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Khuda Haafiz 2 Review: विद्युत जामवाल की ये फिल्म बिलाशक अपनी अग्निपरीक्षा को पार करती है

2020 में ओटीटी पर रिलीज़ हुई खुदा हाफ़िज पहली फिल्म थी, जो कोरोना के दौरान थियेटर्स बंद होने का शिकार बनी थी। लेकिन विद्युत जामवाल की खुदा हाफिज़ चैप्टर-1 ने ओटीटी पर सिनेमा के कामयाबी की पहली कहानी भी गढ़ी थी। इसके बाद जो हुआ, वो सबने देखा। हांलाकि इसके बाद ऑडियंस थियेटर के बजाए, […]

2020 में ओटीटी पर रिलीज़ हुई खुदा हाफ़िज पहली फिल्म थी, जो कोरोना के दौरान थियेटर्स बंद होने का शिकार बनी थी। लेकिन विद्युत जामवाल की खुदा हाफिज़ चैप्टर-1 ने ओटीटी पर सिनेमा के कामयाबी की पहली कहानी भी गढ़ी थी। इसके बाद जो हुआ, वो सबने देखा। हांलाकि इसके बाद ऑडियंस थियेटर के बजाए, ओटीटी पर जो घूमी, वो सिलसिला आज तक जारी है। अब खुदा हाफ़िज चैप्टर-2 अग्निपरीक्षा थियेटर में रिलीज़ हुई है, उम्मीदें है कि दो साल से जमी हुई बॉक्स ऑफिस की बर्फ़ टूटेगी।

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खुदा हाफ़िज़ वन में दिखाया गया था कि समीर, जिस किरदार को विद्युत जामवाल ने निभाया था, वो अपनी नरगिस को बचाने के लिए किस हद तक जाता है। बस आप अंदाज़ा ही लगा सकते हैं कि अब जब समीर और नरगिस की बेटी किडनैप हुई है, तो समीर कितनी हदें तोड़ेगा?

खुदा हाफ़िज़ चैप्टर-2 अग्निपरीक्षा की कहानी शुरु होती है समीर और नगरिस की ज़िंदगी में आए तूफ़ान के शांत होने से, लेकिन उनकी ज़िदंगी को इस तूफ़ान ने जैसे बिखेरा है, उसकी तबाही के निशान इतनी आसानी से नहीं मिटने वाले। नरगिस अब भी बीते वक्त और बुरे सपनों की गिरफ्त में है। ऐसे मे समीर और नगरिस थेरेपी की मदद लेते हैं और अपने रिश्ते को सुधारने, बुरे दौर की यादों से उबरने के लिए अपने घर में एक नया मेहमान लाते हैं – नंदिनी। नंदिनी के आने से लगता है कि ज़िंदगी एक बार दोबारा पटरी पर आ गई है, लेकिन अगला तूफ़ान उनका इंतज़ार कर रहा है। छोटी सी नंदिनी स्कूल से घर वापस आते वक्त किडनैप हो जाती है। अब समीर को उसे वापस लाना है, किसी भी क़ीमत पर…।

खुदा हाफ़िज़ चैप्टर -2 शुरु में ठहरी-ठहरी सी है, और तकरीबन आधे घंटे के बाद भगाना शुरु करती है। फिर विद्युत के किरदार की तरह। फिल्म आपको झटके देती है, इसके सीन्स कमज़ोर दिल वालों के लिए तो कतई नहीं है। किडनैपिंग, रेप, पॉलिटिक्स, पॉवर और अन्नाय की ये कहानी सीधी नहीं है बल्कि इमोशनली आपको तोड़ देने वाली है। फारुख़ कबीर ने खुदा हाफ़िज़ के इस पार्ट को सिर्फ़ एक्शन नहीं, बल्कि इमोशनल भी बनाया है। फर्स्ट पार्ट आपको इमोशनली झिंझोड़ देगा, और सेकेंड पार्ट एक्शन से भरा हुआ है। बिलाशक खुदा हाफ़िज़ का सेकेंड चैप्टर अग्निपरीक्षा को पार करता है।

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वैसे भी विद्युत की फिल्म देखने वालों को पता होता है कि वो बहुत ही ब्रुटल एक्शन देखने जा रहे हैं, लेकिन इस बार आपको विद्युत का एक्शन ही नहीं, एक्टिंग भी देखने को मिलेगी। बहुत कम होता है कि एक्शन स्टार की फिल्म, इस हद तक इमोशनल हो। शिवालिका ओबेरॉय ने भी बेहतरीन परफॉरमेंस दी है, एक लड़की जो बड़े सदमे से उबरने की कोशिश कर रही हो और उसे दूसरा झटका लगे, मुश्किल किरदार को शिवालिका ने बखूबी निभाया है। ठाकुर बनी शीबा चढ्ढा को स्क्रीन पर देखकर आपको सिहरन होगी, और स्क्रीन पर ये हासिल करना आसान नहीं है। दिबेंदू भट्टाचार्य और राजेश तैलंग ने अपने छोटे रोल भी दमदार परफॉरमेंस भी दी है।

खुदा हाफ़िज़ देखने के लिए कलेजा चाहिए, मज़बूत दिल के हैं, एक्शन देखने के शौकीन हैं, तो ये खुदा हाफ़िज़ आपके लिए है।
खुदा हाफ़िज़ चैप्टर-2 अग्निपरीक्षा को 3 स्टार।

 

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First published on: Jul 08, 2022 02:36 PM