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इस एक्ट्रेस ने 55 घंटो तक लड़ी मौत से जंग, लोगों की मदद से बची जान

अदिति त्यागी – अमेरिकन एक्ट्रेस और पॉलिटिकल एक्टिविस्ट एश्ले जूड (Ashley judd )हाल ही में एक दर्दनाक हादसे से गुजरी हैं। इस एक्ट्रेस ने जिंदगी और मौत से जंग लड़ी है। 55 घंटों तक एक्ट्रेस ने मौत से लड़ाई लड़ी और जब लोगों ने मदद की तब जाकर उन्होंने अपनी जिंदगी की जंग जीती। अभिनेत्री […]

अदिति त्यागी – अमेरिकन एक्ट्रेस और पॉलिटिकल एक्टिविस्ट एश्ले जूड (Ashley judd )हाल ही में एक दर्दनाक हादसे से गुजरी हैं। इस एक्ट्रेस ने जिंदगी और मौत से जंग लड़ी है। 55 घंटों तक एक्ट्रेस ने मौत से लड़ाई लड़ी और जब लोगों ने मदद की तब जाकर उन्होंने अपनी जिंदगी की जंग जीती। अभिनेत्री ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट इंस्टाग्राम पर अपनी जिंदगी में घटित हुई एक बड़ी घटना का जिक्र किया है।

दरअसल एश्ले ने जिंदगी और मौत से जूझती अपनी कहानी इंस्टाग्राम के जरिये शेयर की है। इसके साथ तस्वीरों को भी उन्होंने शेयर की है। वहीं उन्होंने अफ्रीका के कोन्गो में रहने वाले लोगों ने जबरदस्त इच्छाशक्ति की भी तारीफ की है। अपने पोस्ट में एश्ले ने बताया कि हादसे में उनका एक पैर बुरी तरह जख्मी हुआ था और उनकी हड्डियां भी टूटी। यहां तक कि अगर कुछ ज्यादा बुरा होता तो उनकी मौत इंटरनल ब्लीडिंग से हो चुकी होती या वो अपना पैर गंवा चुकी होती लेकिन कोंगो के लोगों की मदद से मैंने जीवन की लड़ाई जीती। मेरी 55 घंटों की यात्रा में मेरी लाइफ बचाने में उनका पूरा योगदान है। इस हादसे को सोचकर मैं काफी इमोशनल हो गई। 

एश्ले ने बताया कि जब ये हादसा हुआ तब उसके के 55 घंटे उनके लिए बेहद चुनौतीपूर्ण, मुश्किल और दर्द भरे थे। पहले पांच घंटे वो जंगल में दर्द से कराहती रहीं। करीब 5वें घंटे खत्म होने तक एक शख्स ने आकर उनकी हड्डियों को रीसेट करने की कोशिश की। वो दर्द के चलते बेहोश हो रही थीं। वहीं इसके बाद उन्होंने अगले डेढ़ घंटे, एक हैमॉक में लेटे हुए बिताए और उन्हें कोन्गो के लोगों ने उठाया हुआ था। कोन्गो के लोग ये काम नंगे पैर ही कर रहे थे। इसके बाद मैराडॉना और दिदियेर नाम के दो लोग उन्हें मोटरसाइकिल पर ले गए थे।

अपने पोस्ट में एश्ले ने आगे बताया कि इन छह घंटों की यात्रा के दौरान वो जैसी ही बेहोश होती थीं तो मैराडॉना उन्हें उठा देता था और मैराडॉना ने काफी सावधानी के साथ उनके पैर को उठाया हुआ था। छह घंटों तक वे तीनों मोटरसाइकिल पर एक बेहद धूल भरी खराब रोड पर थे। बाद में शहर में शाम बिताने के बाद उसके अगले दिन किन्स्हासा की राजधानी में 24 घंटे रूके थे और आखिरकार दक्षिण अफ्रीका पहुंचे थे।

पोस्ट के आखिर में एश्ले ने कहा कि कोन्गो से दक्षिण अफ्रीका के आईसीयू ट्रॉमा यूनिट तक पहुंचने का सफर सोचती हूँ तो भरोसा नहीं होता। मेरे और कोन्गो के लोगों के बीच एक अंतर ये था कि मेरे पास ऐसी आपदाओं और घटनाओं के लिए इंश्योरेंस था लेकिन कोन्गो के लोगों के पास ऐसी सुविधा नहीं है। एश्ले ने बताया कि कोन्गो के कई लोगों के पास पेन किलर जैसी बुनियादें मेडिकल सुविधाएं तक उपलब्ध नहीं हैं।

First published on: Feb 18, 2021 02:40 PM

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