Sandhya Shantaram Death: भारतीय सिनेमा की मशहूर दिग्गज एक्ट्रेस संध्या शांताराम अब हमारे बीच नहीं रहीं. उन्होंने 94 साल की उम्र में अपनी आखिरी सांस ली. भारतीय जनता पार्टी के नेता आशीष शेलार ने X पर एक पोस्ट के साथ एक्ट्रेस संध्या के निधन की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि संध्या शांताराम का मुंबई में निधन हुआ, वह लंबे समय से उम्र से संबंधित बीमारियों से जूझ रही थी. मालूम को कि संध्या शांताराम हिंदी सिनेमा के गोल्डन ऐरा की प्रसिद्ध एक्ट्रेस थीं. चलिए, संध्या शांताराम जुड़े खास और रोचक तथ्य जानते हैं.
संध्या शांताराम का फिल्मी करियर
संध्या शांताराम का जन्म 22 सितंबर 1932 को हुआ था, उनका असली नाम विजया देशमुख था. संध्या शांताराम ने फेमस दिवंगत फिल्ममेकर वी. शांताराम की फिल्म 'अमर भूपली' से साल 1950 में अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी. दरअसल, वी. शांताराम ने ही उन्हें अपनी फिल्म 'अमर भूपली' के लिए खोजा था. इसके बाद संध्या ने 'झनक झनक पायल बाजे', 'दो आंखें बारह हाथ', 'जल बिन मछली नृत्य बिन बिजली', 'पिंजरा', 'परछाईं', 'तीन बत्ती चार रास्ता', और 'नवरंग' जैसी हिट फिल्मों में काम किया.
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एक गाने ने दिलाई पहचान
इतनी हिट फिल्में करने के बाद भी संध्या शांताराम को लोगों के बीच पहचान एक गाने की वजह से मिली. साल 1959 में आई फिल्म 'नवरंग' के 'अरे जा रे हट नटखट' ने संध्या शांताराम को आम लोगों के बीच बहुत पॉपुलर कर दिया. इस एक गाने ने उन्हें रातों-रात स्टार बना दिया.
सिर्फ पति की फिल्मों में किया काम
संध्या शांताराम ने फिल्ममेकर वी. शांताराम से शादी की थी. कहा जाता है कि फिल्म 'अमर भूपली' के बाद से दोनों ने कई फिल्मों में काम किया. इस दौरान काम करते हुए दोनों को एक-दूसरे से प्यार हो गया, जिसके बाद उन्होंने साल 1956 में शादी कर ली. आपको ये जानकर हैरानी होगी कि संध्या ने अपने 20 साल के एक्टिंग करियर में सिर्फ अपने पति वी. शांताराम की ही फिल्मों में काम किया है.
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संध्या शांताराम का अंतिम संस्कार
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, एक्ट्रेस संध्या शांताराम का अंतिम संस्कार मुंबई के दादर स्थित शिवाजी पार्क के वैकुंठ धाम में हुआ है. अंतिम संस्कार में उनके करीबी परिवार, दोस्त और जानने वाले लोग शामिल थे.