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Shark Tank India 4 : ‘कैटवॉक’ की वैल्यूएशन और मार्केट फिट पर उठे सवाल, इंवेस्टर्स ने कर ली तौबा!

Shark Tank India 4 : Shark Tank India 4 के लेटेस्ट एपिसोड में नॉन-अल्कोहलिक ब्रांड Catwalk की वैल्यूएशन को लेकर जबरदस्त बहस हुई। इनवेस्टर्स विनीता सिंह और कुणाल बहल ने ब्रांड के मार्केट फिट और ग्रोथ पोटेंशियल पर तीखे सवाल किए। पिचर्स ने अपने ब्रांड को यूनिक बताया, लेकिन इनवेस्टर्स को उनकी वैल्यूएशन ज्यादा लगी। 

'कैटवॉक' के वैल्यूएशन पर उठे सवाल!
Shark Tank India 4 : 'Shark Tank India' का चौथा सीजन चल रहा है, जिसमें कई स्टार्टअप्स अपने इनोवेटिव आइडियाज को शार्क्स (इनवेस्टर्स) के सामने पेश कर रहे हैं। हाल ही में, एक नॉन-अल्कोहलिक बेवरेज ब्रांड ‘Catwalk’ ने शो में अपनी पिच दी, लेकिन इनवेस्टर्स ने इसकी वैल्यूएशन और मार्केट फिटनेस को लेकर कई सवाल उठाए। ब्रांड के फाउंडर्स, दिल्ली के एंटरप्रेन्योर ईशान अरोड़ा और आमिर खान ने इस ड्रिंक को एक यूनिक कांसेप्ट के रूप में पेश किया। उन्होंने बताया कि यह ड्रिंक देखने में अल्कोहलिक लगती है, लेकिन इसमें कोई नशीला पदार्थ नहीं होता, जिससे इसे पार्टीज या सोशल गैदरिंग्स में आसानी से कंज्यूम किया जा सकता है।

वैल्यूएशन पर उठे सवाल

फाउंडर्स ने इस कंपनी के लिए 4.16% इक्विटी के बदले 1 करोड़ रुपये की मांग की, जिससे उनकी कंपनी की वैल्यूएशन करीब 24.04 करोड़ रुपये आंकी गई। हालांकि, उनकी इस हाई वैल्यूएशन ने इनवेस्टर्स को संदेह में डाल दिया और पिच के दौरान कई सवाल उठाए गए।

पिच के दौरान हुई कंट्रोवर्सी

पिच के दौरान ईशान अरोड़ा ने कहा कि उन्हें यह आइडिया स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान आया था। यह सुनकर शार्क अमन गुप्ता ने इंटरेस्ट दिखाया, लेकिन जब अन्य इनवेस्टर्स ने गहराई से सवाल पूछे, तो ईशान ने बाद में यह क्लियर किया कि उन्होंने स्टैनफोर्ड में पढ़ाई नहीं की है। उन्होंने बताया कि असल में उन्होंने लॉ की डिग्री ली है और फिर बर्कली कॉलेज ऑफ म्यूजिक से अपनी पढ़ाई पूरी की है। इस खुलासे के बाद इनवेस्टर्स को उनकी विश्वसनीयता पर संदेह होने लगा।

इंवेस्टर्स का नहीं जीत पाए भरोसा

जब कंपनी की वैल्यूएशन की बात आई, तो विनीता सिंह ने इस पर सवाल उठाते हुए कहा, 'हमें भी ऐसे एंजल इनवेस्टर्स से मिलवाएं जो 5 लाख रुपये की मंथली सेल्स पर आपकी कंपनी की वैल्यूएशन 24 करोड़ रुपये कर रहे हैं।' इससे साफ था कि इनवेस्टर्स को यह वैल्यूएशन रियलिस्टिक नहीं लगी और उन्हें स्टार्टअप के फाइनेंशियल डेटा पर भरोसा नहीं हुआ। कुणाल बहल ने भी मार्केट स्ट्रैटेजी, फाइनेंशियल स्टेबिलिटी और लॉन्ग-टर्म ग्रोथ को लेकर चिंता जताई। उन्होंने बताया कि अगर कोई कंपनी मार्केट में लॉन्ग-टर्म सर्वाइव करना चाहती है, तो उसे सिर्फ एक ट्रेंड के भरोसे नहीं रहना चाहिए, बल्कि एक सॉलिड फाइनेंशियल प्लान भी बनाना चाहिए।

कैसा है भारत में नॉन-अल्कोहलिक बेवरेज मार्केट?

भारत में हेल्थ-कॉन्शस लोगों के बीच नॉन-अल्कोहलिक बेवरेज इंडस्ट्री तेजी से ग्रो कर रही है। आजकल कई युवा और प्रोफेशनल्स ऐसे ड्रिंक्स की तलाश में रहते हैं, जो बिना अल्कोहल के भी पार्टी का एहसास कराएं। हालांकि, इस सेक्टर में पहले से ही कई बड़े ब्रांड्स मौजूद हैं, जिनमें Heineken 0.0, Kingfisher Radler और Budweiser Zero शामिल हैं। ऐसे में एक नया ब्रांड, जिसे अभी तक मार्केट में अच्छी पकड़ नहीं मिली है, अगर हाई वैल्यूएशन पर फंडिंग की मांग करता है, तो इनवेस्टर्स को उसमें इनवेस्ट करने से पहले कई बार सोचना पड़ेगा।

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