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Aashram Season 3 Review: बोर होकर भी छोड़ नहीं पाएंगे ये बदनाम आश्रम देखना

तीसरा सीजन और 30 एपिसोड, मोंटी पहले बाबा निराला और अब भगवान निराला बन गया है। गरीबों वाले बाबा का स्वर्ग लोक बनाने का अभियान चल पड़ा है। दुनिया भर में निराला धाम की तैयारी चल रही है। आश्रम, अब एक बदनाम आश्रम बन चुका है। दरअसल प्रकाश झा का आश्रम, ओटीटी का सबसे बड़ा […]

तीसरा सीजन और 30 एपिसोड, मोंटी पहले बाबा निराला और अब भगवान निराला बन गया है। गरीबों वाले बाबा का स्वर्ग लोक बनाने का अभियान चल पड़ा है। दुनिया भर में निराला धाम की तैयारी चल रही है। आश्रम, अब एक बदनाम आश्रम बन चुका है। दरअसल प्रकाश झा का आश्रम, ओटीटी का सबसे बड़ा शो बन चुका है इसमें कोई दो राय नहीं है। इसकी पहली वजह है कि ये MX PLAYER पर मुफ्त उपलब्ध है यानि देखने का कोई पैसा नहीं। दूसरा ये ओटीटी के कहानी के साथ, थोड़ा एडल्ट मसाला भी परोसता है, वो भी बड़े-बड़े स्टार्स के साथ। तीसरे सीजन की कहानी शुरु करने से पहले पहले और दूसरे सीजन का हाल को रिवाइंड कर लीजिए। जब आश्रम का पहला सीजन आया, तो वो ओटीटी स्पेस में किसी वेब सीरीज में बॉबी देओल का डेब्यू था, नेशनल अवॉर्ड विनर और अपनी फिल्मों से नजीर खींचने वाले प्रकाश झा का ओटीटी डेब्यू था, ज़ाहिर है उम्मीदें आसमान पर थी। राजनीति, आरक्षण और जय गंगाजल सरीखी फिल्मों में स्टार्स का जमावड़ा लगा देने वाले प्रकाश झा ने पिछले 10 साल में डायरेक्शन में जो सुर पकड़े हैं, उन्होने उससे दग़ा ही किया है। हां ये बात और है कि प्रकाश झा कोशिश अब तक कर रहे हैं। काशीपुर से शुरु हुई ये कहानी बाबा निराला की है, जो धर्मगुरु की आड़ में क्रिमिनल है, अय्य़ाश है, लोगों के विश्वास से खेलकर राजनीतिक रोटियां सेंकता है और आश्रम में आई लड़कियो की अस्मत से खेलता है। फिर इस कहानी में एंट्री होती है एक छोटी जाति की रेसलर लड़की पम्मी की। पम्मी यानि कि परमिंदर, जो अपने भाई को ऊंची जाति के लोगों से बचाने वाले बाबा की मुरीद हो जाती है। बाबा निराला, उसे कुश्ती की ट्रेनिंग देना शुरु करता है... उसके भाई सत्ती को आश्रम में सेवा करने का मौका देता है और उसकी शादी, महिला उत्थान के नाम पर आई एक बबिता से करा देता है, जो वेश्वयावृत्ति में थी।   और पढ़िएतीसरे सीजन के बाद ‘आश्रम’ बनी भारत की सबसे लंबी वेब सीरिज, जानें कैसे   बबिता से संबध बनाने के फेर में बाबा, उसके पति सत्ती की शुद्धि के नाम पर उसका ऑपरेशन करवा देता है। और फिर पम्मी को भी अपना शिकार बनाता है। अगले दो सीजन में बाबा निराला के खिलाफ़ पम्मी की बग़ावत और चूहे-बिल्ली के खेल में सिमटी हुई है। और अब तीसरे सीजन में भी यही हो रहा है...। कहानी पम्मी को पकड़ने के लिए बाबा की बेचैनी से शुरु होती है... फिर एक नाबालिक लड़की से बाबा के रेप करने से होते हुए राजनीति के दांव-पेंचों से गुजरती है। बाबा ने अपने अंध भक्ति के दम पर हुकुम सिंह को राज्य का मुख्यमंत्री बना दिया है