Shukrwar ke Upay: सनातन हिंदू धर्म में हर दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित होता है। आज शुक्रवार है और आज का दिन मां लक्ष्मी के साथ देवी संतोषी को समर्पित होता है। इस दिन मां लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा करने से आर्थिक तंगी दूर होती है और काम में आ रही अड़चन दूर होती है।
अगर आप आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं या आपके बनते काम बिगड़ रहे हैं तो आप लाभ पाने के लिए शुक्रवार के कुछ खास उपाय कर लें। आज हम आपको कुछ उपाय बताने जा रहे हैं जिन्हें करने से आपकी हर परेशानी दूर हो सकती है। आइये जानते हैं शुक्रवार के दिन किए जाने वाले कुछ छोटे-बड़े उपाय जो आपकी मदद कर सकते हैं। साथ ही वो मंत्र जो मां लक्ष्मी को प्रसन्न कर सकते हैं।
शुक्रवार के खास उपाय
1. सफेद रंग के वस्त्र धारण
शुक्रवार के दिन सुबह उठकर स्नानादि करें, इसके बाद सफेद रंग के वस्त्र धारण कर शुक्रवार व्रत का संकल्प लें।
2. कमल अर्पित करें
मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए उनकी विधिवत पूजा करें। इस दौरान उनका प्रिय फूल कमल अर्पित करें। इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
3.नीम के पेड़ में जल अर्पित करें
आपको बता दें कि नीम के पेड़ में मां लक्ष्मी का वास होता है। ऐसे में उन्हें खुश करने के लिए आप पूजा-पाठ के बाद नीम के पेड़ में जल अर्पित करें। मान्यता है कि इस उपाय से ग्रह दोष से भी निजात मिलती है।
4. सफेद चीजों का दान करें
माना जाता है कि शुक्रवार को सफेद चीजों का दान करना शुभ माना होता है। दरअसल, यह रंग मां लक्ष्मी को बेहद प्रिय है, ऐसे में आप शुक्रवार के दिन सफेद वस्त्र, चावल, आटा, चीनी, दूध, दही आदि दान करें।
5. चींटियों को चीनी खिलाएं
अगर आपके किसी काम में अड़चन आ रही है, तो शुक्रवार के दिन काली चींटियों को चीनी खिलाएं। माना जाता है कि इससे लाभ मिलता है।
6. खीर बनाकर दान करें
अगर लाख कोशिश के बाद भी आपके काम में बरकत नहीं आ रही तो आप बरकत पाने के लिए पांच शुक्रवार खीर बनाकर किसी मंदिर में दान करें।
7. तुलसी का पौधा रोपित करें
अगर मां लक्ष्मी ने आपसे मुहं मोड़ लिया है और शुक्र दोष लग गया है। तो आप शुक्रवार को घर अथवा मंदिर में तुलसी का पौधा रोपित करें। इससे शुक्र दोष कम होता है।
इन मंत्रों में छिपा है सफलता का राज
शुक्रवार के दिन शुक्र देव को प्रसन्न करने के लिए 108 बार नीचे दिए गए मंत्रों में से किसी एक का जाप करें।
1. ॐ शुं शुक्राय नम:
2. हिमकुंद मृणालाभं दैत्यानां परमं गुरुम्।
सर्वशास्त्र प्रवक्तारं भार्गवं प्रणमाम्यहम्।।
3. ॐ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम: