‘सड़क का सद्दाम’, पिता से बगावत और फिल्मों का जुनून, बना बॉलीवुड का हिट विलेन
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Sadashiv Amrapurkar: हिंदी सिनेमा में वैसे तो कई चीजों का खास रोल होता है लेकिन अगर ठीक से देखा जाए तो हिंदी सिनेमा में फिल्म तीन चीजों से चलती है, हीरो, विलेन और आइटम नंबर सॉन्ग..ये तीन चीजें फिल्म में काफी खास रोल अदा करती हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण अभी की फिल्म स्त्री-2 से ले सकते हैं जिसमें हीरो राजकुमार राव, विलेन सर कटा और तमन्ना भाटिया का आइटम नंबर...इन तीनों ही चीजों का फिल्म में काफी खास योगदान रहा है। लेकिन हम इस आर्टिकल में आपसे स्त्री-2 नहीं बल्कि एक ऐसे दिग्गज अभिनेता के बारे में बात करने वाले हैं जिनके रोल को देख खुद कई सालों तक इंडस्ट्री में राज करने वाले अमरीश पुरी भी उनके काम के दीवाने हो गए थे। अब तक तो आप समझ ही गए होंगे कि हम किसकी बात कर रहे हैं। अगर नहीं समझे तो चलिए हम आपको समझा देते हैं।
कौन है वो एक्टर
सदाशिव अमरापुरकर (Sadashiv Amrapurkar), जिन्होंने अपने करियर में कई भूमिकाएं निभाईं, लेकिन संजय दत्त की एक फिल्म में इनका रोल सबसे अलग था। इनके इस रोल को देखने के बाद हर कोई जानना चाहता था कि आखिर इस रोल को करने के लिए सदाशिव को किसने इंस्पायर किया। इनके इस रोल को काफी लोगों ने पसंद किया। यहां तक की महान दिवंगत अभिनेता अमरीश पुरी ने भी इनकी काफी तारीफ की। साल 1991 में आई फिल्म 'सड़क', जिसमें सदाशिव अमरापुरकर ने किन्नर का रोल अदा किया था। इस रोल को देखने के बाद हर कोई जानना चाहता था कि आखिर सदाशिव ने इस रोल को क्यों अदा किया।
कौन हैं सदाशिव अमरापुरकर
महेश भट्ट की फिल्म सड़क, जिसमें संजय दत्त और पूजा भट्ट ने लीड रोल अदा किया था। फिल्म में इन दोनों के केमेस्ट्री को काफी पसंद किया गया था. लेकिन 'सद्दाम' के रोल में सदाशिव जिन्होंने बॉक्स ऑफिस पर एक अलग ही छाप छोड़ दी थी। इनके इस रोल ने इनके करियर को एक नया आयाम दिया था।
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सदाशिव का करियर
हालांकि, सदाशिव के करियर में उनके पिता ही विलेन का रोल अदा कर रहे थे। सदाशिव के पिता ने उनके एक्टिंग करियर को रोकने के लिए उनकी शादी तय कर दी लेकिन इन सब के बावजूद उनका एक्टिंग के लिए प्यार कभी कम नहीं हुआ। इतना ही नहीं इसके अलावा, भी सदाशिव ने कई संघर्षों का सामना किया।
मार्च 2013 में होली का समय था। जब सदाशिव अमरापुरकर ने अपने पड़ोसियों को पानी की बर्बादी करने के लिए मना किया और उनका विरोध किया लेकिन उनके पड़ोसियों ने उल्टा एक्टर को ही मारा और उनके साथ बदतमीजी की। हालांकि, कहते हैं ना कि आपकी मेहनत कहीं नहीं जाने वाली है और उसी तरह सदाशिव अमरापुरकर को भी उनकी मेहनत का रंग दिखा। इसके बाद साल 2014 में एक्टर के लंग खराब होने के कारण उनकी मृत्यु हो गई।
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