Navratri 2023 Vastu Tips: 23 मार्च 2023 से चैत्र नवरात्रि शुरू होने वाले हैं। इनमें मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। अगर नवरात्रि की पूजा करते समय वास्तु के नियमों का पालन किया जाए तो इसका लाभ डबल मिलता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा के बारे में कुछ बेहद अहम नियम बताए गए हैं। जिनसे सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। आइए जानते हैं नवरात्रि में वास्तु के अनुसार किस तरह मां दुर्गा की पूजा करनी चाहिए।
मेन दरवाजे पर करें ये काम
वास्तु के अनुसार, नवरात्रि के पहले दिन ही मेन दरवाजे के दोनों ओर चूने व हल्दी से स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं और आम व अशोक के पत्तों का तोरण भी लगाएं। ये दोनों काम बहुत ही शुभ माने जाते हैं। इससे घर में पॉजिटिव एनर्जी आती है और सुख समृद्धि बनी रहती है।
कलश स्थापना करें
आपको बता दें कि, नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। वास्तु के मुताबिक नवरात्रि के पहले दिन ही शुभ मुहूर्त के अनुसार कलश स्थापना करें। इस बात का ध्यान रखे कि कलश की स्थापना ईशान कोण (उत्तर-पूर्व का कोना) दिशा में करें। अगर संभव हो तो पंडित जी को घर में बुलाकर आप स्थापना करें। इससे आपके सभी रोग-दोष दूर हो जाएंगे।
इस दिशा में करें मां की मूर्ति स्थापना
नवरात्रि में माता की प्रतिमा की स्थापना ईशान कोण (उत्तर-पूर्व का कोना) में ही करें करें। वास्तु के अनुसार इस दिशा को देवताओं की दिशा माना जाता है। इस दिशा में प्रतिमा स्थापित करने से पॉजिटिव एनर्जी आती है। और घर के सदस्यों का मन पूजा-पाठ में लगता है। साथ ही घर का वास्तु दोष भी दूर होता है।
अखंड जोत जलाएं
वास्तु में माना जाता है कि, अखंड जोत जलाने से घर में पॉजिटिव एनर्जी का प्रवाह होता है। और सभी सदस्यों कि उन्नति के मार्ग खुलते हैं। साथ ही दुश्मनों का नाश होता है। अखंड जोत जलाते समय इस बात का ध्यान रखें कि आप जोत आग्नेय कोण यानि पूर्व और दक्षिण दिशा के मध्य में जलाएं।
इस दिशा की ओर हो आपका मुख
वास्तु के अनुसार, नवरात्रि में माता की पूजा करते समय इस बात का ध्यान रखें कि पूजन के समय आपका मुख पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ होना चाहिए। बता दें कि, पूर्व दिशा को शक्ति और ऊर्जा का प्रतीक माना गया है।