Vastu rules of shankh: हिंदू धर्म में ज्योतिष शास्त्र का बड़ा महत्व होता है। लोग हर शुभ काम को ज्योतिष के अनुसार ही करते हैं। इसके अनुसार घर में कुछ विशेष चीजें लेन से घर में सुख-समृद्धि आती है और व्यक्ति की बिगड़ी हुई किस्मत चमक जाती है। हम कर रहे हैं शंख की।
दरअसल शंख हर घर के मंदिर में जरूर होता है। इसे ज्योतिष और वास्तु शास्त्र दोनों में ही बहुत शुभ माना जाता है। शंख के घर में होने और उसे सुबह-शाम बजाने से घर में पॉजिटिव एनर्जी आती है। और सभी के बिगड़े हुए काम भी बनने लगते हैं। शंख को देवताओं का प्रिय बताया गया है। आइए जानते हैं शंख के बारे में विस्तार से।
क्यों माना जाता है शंख को पवित्र?
हिंदू धर्म में शंख को बहुत ही पवित्र माना जाता है। छोटा या बड़ा कोई भी धार्मिक कार्य हो उसमें शंख जरूर बजाया जाता है। और उसकी पूजा भी की जाती है। दरअसल इसके पीछे कई पौराणिक मान्यताएं हैं। परन्तु सबसे प्रसिद्ध कहानी समुद्र मंथन की है। आइए आपको बताते हैं ये कहानी।
शंख की कहानी
विष्णु पुराण के अनुसार प्राचीन काल में देवताओं और राक्षसों ने अमृत की प्राप्ति के लिए मिलकर समुद्र मंथन किया था। इस मंथन में भगवान विष्णु ने कछुआ बनकर मंदार पर्वत को धारण किया। वासुकि नाग को रस्सी बनाया गया, जिसे एक तरफ के देवताओं और दूसरी ओर से राक्षसों ने समुद्र को मथा। समुद्र मंथन के दौरान 14 अमूल्य रत्न प्राप्त हुए जिनमें शंख भी एक था। यही कारण है कि शंख को अत्यंत पवित्र माना गया है।
शंख के नियम
अपने घर के पूजा स्थल में अच्छा बजने वाला शंख लाकर रखें। बता दें कि घर में शंख लाने मात्र से ही आपका अच्छा समय शुरू हो जाएगा। साथ ही घर की नेगेटिव एनर्जी खत्म होगी। साथ ही मां लक्ष्मी की कृपा भी भी रहेगी।
इस बात को जरूर ध्यान रखें कि प्रतिदिन पूजा के बाद नियमित रूप से शंख बजाना चाहिए। माना जाता है कि वातावरण में जहां तक शंख की आवाज जाएगी, जहां तक भूत, प्रेत, पिशाच आदि नहीं आ पाएंगे।
शंख बजाते समय इस बात का ध्यान रखें कि आप इसे तीन बार बजाएं। माना जाता है कि इससे तीनों लोक में पॉजिटिव एनर्जी आती है। और देवी-देवता प्रसन्न होते हैं।