देश में ओटीटी का क्रेज़ अपने शबाब पर है, लेकिन परेशानी ये है कि ओटीटी थोड़ा पर्सनल मामला है। इसे मोबाइल स्क्रीन पर ईयरफोन लगाकर, अकेले देखने वाला मामला ज़्यादा समझ लीजिए, बजाय इसके कि स्मॉर्ट टीवी पर थोड़ा चौड़े होकर, ड्राइंग रूम में बैठकर फैमिली के साथ देखने की फीलिंग के।
मगर पिछले कुछ दिनों में ओटीटी ने अपनी ये कमी भी दुरूस्त करनी शुरु कर दी है। TVF की सीरीज़ गुल्लके ने होम एंटरटेनमेंट वाली फीलिंग को एक नया आयाम दिया है। मिडिल क्लास फैमिली की लोअर मिडिल क्लास प्रॉब्ल्म्स को स्टार बना दिया है। उसी कड़ी में आगे बढ़ती है, डिज़िनी हॉटस्टार की नई सीरीज़ – होम शांति।
मसाले भी गुल्लक वाले, फॉर्मुला भी गुल्लक वाला…. गुल्लक में मिश्रा फैमिली थी, यहां जोशी फैमिली है। वहां गुल्लक कहानी का नरेशन देता था, यहां फैमिली के कविराज पापा – उमेश जोशी कहानियों को नरेटर बने हुए हैं। वहां मामला घर की छोटी—छोटी ज़रूरतों का था… और यहां कहानी एक नए घर की है।
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होम शांति की सबसे खूबसूरत बात ये है कि ये 6 एपिसोड की मिनी सीरीज़ है। जोशीज़ का भूमि पूजन से शुरु होकर, घर का नक्शा, दीवारों की तराई, घर का लैंटर, बजट के बाहर वाले इंटीरियर, हैप्पी एनीवर्सिरी के टाइटल वाले इन 6 एपिसोड में जोशी फैमिली अपने लिए, बजट में एक सपनों का घर बनाना चाहती है।
सरला जोशी, घर में कमाने वाली अकेली है, वो सरकारी स्कूल में वाइस प्रिंसिपल है, अंग्रेज़ी पढ़ाती हैं और हिंदी मे कविताएं करने वाले उमेश जोशी जी की पत्नी हैं। उमेश जोशी जी कविराज हैं, घर पर… दोस्तों के बीच और अखबार में ‘सुजन’ के नाम से कविताएं तो प्रकाशित करवाते हैं, लेकिन कवि गोष्ठियों से अपनी ही कविताएं पढ़ने से मुंह चुराते हैं। इनकी बेटी जिज्ञासा और नमन, नए घर में अपने उम्मीदों की जगह चाहते हैं। बेटी सेपरेट रूम के साथ अपना बाथरूम भी चाहती है। बेटा नमन, टाइगर का फैन है, तो जिम की जगह चाहता है। मम्मी रिटायरमेंट के करीब है, और पापा को भी लिखना पसंद है तो स्टडी बड़ी होनी चाहिए। लेकिन छोटे से प्लॉट में इतना कहां समा पाता है। मिडिल क्लास फैमिली के छोटे-छोटे घर में ढेर सारा प्यार, और बड़े-बड़े सपनों के बाद जगह ही कहां बचती है।
देहरादून में सजी इस कहानी के लिए राइटर्स की लंबी चौड़ी फौज लगाई गई… शायद उन्हे गुल्लक जैसी कहानियां और किरदार लिखने का फॉर्मुला भी दिया गया। मगर हर फैमिली की अपनी अलग ही कहानी होती है। तो होम शांति की जोशी फैमिली का मिजाज़ भी अपना है, और परेशानियां भी। डायरेक्टर आंकाक्षा दुआ ने कोशिश भी अच्छी की है, होम शांति को देखकर फैमिली वाली फीलिंग आती है, शो रिलेटेबल है।
सरला जोशी के किरदार में सुप्रिया पाठक से मम्मी वाली फीलिंग आती है। उमेश जोशी यानि कविराज वाले किरदार में मनोज पाहवा सच में जंचे हैं। बड़ी बहन जिज्ञासा बनी चकोरी द्विवेदी ने बहुत ही अच्छा काम किया है। हां, बेटे नमन के किरदार में पूजन छाबड़ा को थोड़ी और धार लानी चाहिए थे।
होम शांति एक फील गुड शो है और इसमें फैमिली वाली फीलिंग है। यहां कुछ एक्ट्रा तो नहीं पाएंगे, लेकिन वीकेंड पर देखेंगे… तो फैमिली के साथ डिनर टाइम पर एक साथ ज़रूर बैठ जाएंगे।
डिज़नी हॉटस्टार के होम शांति को 3 स्टार।
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