Wednesday, 24 April, 2024

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Vardhan Puri: सलमान खान के बयान पर वर्धन पुरी का पलटवार, सेंसरशिप को लेकर कह डाली ये बात

Vardhan Puri: हाल ही में सलमान को “फिल्म फेयर 2023” की प्रेस कॉन्फ्रेंस में देखा गया। इस दौरान सलमान खान ने मीडिया के साथ खुलकर बातचीत की। मीडिया रिपोर्टर के लगभग हर सवाल का दबंग खान खुलकर जवाब देते हुए नजर आए। इस दौरान उन्होंने ओटीटी प्लेटफॉर्म पर दिखाए जाने वाले कंटेंट पर असहमति जाहिर […]

Vardhan Puri: हाल ही में सलमान को “फिल्म फेयर 2023” की प्रेस कॉन्फ्रेंस में देखा गया। इस दौरान सलमान खान ने मीडिया के साथ खुलकर बातचीत की। मीडिया रिपोर्टर के लगभग हर सवाल का दबंग खान खुलकर जवाब देते हुए नजर आए। इस दौरान उन्होंने ओटीटी प्लेटफॉर्म पर दिखाए जाने वाले कंटेंट पर असहमति जाहिर की।

सलमान खान ने रखी अपनी बात (Vardhan Puri)

एक्टर सलमान खान के मुताबिक ओटीटी पर भी सेंसरशिप होनी चाहिए और उसके कंटेंट पर भी कैंची चलनी चाहिए क्योंकि इसमें भी सभी तरह का कंटेंट प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध है। अब एक्टर के इस बयान पर वर्धन पुरी ने असहमति जताई है। एक्टर ने हाल ही में दिए इंटरव्यू में सलमान खान के ओटीटी पर सेंसरशिप चलाने के बयान पर पलटवार किया है।

ओटीटी पर गाली-गलौज को बताया गलत

दरअसल दबंग खान का मानना है कि ओटीटी पर आने वाली सीरीज और फिल्मों में गाली-गलौज और न्यूडिटी बंद होनी चाहिए। अब सलमान के इस बयान पर अमरीश पुरी के पोते, वर्धन पुरी ने अपने विचार रखे हैं और इस पर असहमति जताई है। ये साली आशिकी से अपने करियर की शुरुआत करने वाले वर्धन पुरी ने इस पर अपनी राय रखी है।

वर्धन पुरी ने किया पलटवार

वर्धन पुरी ने हाल ही में एक इंटरव्यू में ओटीटी सेंसरशिप के मुद्दे पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि ‘मैं सभी की राय का सम्मान करता हूं लेकिन व्यक्तिगत रूप से मेरे विचार अलग हैं। मुझे लगता है कि अगर कोई सेंसरशिप होगी तो क्रिएटिविटी मर जाएगी। मैं सेंसरशिप का विरोध करता हूं। मैं सर्टिफिकेशन में विश्वास करता हूं, निर्देश दिए जा सकते हैं, लेबल तैयार किए जा सकते हैं लेकिन बड़े होने के नाते हर किसी के पास यह चुनने की पावर होनी चाहिए कि वे क्या देखना चाहते हैं। मैं किसी भी तरह की सेंसरशिप के पक्ष में नहीं हूं, खासकर ओटीटी पर तो बिल्कुल भी नहीं।’

सेंसरशिप को बताया गलत

एक्टर ने कहा कि ‘सर्टिफिकेशन ठीक है, लेकिन किसी भी चीज के किसी हिस्से को काट देना, किसी कंटेंट को उसकी भाषा या अश्लीलता के कारण रिलीज नहीं होने देना मुझे समझ नहीं आता है। नियम होना ठीक है, लेकिन सेंसरशिप नहीं। आपको यह नियंत्रित करना होगा कि कौन सामग्री देखने में सक्षम है क्योंकि ऐसे नाबालिग भी हैं, जो इस तरह की सामग्री देखते हैं। लेकिन, लोगों के लिए यह तय करना कि उनके लिए क्या देखना ठीक है, मुझे लगता है, यह रिडिक्युलस है।।

First published on: Apr 08, 2023 01:32 PM

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