Sikandar Review: फीकी है कहानी, सलमान खान का एक्शन लाजवाब, देखने से पहले पढ़ लें रिव्यू
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Sikandar Review/ Navin Singh Bhardwaj: सलमान खान की फाइनली ईदी देने थियेटर आ गए हैं, भाईजान के लिए यह दिन किसी त्योहार से कम नहीं होता है। पूरे 2 साल के इंतजार के बाद सलमान खान ने 'सिकंदर' के साथ थियेटर में कदम रखा है, जो काफी खास बात है। सलमान खान के साथ मूवी में रश्मिका मंदाना लीड रोल में नजर आई हैं, फिल्म 30 मार्च 2025 को सिनेमाघरों में दस्तक दे चुकी है। चलिए जानते हैं कि आखिर 'गजनी' फेम डायरेक्टर एआर मुरुगादॉस और सलमान खान की फिल्म 'सिकंदर' कैसी है? अगर आप भी मूवी देखने का मन बना रहे हैं, तो उससे पहले E24 बॉलीवुड का ये रिव्यू पढ़ें।
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सिकंदर की कहानी
सिकंदर की कहानी फ्लाइट से जहां फ्लाइट से जहां पर नेता का बेटा अर्जुन प्रधान ( प्रतीक बब्बर) एक लड़की को छेड़ता है, लेकिन तभी सलमान खान की एंट्री होती है, जो उस लड़की को बचाते हैं। अर्जुन की पिटाई की खबर उसके पिता मिनिस्टर राकेश प्रधान ( सत्यराज ) को पता चलती है, तो वो अपने एक पुलिसवाले को हरियाणा से राजकोट भेजता है, ताकि वो उसे मार सके, जिसने उसके बेटे का मारा है। यही से कहानी राजकोट पहुंचती है और पुलिस वाला राजकोट के राजा के महल पहुंचता है, तब उसे पता चलता है जिसे वो पकड़ने आया है, वो राजकोट का राजा संजय राजकोट (सलमान खान) है। पुलिसवाले की मुलाकात रानी साहिबा यानी साईश्री राजकोट (रश्मिका मंदाना) से होती है, जो उनको बताती है कि राजा साहब तो पहले ही पुलिस स्टेशन पहुंच गए हैं।
इस बीच एक बम ब्लास्ट में साईश्री राजकोट की मौत हो जाती है और उसके बाद कहानी में टर्न आता है, क्योंकि रानी साहिबा अपने तीन ऑर्गन डोनेट कर देती है। फिर सलमान खान उन लोगों के पास जाता है, जिनके पास उनकी पत्नी के ऑर्गन होते है, जिनसे मिलने वो मुंबई आता है, मगर मुंबई आते ही मिनिस्टर का बेटा संजय राजकोट को देख लेता है और फिर वो उसकी कार का पीछा करने लगता है। सलमान खान को मारने के चक्कर में गलती से मिनिस्टर का बेटा (प्रतीक बब्बर) खुद ही मर जाता है औरअपने बेटे की मौत का बदला लेने के लिए मिनिस्टर अब उन तीनों लोगों के पीछे पड़ जाता है, जिससे मिलने संजय राजकोट आता है। तो क्या मिनिस्टर प्रधान से संजय उन तीनो को बचा पायेगा ? ये जानने के लिए आपको अपने पास के सिनेमाघरों का रुख करना होगा।
डायरेक्शन, राइटिंग और म्यूजिक
सिकंदर को लिखा और डायरेक्ट दोनों ही एआर मुरुगादॉस ने किया है, जो इससे पहले 'हॉलिडे' और 'गजनी' जैसी हिंदी फिल्में बना चुके हैं। सलमान खान की फिल्म कहानी थोड़ी फीकी है, लेकिन डायरेक्शन में वो कमी डायरेक्टर ने पूरी कर दी है। भाईजान की मूवी के एक्शन सीक्वेंस तो कमाल है और आखिर में साउथ जैसे जबरदस्त एक्शन सीन भी देखने को मिले हैं। हालांकि रजत अरोड़ा, हुसैन और अब्बास दलाल ने मूवी के डायलॉग्स लिखे हैं, जो ठीकठाक हैं, लेकिन कुछ जगह तो जबरन डायलॉग डिलीवरी है। 'सिकंदर नाचे नाचे' गाना शानदार है, जो लोगों की जुबान पर भी चढ़ा। इसके लिए पूरा क्रेडिट म्यूजिक कंपोज़र प्रीतम को जाता है, जिन्होंने बेहतरीन काम किया है।
कैसी है एक्टिंग?
सलमान खान की एक्टिंग आपको इस मूवी में पहले कई गुना बेहतर देखने को मिलने वाली है, खासतौर पर इमोशनल सीन्स में भाईजान छा गए हैं। रश्मिका ने महारानी साईश्री राजकोट का रोल ठीकठाक निभाया है, मगर एक चीज है, जो दर्शकों को खलेगी। सलमान के सामने रश्मिका कई सीन में नर्वस नजर आई हैं। शरमन जोशी, जतिन सरना ने अपने किरदार के साथ जस्टिस किया है और सत्यराज भी विलेन के रोल में खूब जचे हैं। जय कपूर, काजल अग्रवाल, विशाल वशिष्ठ, अंजनी धवन और नवाब शाह ने मूवी में कैमियो किया है।
फाइनल वर्डिक
ईद के मौके पर सलमान की फ़िल्म सिकंदर किसी ईदी से कम नहीं है, एक्शन, रोमांस और डांस का तड़का आपको पसंद है तो ये फिल्म देखी जा सकती है।
सिकंदर को मिलते हैं 3 स्टार्स
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