tollywood News: मेगास्टार चिरंजीवी (Chiranjeevi) सिनेमा जगत में एक बहुत बड़ा नाम हैं जिन्होंने दक्षिण में एक से बढ़कर एक फिल्में दीं। साउथ के सुपरस्टार कहे जाने वाले एक्टर चिरंजीवी ने हिंदी फिल्मों में भी काम किया हैं। उनका जितना दक्षिण में सिक्का चलता है उतना ही उनका बॉलीवुड में भी नाम है। इस बीच उन्होंने 33 साल पुरानी घटना को याद किया जब उनके दिल को बहुत ठेस पहुंची थी।
चिरंजीवी (Chiranjeevi Statement) ने अपने एक इंटरव्यू में खुलासा करते हुए बताया कि, हिंदी सिनेमा को ही भारतीय सिनेमा के रूप में देखा जाता था और बाकी फिल्मों को ‘रीजनल मूवीज’ में बांट दिया गया था और उन्हें सम्मान नहीं दिया जाता था। एक्टर ने कहा, ये वाकिया तब हुआ था जब उनकी फिल्म ‘रुद्रवीनी’ को नरगिस दत्त अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। अवॉर्ड सेरेमनी से एक दिन पहले गर्वमेंट ने फिल्म इंडस्ट्री की मशहूर हस्तियों के लिए ‘हाई टी’ का आयोजन किया था।
चिरंजीवी ने कहा कि उस वक्त पृथ्वीराज कपूर से लेकर बड़े-बड़े लोगों के नाम शामिल थे लेकिन साउथ इंडियन फिल्म इंडस्ट्री के किसी भी आइकन का नाम नहीं था। ‘मैं उस पल बहुत नीचा महसूस कर रहा था। ये अपमान की तरह था।’ ये भी कहा कि हिंदी सिनेमा को भारतीय सिनेमा के रूप में दिखाया गया था, जबकि अन्य फिल्मों को ‘रीजनल फिल्मों’ के रूप में बांट दिया गया था और उन्हें ‘सम्मान’ नहीं दिया गया था।
चिरंजीवी ने आगे कहा कि ‘बाहुबली’, ‘RRR’, ‘पुष्पा’ (Pushpa) और यहां तक कि कन्नड़ मूवी ‘केजीएफ चैप्टर 2’ (KGF Chapter-2) जैसी फिल्में खूब सफल हुई हैं। ‘बाहुबली’ मूवी ने प्राउड फील कराया, क्योंकि ये रीजनल और हिंदी सिनेमा के बीच की दूरी को दूर करने में जरूरी था और ये साबित कर दिया कि सभी भारतीय फिल्म इंडस्ट्री का हिस्सा हैं। इस उपलब्धि के लिए उन्होंने एसएस राजामौली (S.S.Rajamouli) की सराहना भी की।