और अब खुद को भगवान साबित करने में जुटा है। पम्मी भाग रही है, बाबा नाकाम हो रहा है। दूसरी ओर सीएम हुकुम सिंह की दोस्त और ब्रांडिंग एक्सपर्ट सोनिया की एंट्री होती है, जो बाबा की महिमा पूरी दुनिया में पहुंचाना चाहती है। दूसरी ओर पम्मी बाबा की मुश्किलें बढ़ाती जा रही है, वो बाबा की पोल खोलने के लिए हर दरवाजे पर जाती है, न्यूज़ चैनल्स तक पहुंचती है और फिर बाबा को कोर्ट तक ला देती है। आश्रम का दूसरा सीजन प्रकाश झा ने पहले सीजन के साथ ही शूट कर लिया था। अब तीसरे सीजन के साथ, चौथे सीज़न का ट्रेलर रिलीज़ करके प्रकाश झा ने बता दिया है कि वो ओटीटी के इस फॉर्मूले को एकता कपूर के सीरियल में बदल देना चाहते हैं, जो ख़त्म होने में बरसों लग जाएंगे। ज़ाहिर है कि डायरेक्टर प्रकाश झा ने तीसरे सीजन के साथ, चौथे सीजन की शूटिंग भी पूरी कर ली है। अब आते हैं कि एक बदनाम आश्रम के तीसरे सीज़न में क्या अच्छा, क्या बुरा है ? अच्छे के नाम पर सबसे बड़ी बात ये कि ये फ्री है, दूसरी बड़ी बात कि बाबा निराला और भोपा स्वामी के बीच की तकरार, इस सीजन की सबसे ख़ास बात है। सिनेमैटोग्राफ़ी और प्रोडक्शन अच्छा है। पहले 5 एपिसोड तक स्लो मोशन स्टोरी की तरह चलने वाली आश्रम 3 की कहानी, 6वें एपिसोड से चलने लगती है और 8वें एपिसोड पर भागने लगती है. और क्लाइमेक्स पर पूरे शबाब पर होती है, ताकि अगले सीजन के लिए माहौल बना रहे।     यहाँ पढ़िए - Jungle Cry Movie Review: अभय देओल की ‘जंगल क्राई’ आदिवासी बच्चों के वर्ल्ड चैंपियन बनने की इंस्पायरिंग कहानी है   बुरा ये है कि दूसरे सीजन से लेकर, तीसरे सीजन तक प्रकाश झा इस आश्रम की कहानी को वाकई बालाजी के सीरियल्स की तरह ही चला रहे हैं, जिसमें क्लाइमेक्स को छोड़कर कहीं कुछ नहीं होता। इस तीसरे सीजन में सोनिया के तौर पर ईशा गुप्ता की एंट्री नहीं कराई गई है, उन्हे परोसा गया है। बाबा के साथ पहली मुलाकात में ही जिम्नास्ट, डांस और सिडक्शन की ईशा गुप्ता ने जो झड़ी लगाई है, उसकी उम्मीद आप प्रकाश झा से कभी नहीं कर सकते। परफॉरमेंस पर आएं, तो बॉबी देओल के करियर का बेस्ट रोल है बाबा निराला का, जिसमें वो जमते भी है, लेकिन तीसरे एपिसोड तक में बाबा के सेम तेवर देखकर थोड़ा बोरियत होने लगी है। भोपा स्वामी के किरदार में चंदन रॉय सान्याल ने तीसरे सीजन की कमान को अपने हाथ में पकड़ रखा है। पम्मी के किरदार में अदिति के एक्सप्रेशन्स का भी सेम हाल है। दर्शन कुमार और अनुप्रिया गोयनका के लिए इस सीजन में करने के लिए कुछ ह नहीं। हां बबिता के रोल में त्रिधा चौधरी के किरदार में इस बार स्पार्क ज़्यादा है। ईशा गुप्ता को आप आश्रम में वैसा ही पाएंगे, जैसा वो अपने इंस्टाग्राम प्रोफाइल में दिखती है... मतलब आप खुद ही समझ लीजिए। आश्रम देखकर आप खुद को बोर होने से रोक नहीं पाएंगे, लेकिन धर्म, आंडबर, अन्याय और एडल्ट कंटेट के लिए बदनाम इस आश्रम के मोह से छूट भी नहीं पाएंगे। एक बदनाम आश्रम को 2.5 स्टार।  

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